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Rare Flying Snake Found in Lakhimpur, Uttar Pradesh: जानें इसकी खासियत

  • April 3, 2025
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सांपों का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में डर और चिंता का भाव आ जाता है। सांपों की कई प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें से कुछ बेहद

Rare Flying Snake Found in Lakhimpur, Uttar Pradesh:  जानें इसकी खासियत

सांपों का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में डर और चिंता का भाव आ जाता है। सांपों की कई प्रजातियाँ होती हैं, जिनमें से कुछ बेहद जहरीली होती हैं, तो कुछ पूरी तरह से निरापद। हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के दुधवा नेशनल पार्क में एक दुर्लभ उड़ने वाला सांप पाया गया है, जिसने वन्यजीव प्रेमियों और वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया है। यह सांप अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस (Ahaetulla longirostris) प्रजाति का है, जिसे लंबी थूथन वाला बेल सांप भी कहा जाता है।

क्या है इस सांप की खासियत?

यह दुर्लभ प्रजाति का सांप आमतौर पर जमीन पर नहीं रहता, बल्कि पेड़ों पर निवास करता है। इसकी सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यह हवा में छलांग लगाकर एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक जाने की क्षमता रखता है, जिससे इसे उड़ने वाला सांप भी कहा जाता है। हालांकि, यह वास्तव में उड़ता नहीं है, बल्कि अपने शरीर को फैला कर ग्लाइडिंग करता है, जिससे यह हवा में तैरता हुआ प्रतीत होता है।

Rare Flying Snake Found in Lakhimpur

पहली बार उत्तर प्रदेश में देखा गया यह सांप

अब तक अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस प्रजाति का यह सांप केवल बिहार में पाया जाता था, लेकिन पहली बार इसे उत्तर प्रदेश में देखा गया है। दुधवा टाइगर रिजर्व के वन अधिकारियों ने इसे खोजा और इसकी पहचान की पुष्टि की। यह खोज वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे उत्तर प्रदेश की जैव विविधता और समृद्ध हो गई है।

क्या यह सांप जहरीला है?

यह उड़ने वाला सांप हल्का विषैला (Mildly Venomous) होता है, लेकिन यह मनुष्यों के लिए घातक नहीं है। इसका जहर इतना प्रभावशाली नहीं होता कि यह किसी इंसान की जान ले सके। यह मुख्य रूप से छोटे कीड़ों, छिपकलियों और पक्षियों का शिकार करता है। इसलिए, इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।

कैसा दिखता है यह सांप?

  • इस सांप का शरीर पतला और लंबा होता है, जिससे यह आसानी से पेड़ों के बीच घूम सकता है।
  • इसकी थूथन लंबी और नुकीली होती है, जो इसे अन्य सांपों से अलग बनाती है।
  • इसका रंग हरा या हल्का भूरा हो सकता है, जो इसे पेड़ों की टहनियों में छिपने में मदद करता है।

इस खोज का क्या महत्व है?

इस सांप की मौजूदगी से यह साबित होता है कि दुधवा नेशनल पार्क में जैव विविधता काफी समृद्ध है और यहां कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं। वन्यजीव वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए यह खोज बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए अध्ययनों और शोध के लिए नए द्वार खोल सकती है।

क्या इसे लेकर लोगों को डरने की जरूरत है?

नहीं, यह सांप मनुष्यों के लिए खतरा नहीं है। यह आमतौर पर पेड़ों में रहता है और इंसानों से दूर रहने की कोशिश करता है। यदि यह किसी को काटता भी है, तो उसका जहर घातक नहीं होता। फिर भी, अगर जंगल या किसी पेड़ वाले इलाके में यह सांप दिखे, तो इसे परेशान न करें और वन विभाग को इसकी सूचना दें।

निष्कर्ष

लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में अहेतुल्ला लॉन्गिरोस्ट्रिस नामक दुर्लभ उड़ने वाला सांप पाया गया है, जो पेड़ों में रहने और ग्लाइड करने की क्षमता रखता है। यह पहली बार उत्तर प्रदेश में देखा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र वन्यजीवों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। यह खोज वन्यजीव संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे हमें भारत की जैव विविधता को और अधिक समझने में मदद मिलेगी।

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