Rapid Fleet IPO Listing: मामूली प्रीमियम पर लिस्टिंग, निवेशकों को मिला सीमित लाभ
March 29, 2025
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भारत की लॉजिस्टिक्स और रोड ट्रांसपोर्टेशन इंडस्ट्री में तेजी से उभर रही कंपनी Rapid Fleet Management का आईपीओ (Initial Public Offering) निवेशकों के लिए ज्यादा उत्साहजनक साबित नहीं
भारत की लॉजिस्टिक्स और रोड ट्रांसपोर्टेशन इंडस्ट्री में तेजी से उभर रही कंपनी Rapid Fleet Management का आईपीओ (Initial Public Offering) निवेशकों के लिए ज्यादा उत्साहजनक साबित नहीं हुआ। कंपनी के शेयर NSE SME प्लेटफॉर्म पर मामूली प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए। हालांकि, पहले ही दिन इसमें कुछ बढ़त देखने को मिली, जिससे आईपीओ निवेशकों को सीमित लाभ हुआ।
कैसा रहा Rapid Fleet का IPO?
Rapid Fleet Management, जो B2B और B2C लॉजिस्टिक्स और रोड ट्रांसपोर्टेशन सेवाएं प्रदान करती है, ने अपने IPO के तहत सिर्फ नए शेयर जारी किए। हालांकि, खुदरा निवेशकों का हिस्सा पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हो पाया। इसके बावजूद, कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 192 रुपये के इश्यू प्राइस पर हुई और 195 रुपये के भाव पर NSE SME पर एंट्री ली। यानी निवेशकों को 1.56% का मामूली लिस्टिंग गेन मिला।
लिस्टिंग के बाद शेयर में उतार-चढ़ाव
IPO लिस्टिंग के बाद Rapid Fleet के शेयरों में कुछ बढ़त दर्ज की गई और यह 203.75 रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। हालांकि, दिन के अंत में इसमें हल्की गिरावट आई और यह 200.50 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह, पहले ही कारोबारी दिन IPO में निवेश करने वालों को 4.43% का मुनाफा मिला।
Rapid Fleet की कारोबारी सेहत कैसी है?
Rapid Fleet Management की मौजूदा स्थिति को देखें तो कंपनी के बेड़े में 200 से अधिक वाहन हैं और यह भारत के विभिन्न हिस्सों में लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान कर रही है। कंपनी के बिजनेस मॉडल को देखते हुए यह आगे अच्छी संभावनाओं वाली कंपनी मानी जा रही है। हालांकि, खुदरा निवेशकों की ठंडी प्रतिक्रिया ने इस पर कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं।
कंपनी ने अपने IPO से जो राशि जुटाई है, उसका उपयोग नए वाहनों की खरीद, तकनीकी उन्नयन और विस्तार योजनाओं में किया जाएगा। अगर कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं को सही तरीके से लागू कर पाई, तो आने वाले समय में इसके शेयरों में और मजबूती देखने को मिल सकती है।
IPO में निवेशकों की प्रतिक्रिया ठंडी क्यों रही?
Rapid Fleet के IPO को खुदरा निवेशकों से अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं:
लॉजिस्टिक्स सेक्टर की अस्थिरता – इस सेक्टर में हाल के वर्षों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं।
छोटे बाजार में लिस्टिंग – NSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड कंपनियों में आमतौर पर कम लिक्विडिटी होती है, जिससे निवेशकों की रुचि सीमित रहती है।
संभावित जोखिम – कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल तो है, लेकिन प्रतिस्पर्धा और आर्थिक परिस्थितियां इस पर असर डाल सकती हैं।
निवेशकों के लिए आगे क्या?
Rapid Fleet के शेयरों में पहले दिन सीमित लाभ जरूर मिला, लेकिन लॉन्ग टर्म में इसमें ग्रोथ की संभावनाएं हैं। जो निवेशक लॉजिस्टिक्स सेक्टर में संभावनाएं देख रहे हैं, वे इस स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड कर सकते हैं। हालांकि, बाजार की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए इसमें निवेश से पहले रिसर्च और सावधानी जरूरी है।
निष्कर्ष
Rapid Fleet का IPO निवेशकों के लिए बहुत आकर्षक नहीं रहा, लेकिन लिस्टिंग के बाद इसमें मामूली बढ़त देखने को मिली। कंपनी की लॉन्ग-टर्म रणनीतियों और बाजार की स्थितियों के आधार पर आगे के रुझान तय होंगे। निवेशकों को इस स्टॉक पर नजर बनाए रखनी चाहिए और लॉन्ग-टर्म निवेश के लिहाज से फैसले लेने चाहिए।