News

RBI MPC Meeting 2025 Live: क्या इस बार फिर घटेगा रेपो रेट? FY26 की पहली पॉलिसी पर आज होगा फैसला

  • April 9, 2025
  • 0

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 2025 की शुरुआत से ही निवेशकों, कारोबारियों और आम जनता की नजरों में बनी हुई है। यह

RBI MPC Meeting 2025 Live: क्या इस बार फिर घटेगा रेपो रेट? FY26 की पहली पॉलिसी पर आज होगा फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 2025 की शुरुआत से ही निवेशकों, कारोबारियों और आम जनता की नजरों में बनी हुई है। यह वित्त वर्ष 2026 (FY26) की पहली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि रेपो रेट में कटौती होगी या नहीं। मौजूदा वैश्विक आर्थिक हालात, खासतौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते, बाजारों में अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में आरबीआई का रुख बेहद अहम साबित हो सकता है।

पिछली बैठक में 5 साल बाद हुआ था कटौती का ऐलान

फरवरी 2025 में आरबीआई ने करीब पांच साल बाद पहली बार रेपो रेट में कटौती की थी। तब इसे 6.50% से घटाकर 6.25% किया गया था। इस फैसले का असर बाजार पर सकारात्मक पड़ा था और कई सेक्टर्स को राहत मिली थी, खासकर ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट जैसे ब्याज दर-संवेदनशील सेक्टरों को।

RBI MPC Meeting 2025 Live

मार्केट की उम्मीदें

अब जब FY26 की पहली पॉलिसी आ रही है, बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई दर नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती से मांग को और बढ़ावा मिल सकता है।

ग्लोबल अनिश्चितता और घरेलू मजबूती

दुनिया भर में अमेरिकी नीतियों के चलते ट्रेड वार और टैरिफ को लेकर चिंता बनी हुई है। डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति से ग्लोबल इकोनॉमी में दबाव बढ़ा है। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह समय संतुलित नीतिगत निर्णय लेने का है, जिससे आर्थिक विकास की रफ्तार बनी रहे।

हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूती के संकेत दे रही है। महंगाई दर रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य के भीतर है और विदेशी मुद्रा भंडार भी संतोषजनक स्तर पर है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए रेपो रेट घटा सकता है।

आम जनता और कारोबारियों के लिए क्या होगा असर?

अगर आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में राहत मिल सकती है। इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और बाजार में मांग को मजबूती मिलेगी। कारोबारियों के लिए भी पूंजी की लागत कम हो जाएगी, जिससे निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।

निष्कर्ष

RBI की यह पॉलिसी बैठक न सिर्फ बाजार के रुझान को तय करेगी, बल्कि आने वाले महीनों की आर्थिक दिशा को भी प्रभावित करेगी। यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो यह उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों के लिए एक राहत की खबर होगी। अब सबकी निगाहें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के ऐलान पर टिकी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *