Pahalgam terror attack: 26 निर्दोषों की मौत, आदिल भी नहीं बच सका – दर्दनाक मंजर की पूरी कहानी
April 23, 2025
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जम्मू कश्मीर का पहलगाम अपनी खूबसूरती और सुकून देने वाली वादियों के लिए जाना जाता है। लेकिन मंगलवार को यह शांत इलाका आतंक की चपेट में आ गया।
जम्मू कश्मीर का पहलगाम अपनी खूबसूरती और सुकून देने वाली वादियों के लिए जाना जाता है। लेकिन मंगलवार को यह शांत इलाका आतंक की चपेट में आ गया। आतंकवादियों ने अचानक हमला कर 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली। इस हमले में खास बात यह रही कि आतंकियों ने सिर्फ पुरुषों को ही निशाना बनाया, जिससे एक बार फिर कश्मीर में टारगेटेड किलिंग की बहस छिड़ गई है।
हमले की भयावह तस्वीर
घटना मंगलवार की शाम की है, जब पहलगाम के एक लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट पर अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अफरा-तफरी में हर कोई अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगा। चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों ने चुन-चुनकर पुरुषों को निशाना बनाया। महिलाएं और बच्चे हमले में बाल-बाल बचे, लेकिन पुरुषों को बख्शा नहीं गया।
आदिल हुसैन शाह – पहलगाम का बेटा भी बना शिकार
इस हमले में सबसे चौंकाने वाली खबर यह रही कि पहलगाम का ही एक स्थानीय युवक, सैयद आदिल हुसैन शाह भी आतंकियों का निशाना बन गया। आदिल एक साधारण युवक था, जो अपने परिवार की देखभाल करता था और अपने गांव में काफी लोकप्रिय था। उसके दोस्तों और परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा कि आदिल जैसा नेकदिल इंसान आतंकियों का निशाना बन सकता है।
गुजरात के 3 पर्यटक भी शामिल
हमले में मारे गए 26 लोगों में से 3 पर्यटक गुजरात के थे। वे पहलगाम की वादियों में छुट्टियां मनाने आए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह यात्रा उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा साबित होगी। उनके परिवार अब गहरे शोक में डूबे हैं और सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं।
मरने वालों की पूरी सूची
अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार 26 मृतकों में शामिल हैं:
सैयद आदिल हुसैन शाह – पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
राकेश पटेल – सूरत, गुजरात
महेश भाई राणा – अहमदाबाद, गुजरात
विनोद चौधरी – राजकोट, गुजरात
सुनील कुमार – दिल्ली
आरिफ हुसैन – लखनऊ
नवीन सिंह – उत्तराखंड
बलविंदर सिंह – पंजाब
अनिल यादव – बिहार
राहुल मिश्रा – मध्यप्रदेश
कुलदीप ठाकुर – हिमाचल प्रदेश (सूची शेष है और शिनाख्त जारी है)
सरकार और सेना की प्रतिक्रिया
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पूरे इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
टारगेटेड किलिंग पर उठे सवाल
यह हमला इसलिए भी ज्यादा भयावह माना जा रहा है क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को ही निशाना बनाया गया। क्या यह आतंकियों की कोई नई रणनीति है? क्या वे एक खास वर्ग या समुदाय को डराने की कोशिश कर रहे हैं? ऐसे सवालों ने सुरक्षा एजेंसियों को भी चिंता में डाल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला सामान्य आतंकी हमले से अलग है, और इसका उद्देश्य लोगों के बीच डर फैलाना और कश्मीर की शांति को भंग करना है।
पहलगाम की वीरान वादियां
हमले के बाद पहलगाम की गलियां सुनसान हो गई हैं। जहां एक ओर गर्मियों में यहां पर्यटकों की भीड़ होती है, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। होटल खाली हैं, दुकानदार सहमे हुए हैं और स्थानीय लोग सदमे में हैं। आदिल की मौत ने इलाके को और भी ज्यादा भावुक कर दिया है, क्योंकि वह वहां का अपना था।
निष्कर्ष
पहल्गाम आतंकी हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि मानवता पर एक गहरा आघात है। 26 बेगुनाहों की मौत और सैकड़ों जख्मी दिल इस बात की गवाही देते हैं कि आतंकवाद किसी का दोस्त नहीं होता। सरकार और सुरक्षा बलों को चाहिए कि वे इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाएं। साथ ही, हमें भी एक समाज के रूप में एकजुट होकर आतंक के खिलाफ आवाज़ बुलंद करनी होगी।