NIA का बड़ा खुलासा: पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा, ISI और पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत
- May 2, 2025
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को हिला दिया, बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें इस वारदात पर लगीं। जैसे ही इस घटना के
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को हिला दिया, बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें इस वारदात पर लगीं। जैसे ही इस घटना के
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को हिला दिया, बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें इस वारदात पर लगीं। जैसे ही इस घटना के बाद जांच शुरू हुई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कई बड़े खुलासे किए हैं, जो इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, ISI और पाकिस्तानी सेना की साजिश को उजागर करते हैं। हाल ही में NIA ने इस मामले में कुछ बेहद चौंकाने वाली जानकारी साझा की, जो इस हमले की गंभीरता को और बढ़ाती है।
NIA की जांच से यह सामने आया है कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। इसके साथ ही, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तानी सेना की भी इसमें मिलीभगत थी। सुरक्षाबलों ने पाया कि हमले से पहले आतंकियों ने बेताब घाटी में हथियार छिपाए थे, जो घटना स्थल से केवल 10 किलोमीटर दूर थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि हमलावरों ने पूरी साजिश बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से रची थी और उनकी मदद पाकिस्तानी संस्थाओं से मिल रही थी।
NIA ने अपनी जांच में यह खुलासा किया है कि आतंकियों ने अपने हथियार बेताब घाटी में छिपाए थे। इस घाटी का स्थान पहलगाम से लगभग 10 किलोमीटर दूर था। यहां पर इन आतंकियों ने हथियारों को छिपाकर, आने वाले समय में हमला करने के लिए उनका इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। NIA के अधिकारियों का मानना है कि ये हथियार आतंकियों के लिए हमले को अंजाम देने में मददगार साबित हुए, और उनका उद्देश्य किसी बड़े हमले को अंजाम देना था।
NIA ने इस मामले में जांच की गति को तेज किया और अब तक 150 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इस जांच में 3D मैपिंग का भी इस्तेमाल किया गया है, ताकि घटनास्थल और इसके आसपास के क्षेत्र की पूरी तस्वीर तैयार की जा सके। इस तकनीकी सहायता के माध्यम से सुरक्षाबलों को इस आतंकी हमले की साजिश को समझने में मदद मिली है और वे अब इसे लेकर अगले कदम उठा रहे हैं।
जांच के दौरान NIA ने एक और किरदार का भी खुलासा किया है, जो इस हमले के पीछे सक्रिय था। यह किरदार न केवल लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था, बल्कि पाकिस्तान से भी इस व्यक्ति का संबंध था। NIA की जांच में यह बात सामने आई है कि इस व्यक्ति ने पाकिस्तान में बैठकर आतंकियों को हथियारों की सप्लाई की थी और हमले की योजना को अंजाम देने के लिए उन्हें तैयार किया था।
जांच के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की सेना और ISI इस हमले में संलिप्त थे। यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान हमेशा से ही आतंकवाद का समर्थन करता आया है और इस घटना में भी उनका हाथ होने का आरोप कई बार सामने आया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान पर कई बार आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, और इस बार फिर यही बात सामने आई है।
इस हमले के बाद पूरे कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा के हालात और भी कड़े हो गए हैं। सुरक्षाबल अब और भी सतर्क हो गए हैं और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी है। पहलगाम हमला इस बात का एक उदाहरण है कि आतंकवादी गतिविधियाँ केवल कश्मीर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकवादी इस पूरे क्षेत्र में सक्रिय हैं।
NIA इस समय इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस जांच में 3D मैपिंग और तकनीकी सहायता के साथ-साथ इनपुट्स से पूरी साजिश को उजागर किया गया है। NIA को उम्मीद है कि जल्द ही बाकी बचे आतंकवादियों को पकड़ लिया जाएगा और उन्हें सजा दिलवाई जाएगी।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच में सामने आए नए खुलासे यह दर्शाते हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों और खुफिया एजेंसियों का हाथ था। NIA की कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देना अब भी जारी है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में इस प्रकार की आतंकवादी घटनाओं को सख्त सुरक्षा उपायों के जरिए रोका जाएगा।