ऑपरेशन सिंदूर: 25 मिनट में 25 साल के आतंक का हिसाब – भारत की निर्णायक कार्यवाही
- May 8, 2025
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भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की कहानी एक लंबे संघर्ष, विश्वासघात और वीरता से भरी हुई है। 1947 में आज़ादी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की कहानी एक लंबे संघर्ष, विश्वासघात और वीरता से भरी हुई है। 1947 में आज़ादी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों की कहानी एक लंबे संघर्ष, विश्वासघात और वीरता से भरी हुई है। 1947 में आज़ादी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बार-बार आतंक का सहारा लिया। लेकिन हर बार भारत ने न केवल अपने जवानों की शहादत का बदला लिया, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। ताजा उदाहरण है ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें भारत ने 25 वर्षों से जारी आतंकवाद का हिसाब मात्र 25 मिनट में चुकता कर दिया।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया। इस हमले में भारतीय जवानों और निर्दोष नागरिकों की जान गई। इसके तुरंत बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया।
इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के नौ बड़े ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। यह हमले इतने सटीक और तीव्र थे कि पाकिस्तान को संभलने का मौका भी नहीं मिला।
ऑपरेशन सिंदूर से पहले भारत की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुई थी।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसका जवाब भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करके दिया।
यह कार्रवाई भारतीय वायुसेना द्वारा की गई थी जिसमें जैश के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर दिया गया। यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हवाई हमला किया।
18 सितंबर 2016 को उरी में भारतीय सेना के बेस पर हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के ठीक 10 दिन बाद, भारत ने रातोंरात पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया और कई आतंकवादी लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया।
यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि पहली बार भारत ने आधिकारिक रूप से सीमा पार जाकर आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की।
1999 में पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र कारगिल में घुसपैठ कर ली थी। पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया।
भारत ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और दुर्गम पहाड़ियों पर फिर से कब्जा जमाया।
26 जुलाई 1999 को भारत ने विजय हासिल की और इस दिन को करगिल विजय दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।
1971 में भारत ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में निर्णायक भूमिका निभाई। यह युद्ध पूर्वी पाकिस्तान में उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के विरोध में लड़ा गया था।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दोनों मोर्चों पर युद्ध किया और 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस ऐतिहासिक युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया।
5 अगस्त 1965 को पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू करते हुए कश्मीर में घुसपैठ की।
भारत ने जवाब में जोरदार सैन्य कार्रवाई की, जो पूरे युद्ध में बदल गई।
यह युद्ध 23 सितंबर 1965 तक चला और अंततः सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता से युद्ध विराम हुआ।
आजादी के तुरंत बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर पहला युद्ध शुरू हुआ।
पाकिस्तान समर्थित कबायली हमलावरों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया।
महाराजा हरि सिंह के भारत में विलय के फैसले के बाद, भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला और आक्रमणकारियों को खदेड़ा।
युद्ध जनवरी 1949 तक चला और यूएन की मध्यस्थता से युद्धविराम लागू हुआ। इसके बाद एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) का गठन हुआ।
भारत अब केवल “संयम” की नीति पर नहीं चलता, बल्कि “प्रतिकार और प्रतिशोध” की नीति भी अपनाता है।
ऑपरेशन सिंदूर इसका नवीनतम उदाहरण है। यह संदेश है उन ताकतों को जो भारत की संप्रभुता और शांति को चुनौती देती हैं –
भारत अब आतंक को उसी की भाषा में जवाब देना जानता है।
हर हमले के बाद भारत का जवाब पहले से ज्यादा सटीक, तीव्र और निर्णायक होता जा रहा है। यही भारत की नई सुरक्षा नीति का परिचायक है – शांति की चाह, लेकिन आत्मरक्षा में कोई संकोच नहीं।