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तुर्किए का KOSGEB प्रोग्राम बना भारत के लिए मॉडल: जानिए क्यों नीति आयोग ने की सराहना

  • May 27, 2025
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भारत और तुर्किए के राजनीतिक रिश्तों में भले ही तनाव हो, लेकिन जब बात विकास की होती है, तो भारत व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने से पीछे नहीं हटता। हाल

तुर्किए का KOSGEB प्रोग्राम बना भारत के लिए मॉडल: जानिए क्यों नीति आयोग ने की सराहना

भारत और तुर्किए के राजनीतिक रिश्तों में भले ही तनाव हो, लेकिन जब बात विकास की होती है, तो भारत व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने से पीछे नहीं हटता। हाल ही में नीति आयोग ने तुर्किए के एक विशेष कार्यक्रम की सराहना की है, जिसे छोटे और मध्यम उद्यमों (SME) के लिए आदर्श माना जा रहा है। यह कार्यक्रम है KOSGEB (Small and Medium Enterprises Development Organization) – एक ऐसा इनिशिएटिव, जिसने तुर्किए में उद्यमिता को नई दिशा दी है और जिसे अब भारत भी अपने मॉडल के तौर पर अपनाने की सोच रहा है।

क्या है KOSGEB प्रोग्राम?

KOSGEB यानी “Small and Medium Enterprises Development Organization” तुर्किए का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य SMEs को तकनीकी, वित्तीय और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करना है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक ई-अकादमी (E-Academy) भी संचालित की जाती है, जो ऑनलाइन और डिस्टेंस ट्रेनिंग के जरिए उद्यमियों को प्रशिक्षित करती है।

इस प्रोग्राम की सबसे खास बात यह है कि यह महिलाओं, युवाओं और दिव्यांग उद्यमियों को प्राथमिकता देता है। इसका उद्देश्य इन वंचित वर्गों को व्यापार और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक स्किल्स प्रदान करना है।

नीति आयोग ने क्यों की सराहना?

नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट “मध्यम उद्यमों के लिए नीति तैयार करना” में इस प्रोग्राम का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि तुर्किए का KOSGEB मॉडल भारतीय SMEs के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। रिपोर्ट में KOSGEB के ई-अकादमी मॉडल को “लचीला, सुलभ और प्रभावी” बताया गया है।

KOSGEB

इसमें कहा गया है कि भारत में भी ऐसा ही एक प्रशिक्षण मॉडल अपनाया जाना चाहिए, जो ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हो और जिसमें सब्सिडी आधारित या मुफ्त कोर्सेस प्रदान किए जाएं, खासकर समाज के वंचित तबकों के लिए।

क्या है ई-अकादमी की कार्यप्रणाली?

KOSGEB की ई-अकादमी एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म है, जो उद्यमियों को उनके समय और स्थान की सुविधा के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह प्लेटफॉर्म तकनीकी, व्यवसायिक, प्रबंधन और डिजिटल स्किल्स जैसे विषयों पर कोर्सेस उपलब्ध कराता है।

इसके अंतर्गत:

  • महिला और युवा उद्यमियों को विशेष स्कॉलरशिप मिलती है।
  • दिव्यांगजनों के लिए विशेष एक्सेसिबिलिटी फीचर्स होते हैं।
  • प्रशिक्षण पूरी तरह से वर्चुअल होता है, जिससे ग्रामीण या दूरदराज के क्षेत्र भी इसकी पहुँच में आते हैं।

नीति आयोग का मानना है कि इस मॉडल से भारत में भी एसएमई क्षेत्र को नई ऊर्जा मिल सकती है।

भारत में SMEs की स्थिति

भारत में SMEs देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। लगभग 30% GDP में इनका योगदान है और यह 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। लेकिन इनकी सबसे बड़ी चुनौती है स्किल गैप और ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में पिछड़ना

नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि मीडियम स्केल इंडस्ट्रीज को वैश्विक बाजार में सफल बनाने के लिए एक अनुकूलित, डेटा-ड्रिवन स्किल डेवेलपमेंट मॉडल की जरूरत है। और यही वह क्षेत्र है जहां तुर्किए का KOSGEB प्रोग्राम एक मिसाल बन सकता है।

क्या भारत में यह मॉडल सफल होगा?

भारत में पहले से ही Skill India जैसे बड़े प्रोग्राम चल रहे हैं, लेकिन SMEs के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया डिजिटल स्किलिंग प्रोग्राम अभी भी एक बड़ी जरूरत है। तुर्किए का मॉडल इस जरूरत को पूरा कर सकता है, बशर्ते इसे भारतीय संदर्भ में अनुकूलित किया जाए।

यदि भारत:

  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट एक्सेस की सुविधा सुनिश्चित करे,
  • शिक्षा और ट्रेनिंग के कोर्स को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराए,
  • और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करे,

तो यह मॉडल भारत में न सिर्फ लागू हो सकता है, बल्कि लाखों उद्यमियों को आत्मनिर्भर भी बना सकता है।

राजनीतिक मतभेदों के बावजूद व्यावसायिक सहयोग

यह भी ध्यान देने योग्य है कि तुर्किए ने हाल ही में पाकिस्तान को ड्रोन सहायता देकर भारत विरोधी रुख अपनाया था, जिससे भारत में तुर्किए का विरोध हो रहा है। इसके बावजूद नीति आयोग ने सिर्फ नीतिगत स्तर पर एक प्रभावी मॉडल को पहचान कर उसकी सराहना की है। यह दिखाता है कि भारत व्यावसायिक प्रगति के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सोचना जानता है

निष्कर्ष

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में छोटे और मध्यम उद्यमों को मजबूती देने के लिए एक मजबूत स्किलिंग इकोसिस्टम की आवश्यकता है। तुर्किए का KOSGEB मॉडल एक ऐसा उदाहरण बन सकता है, जिससे भारत न सिर्फ अपनी स्किल डेवलपमेंट रणनीति को सशक्त बना सकता है, बल्कि उद्यमिता को गांव-गांव तक पहुंचा सकता है।

नीति आयोग का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि भारत वैश्विक अनुभवों से सीखकर अपनी नीतियों में नवाचार लाने को तैयार है – और यही भारत की असली ताकत है।

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