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खराब परफॉरमेंस के चलते Microsoft में छंटनी, दो साल तक वापसी के दरवाजे बंद

  • May 9, 2025
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टेक इंडस्ट्री में जब से COVID-19 महामारी के बाद आर्थिक संकट गहरा हुआ है, कंपनियों ने अपनी कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की भर्ती नीतियों में बदलाव करना शुरू कर

खराब परफॉरमेंस के चलते Microsoft में छंटनी, दो साल तक वापसी के दरवाजे बंद

टेक इंडस्ट्री में जब से COVID-19 महामारी के बाद आर्थिक संकट गहरा हुआ है, कंपनियों ने अपनी कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की भर्ती नीतियों में बदलाव करना शुरू कर दिया है। Amazon, Meta और अब Microsoft जैसी बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन के मामले में कड़ी होती जा रही हैं। जहां पहले कर्मचारियों को कुछ राहत दी जाती थी, वहीं अब खराब प्रदर्शन के कारण छंटनी का सामना करने वाले कर्मचारियों के लिए कंपनी ने भविष्य में दो साल तक वापसी के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

यह निर्णय यह दर्शाता है कि बड़े टेक स्टार्टअप्स और कंपनियां अब न केवल अपने कर्मचारियों की कार्य क्षमता पर ध्यान दे रही हैं, बल्कि अब उन्हें एक उच्च प्रदर्शन की उम्मीद भी रखने लगी हैं। इस कदम ने कार्यक्षेत्र में बदलाव की प्रक्रिया को और अधिक तेज कर दिया है। आइए जानें इस नीति के पीछे की वजह, इसके प्रभाव, और इसके लंबे समय तक उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

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Microsoft का नया निर्णय: खराब परफॉरमेंस वाले कर्मचारियों के लिए कड़े नियम

Microsoft ने हाल ही में घोषणा की है कि यदि किसी कर्मचारी का प्रदर्शन उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होता है, तो उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया जाएगा और अगले दो साल तक उस कर्मचारी को कंपनी में फिर से नियुक्ति का कोई अवसर नहीं मिलेगा। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए है जो कंपनी की आंतरिक गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरते और जिनकी कार्यक्षमता में गिरावट आई होती है।

इस फैसले से पहले, Microsoft जैसी कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को चेतावनी देती थीं और कुछ सुधारात्मक प्रशिक्षण का प्रस्ताव भी देती थीं। लेकिन अब कार्यसंस्कृति में बदलाव के साथ कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी न तो सुधार सकता है और न ही उसके प्रदर्शन में सुधार होता है, तो उसे संगठन से बाहर करना जरूरी है।

कड़ी नीतियों का प्रभाव

Microsoft और अन्य टेक कंपनियों की इन कड़ी नीतियों का असर न केवल कर्मचारियों पर पड़ने वाला है, बल्कि इसके उद्योग पर भी दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।

  1. कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर: लगातार उच्च प्रदर्शन की मांग और कर्मचारियों को दो साल तक वापस न आने देने का निर्णय मानसिक स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रदर्शन पर आधारित यह दबाव कर्मचारियों में तनाव, चिंता और निराशा पैदा कर सकता है।
  2. संगठन में प्रतिस्पर्धा: इस प्रकार की नीतियों से कर्मचारियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, क्योंकि हर कोई अपनी नौकरी बनाए रखने के लिए पूरी ताकत लगाता है। हालांकि, यह भी देखा जा सकता है कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से ज्यादा कामकाजी तनाव और अनहेल्दी वर्क कल्चर विकसित हो सकता है।
  3. कर्मचारी बनाए रखने की रणनीतियों में बदलाव: जहां एक तरफ कंपनियां छंटनी कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ वे अपने कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी वेतन, बेनिफिट्स और कार्य-संस्कृति सुधारने पर ध्यान दे रही हैं। ऐसे में, कंपनियों को अपने कर्मचारियों को प्रेरित रखने और कार्यस्थल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सही उपायों की आवश्यकता होगी।

अन्य कंपनियों की नीतियां और Microsoft का कदम

Microsoft अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने कर्मचारियों के प्रदर्शन पर कड़ी नीतियां अपनाई हैं। इससे पहले Amazon, Meta और अन्य कंपनियां भी कर्मचारियों के खराब प्रदर्शन को लेकर कड़े कदम उठा चुकी हैं।

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  • Amazon ने पहले ही अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन को लेकर कड़ी नीतियां लागू की थीं। यदि कर्मचारी लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो उसे कंपनी से बाहर कर दिया जाता है।
  • Meta (Facebook) ने भी कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर सख्त नीतियां बनाई हैं। खराब परफॉरमेंस को लेकर Meta में पहले से ही नियम हैं कि कर्मचारियों को सुधारने के लिए एक तय समय दिया जाता है, इसके बाद अगर सुधार नहीं होता तो उन्हें बाहर कर दिया जाता है।

इन कंपनियों का उदाहरण दर्शाता है कि अब कंपनियां केवल अपने कर्मचारियों से प्रदर्शन की उम्मीद नहीं करतीं, बल्कि उन्हें इसके लिए एक स्वस्थ और प्रतिस्पर्धी वातावरण भी देना चाहती हैं।

कर्मचारियों के लिए नई चुनौती

जहां एक ओर कंपनियां अपनी छंटनी की नीतियों को कड़ा कर रही हैं, वहीं कर्मचारियों के लिए यह चुनौती भी बड़ी है। कार्यक्षेत्र में वृद्धि करने और अपनी स्थिरता बनाए रखने के लिए कर्मचारियों को अपनी पूरी मेहनत और क्षमता का प्रदर्शन करना होगा।

यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जो कर्मचारियों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं:

  1. प्रोफेशनल डेवेलपमेंट पर ध्यान दें: तकनीकी और पेशेवर कौशल को निरंतर अद्यतन करना आवश्यक है।
  2. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें: कार्यों में स्पष्टता और लक्ष्यों के साथ काम करना उत्पादकता को बढ़ाता है।
  3. समय प्रबंधन में दक्षता: कार्यों को समय पर पूरा करना, प्रबंधन के तहत काम करना, और प्राथमिकताओं को सही ढंग से तय करना महत्वपूर्ण है।
  4. मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें: कार्यस्थल के तनाव को कम करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।

निष्कर्ष

Microsoft का खराब प्रदर्शन के चलते कर्मचारियों के लिए दो साल तक वापसी के दरवाजे बंद करने का निर्णय दर्शाता है कि अब कंपनियां अपने कर्मचारियों से उच्च स्तर की कार्यक्षमता की उम्मीद कर रही हैं। यह कदम न केवल कर्मचारियों को प्रेरित करेगा, बल्कि कार्यस्थल की संस्कृति में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसके मानसिक और भावनात्मक प्रभाव को भी समझने की आवश्यकता है, ताकि कर्मचारियों को अधिक समर्थन और सहारा मिल सके।

इस तरह की नीतियां आने वाले समय में अन्य कंपनियों द्वारा भी अपनाई जा सकती हैं, जिससे पूरे उद्योग में कामकाजी संस्कृति में बदलाव आने की संभावना है।

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