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MP का ‘सांप घोटाला’: 38 बार सांप के काटने पर मिला मुआवजा, 11 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

  • May 22, 2025
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मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक ऐसा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। यहां एक व्यक्ति को 38 बार सांप के

MP का ‘सांप घोटाला’: 38 बार सांप के काटने पर मिला मुआवजा, 11 करोड़ की हेराफेरी का खुलासा

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक ऐसा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। यहां एक व्यक्ति को 38 बार सांप के काटने का दावा करके 4-4 लाख रुपये मुआवजे के रूप में निकाले गए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे ‘सांप घोटाला‘ करार देते हुए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कैसे हुआ घोटाला?

मध्य प्रदेश सरकार की एक योजना के तहत सांप के काटने से मौत होने पर 4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है। इसी योजना का फायदा उठाकर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर करोड़ों की हेराफेरी की।

जांच में खुलासा हुआ कि एक व्यक्ति रमेश को दस्तावेजों में 30 बार मरा हुआ दिखाया गया, जबकि रामकुमार को 19 बार मृत बताया गया। बिना मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस वेरिफिकेशन और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के ही भुगतान पास किए जाते रहे।

MP snake scam

1.20 करोड़ का व्यक्तिगत गबन

रमेश नाम के व्यक्ति के नाम पर कुल 1.20 करोड़ रुपये का फर्जी मुआवजा निकाला गया। यह घोटाला 2019 में शुरू हुआ और 2022 तक चला, यानी कमलनाथ सरकार से लेकर शिवराज सरकार तक भ्रष्टाचार का यह सिलसिला जारी रहा।

किस पर हुई कार्रवाई?

अब तक केवल एक सहायक सचिव को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तत्कालीन एसडीएम अमित सिंह और पांच तहसीलदारों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। जांच में सामने आया कि इन अधिकारियों की आईडी का दुरुपयोग कर फर्जी भुगतान पास किए गए।

कांग्रेस का सवाल- बाकी 54 जिलों में क्या स्थिति होगी?

जीतू पटवारी ने एक वीडियो शेयर कर कहा, “अगर एक जिले में ही 11 करोड़ का सांप घोटाला हो सकता है, तो पूरे प्रदेश की हालत क्या होगी?” उन्होंने इसे प्रदेशवासियों के खून-पसीने की कमाई की लूट बताया।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश का ‘सांप घोटाला’ सिर्फ भ्रष्टाचार की कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसा उदाहरण है जो यह दिखाता है कि योजनाओं का लाभ कैसे चंद लोग निजी फायदे के लिए उठाते हैं। जनता को सतर्क रहना होगा और सरकार को पारदर्शिता और सख्त जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।

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