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इंस्टाग्राम पर टीनएजर्स की सुरक्षा हुई और सख्त – Meta ने लॉन्च किए नए सेफ्टी फीचर्स

  • July 26, 2025
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भारत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, खासकर युवाओं और टीनएजर्स के बीच इंस्टाग्राम की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है। इसी को ध्यान

इंस्टाग्राम पर टीनएजर्स की सुरक्षा हुई और सख्त – Meta ने लॉन्च किए नए सेफ्टी फीचर्स

भारत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, खासकर युवाओं और टीनएजर्स के बीच इंस्टाग्राम की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुए Meta ने इंस्टाग्राम पर टीनएजर्स की सुरक्षा को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मकसद किशोरों को ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबरबुलिंग और असुविधाजनक अनुभवों से सुरक्षित रखना है।

अब डायरेक्ट मैसेजिंग में आएगी सावधानी की चेतावनी

Meta ने इंस्टाग्राम यूज़र्स के लिए डायरेक्ट मैसेजिंग (DM) से जुड़ी दो बेहद अहम सुरक्षा सुविधाएं जोड़ी हैं, जो खासकर किशोर यूज़र्स के लिए कारगर साबित होंगी।

अब अगर कोई टीनएजर किसी नए यूज़र से चैट शुरू करता है—even अगर दोनों एक-दूसरे को फॉलो करते हों—तो इंस्टाग्राम एक सिक्योरिटी टिप के रूप में नोटिफिकेशन दिखाएगा। इस चेतावनी में किशोर यूज़र को यह सलाह दी जाएगी कि वह सामने वाले की प्रोफाइल को ध्यान से चेक करें और कोई भी संदिग्ध गतिविधि महसूस होने पर सतर्क रहें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि जब तक भरोसा न हो, तब तक कोई भी निजी जानकारी जैसे कि फोन नंबर, पते या पासवर्ड जैसी चीजें शेयर न करें।

यह फीचर खास तौर पर पहली बार बातचीत शुरू करने वाले किशोरों को अनजान या नकली खातों से सतर्क रखने के लिए बनाया गया है।

चैट में दिखेगा सामने वाले अकाउंट की क्रिएशन डेट

Meta

इंस्टाग्राम अब चैट बॉक्स में एक और महत्वपूर्ण जानकारी दिखाने जा रहा है। अब जब कोई किशोर किसी के साथ चैट करता है, तो उसे सामने वाले यूज़र का अकाउंट कब बनाया गया था, यानी महीने और साल की जानकारी चैट बॉक्स के ऊपर दिखाई देगी।

इस बदलाव से किशोरों को यह जानने में आसानी होगी कि जिस व्यक्ति से वे बात कर रहे हैं, वह कितना पुराना यूज़र है। अगर अकाउंट हाल ही में बनाया गया है, तो वह संभावित रूप से नकली या धोखेबाज हो सकता है। इस फीचर से किशोरों में सतर्कता बढ़ेगी और वे संदिग्ध या फ्रॉड अकाउंट्स से दूरी बना सकेंगे।

अब “ब्लॉक और रिपोर्ट” होंगे एक साथ

Meta ने किशोरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए “ब्लॉक” और “रिपोर्ट” जैसे दो अहम फीचर्स को एक साथ जोड़ दिया है। पहले किसी यूज़र को ब्लॉक करना और रिपोर्ट करना दो अलग-अलग स्टेप्स में करना पड़ता था, जिससे कई बार टीनएजर्स के लिए यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो जाती थी।

अब एक ही क्लिक में कोई भी यूज़र न सिर्फ सामने वाले को ब्लॉक कर सकेगा, बल्कि उसी समय उसे रिपोर्ट भी कर सकेगा। यह सुविधा उन परिस्थितियों में बहुत उपयोगी है जब किसी किशोर को किसी यूज़र से असहज या परेशान करने वाला व्यवहार महसूस होता है। इससे वे बिना किसी देरी या झंझट के फौरन उस व्यक्ति से छुटकारा पा सकते हैं।

बच्चों के इंस्टाग्राम अकाउंट पर अब डिफ़ॉल्ट सेफ्टी मोड

Meta ने उन अकाउंट्स के लिए विशेष सुरक्षा सेटिंग्स लागू की हैं जो बच्चों (13 साल से कम उम्र) के नाम पर उनके माता-पिता या मैनेजर द्वारा चलाए जा रहे हैं। ऐसे अकाउंट्स को अब डिफ़ॉल्ट रूप से इंस्टाग्राम की सबसे सख्त सुरक्षा सेटिंग्स में रखा जाएगा।

इन सेटिंग्स में शामिल हैं:

  • मैसेज कंट्रोल्स पर पूर्ण नियंत्रण: कोई भी अजनबी यूज़र बच्चों को मैसेज नहीं भेज सकेगा जब तक कि वे दोनों एक-दूसरे को फॉलो न करते हों।
  • गाली-गलौज रोकने के लिए Hidden Words फ़िल्टर: इस फ़िल्टर की मदद से बच्चों को अश्लील या आपत्तिजनक शब्दों वाले मैसेज दिखाई नहीं देंगे। यह फ़िल्टर स्वतः सक्रिय रहेगा।
  • सेफ्टी अलर्ट्स: इंस्टाग्राम अब फीड के टॉप पर नियमित रूप से सुरक्षा से जुड़ी चेतावनियां दिखाएगा, जिससे बच्चों और उनके गार्डियन को संभावित खतरों की जानकारी मिलती रहेगी।

Meta ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई ऐसा अकाउंट पाया गया जिसे बच्चा स्वयं चला रहा है (13 साल से कम उम्र में), तो उस अकाउंट को इंस्टाग्राम से हटा दिया जाएगा।

भारत के युवा यूज़र्स पर विशेष फोकस

भारत इंस्टाग्राम के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक बन चुका है। यहां करोड़ों की संख्या में युवा और किशोर सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। यही कारण है कि Meta ने भारतीय टीनएजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह नए फीचर्स सबसे पहले भारत में लॉन्च किए हैं।

आज के डिजिटल युग में जहां टीनएजर्स सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, वहीं साइबर खतरे भी लगातार बढ़ रहे हैं। नकली प्रोफाइल, साइबरबुलिंग, फ्रॉड मैसेजिंग और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। Meta द्वारा शुरू किए गए ये नए फीचर्स न सिर्फ युवाओं को इन खतरों से बचाने में मदद करेंगे, बल्कि भारतीय परिवारों को भी यह भरोसा देंगे कि उनका बच्चा एक सुरक्षित डिजिटल माहौल में सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है।

निष्कर्ष

Meta का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है। इंस्टाग्राम जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर अगर सुरक्षा से जुड़े ऐसे सख्त और स्मार्ट फीचर्स जोड़े जा रहे हैं, तो यह डिजिटल दुनिया को अधिक जिम्मेदार और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत जैसे युवा देश में जहां इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, वहां किशोरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी हो गया है। Meta के इन बदलावों से यह साफ है कि अब सोशल मीडिया कंपनियां सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सुरक्षा के प्रति भी उतनी ही जिम्मेदार हैं।

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Frequently Asked Questions

1. इंस्टाग्राम ने टीनएजर्स के लिए कौन-कौन से नए सेफ्टी फीचर्स लॉन्च किए हैं?

इंस्टाग्राम ने किशोरों की सुरक्षा के लिए कुछ नए फीचर्स जोड़े हैं, जिनमें शामिल हैं:
* DM शुरू करने पर सेफ्टी टिप दिखाई देना
* चैट में सामने वाले यूज़र की अकाउंट क्रिएशन डेट दिखना
* “ब्लॉक और रिपोर्ट” की सुविधा एक साथ
* बच्चों के अकाउंट्स पर डिफ़ॉल्ट सख्त सुरक्षा सेटिंग्स

2. DM में दिखने वाली “सेफ्टी टिप” क्या होती है?

अगर कोई टीनएजर किसी यूज़र के साथ पहली बार चैट शुरू करता है—even अगर दोनों एक-दूसरे को फॉलो करते हों—तो इंस्टाग्राम एक चेतावनी दिखाता है। इसमें यूज़र को सावधान किया जाता है कि सामने वाले की प्रोफाइल अच्छी तरह जांचें और कोई निजी जानकारी शेयर न करें।

3. अकाउंट बनने की तारीख क्यों दिखाई जा रही है?

इंस्टाग्राम अब चैट में सामने वाले यूज़र का अकाउंट कब बनाया गया था (महीना और साल) यह दिखाता है, ताकि किशोर आसानी से पहचान सकें कि यूज़र असली है या हाल ही में बना कोई फेक अकाउंट हो सकता है।

4. “ब्लॉक और रिपोर्ट” एक साथ कैसे काम करता है?

पहले किसी यूज़र को ब्लॉक और रिपोर्ट करने के लिए दो अलग-अलग स्टेप्स होते थे। अब इंस्टाग्राम ने यह सुविधा दी है कि यूज़र एक ही प्रक्रिया में किसी को ब्लॉक भी कर सकते हैं और रिपोर्ट भी, जिससे परेशानी के समय तुरंत एक्शन लिया जा सके।

5. छोटे बच्चों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर क्या बदलाव हुए हैं?

जिन बच्चों (13 साल से कम उम्र) के अकाउंट्स उनके माता-पिता या मैनेजर द्वारा ऑपरेट किए जा रहे हैं, उनपर अब डिफ़ॉल्ट रूप से सख्त सेफ्टी सेटिंग्स लागू होंगी जैसे:
* मैसेज कंट्रोल्स की सीमाएं
* “Hidden Words” फ़िल्टर
* फीड में सेफ्टी अलर्ट्स

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