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Major cyber attack by Anonymous on Russia: 10TB डेटा लीक, ट्रंप की फाइल ने मचाया बवाल

  • April 17, 2025
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दुनियाभर में मशहूर हैकिंग ग्रुप एनोनिमस (Anonymous) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने रूस पर एक ऐसा बड़ा साइबर हमला किया है, जिसने वैश्विक राजनीति

Major cyber attack by Anonymous on Russia: 10TB डेटा लीक, ट्रंप की फाइल ने मचाया बवाल

दुनियाभर में मशहूर हैकिंग ग्रुप एनोनिमस (Anonymous) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार उन्होंने रूस पर एक ऐसा बड़ा साइबर हमला किया है, जिसने वैश्विक राजनीति और साइबर सिक्योरिटी जगत में हलचल मचा दी है। एनोनिमस ने दावा किया है कि उन्होंने रूस से संबंधित 10 टेराबाइट (TB) डेटा लीक कर दिया है, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी एक संवेदनशील फाइल भी शामिल बताई जा रही है।

एनोनिमस का मिशन और साइबर अटैक की टाइमिंग

एनोनिमस एक विकेन्द्रीकृत हैकिंग ग्रुप है, जो अक्सर वैश्विक राजनीतिक घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। वे खुद को “डिजिटल स्वतंत्रता सेनानी” मानते हैं, और जब भी किसी देश द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन या आक्रामक कार्रवाई की जाती है, वे तकनीकी रूप से इसका जवाब देते हैं।

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इस बार एनोनिमस ने यह हमला यूक्रेन के समर्थन में किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर अपने आधिकारिक अकाउंट से इस हमले की जिम्मेदारी ली और लिखा:

“हम रूस की सत्ता में बैठे उन चेहरों को बेनकाब कर रहे हैं, जो युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं। यह कदम यूक्रेन की आज़ादी और वैश्विक सच्चाई के समर्थन में उठाया गया है।”

10TB डेटा लीक: क्या-क्या हुआ उजागर?

एनोनिमस के अनुसार, उन्होंने रूस सरकार, क्रेमलिन समर्थक कंपनियों, और नेताओं से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को पब्लिक डोमेन में डाल दिया है। इन फाइलों में निम्न जानकारियां शामिल बताई जा रही हैं:

  • रूसी नेताओं और सैन्य अधिकारियों की ईमेल्स और डोक्युमेंट्स
  • क्रेमलिन समर्थित निजी कंपनियों की फाइनेंशियल डिटेल्स
  • विदेशी संपत्तियों और निवेशों की जानकारी
  • रूस की साइबर स्पाई योजनाएं और खुफिया एजेंसियों से संबंधित डाटा

डोनाल्ड ट्रंप की फाइल: ‘Leaked Data Of Donald Trump’

इस पूरे साइबर हमले में सबसे चौंकाने वाली बात वह फाइल है, जिसका नाम है “Leaked Data Of Donald Trump”। इस फाइल को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि अभी तक इसकी सामग्री सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है, लेकिन एनोनिमस द्वारा इसे “हाइलाइट” किया जाना एक बड़ा संकेत है।

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह फाइल ट्रंप और रूस के बीच पुराने राजनैतिक संबंधों, व्यवसायिक लेनदेन, या संभावित साइबर जासूसी से जुड़ी हो सकती है। इससे पहले भी ट्रंप पर रूस से सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं, खासकर 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर।

ग्लोबल स्तर पर प्रतिक्रिया

एनोनिमस की इस कार्रवाई ने दुनियाभर की साइबर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। अमेरिका, यूके, और यूरोप की एजेंसियां अब इस डेटा की जांच कर रही हैं ताकि ये पता लगाया जा सके कि इसमें कितनी सच्चाई है और इससे क्या संभावित खतरे हो सकते हैं।

वहीं रूस ने इस हमले को “पश्चिमी प्रोपेगेंडा” करार देते हुए इन दावों को नकारा है। रूसी सरकार के प्रवक्ता ने कहा:

“हमारे सिस्टम सुरक्षित हैं और ऐसी खबरें केवल भ्रम फैलाने के लिए बनाई जाती हैं।”

साइबर वॉरफेयर का नया अध्याय?

इस घटना को साइबर वॉरफेयर का एक बड़ा उदाहरण माना जा रहा है। जब एक गैर-सरकारी समूह किसी सरकार या देश पर इतना बड़ा साइबर हमला करता है, तो यह केवल तकनीकी नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी गंभीर मामला बन जाता है।

एनोनिमस का यह कदम बताता है कि आने वाले समय में युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि डेटा और जानकारी के नियंत्रण से लड़ा जाएगा।

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क्या ट्रंप की फाइल से होगा कोई बड़ा खुलासा?

अब सबकी नजरें ‘Leaked Data Of Donald Trump’ नामक फाइल पर हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इस फाइल में ट्रंप के रूस से जुड़े गुप्त सौदों, संपत्तियों या बातचीत का विवरण है, तो यह अमेरिका की राजनीति में नया भूचाल ला सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस फाइल को किसी भी अथॉरिटी द्वारा वैरिफाई नहीं किया गया है।

एनोनिमस का संदेश और चेतावनी

एनोनिमस ने अपने पोस्ट में यह भी चेतावनी दी है कि अगर रूस अपनी गतिविधियां नहीं रोकता तो और भी डेटा लीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा:

“यह तो सिर्फ शुरुआत है। हमारे पास और भी गहरे राज़ हैं।”

निष्कर्ष: डिजिटल युद्ध की दस्तक?

इस साइबर अटैक से यह साफ हो गया है कि अब वैश्विक राजनीति में डिजिटल ताकत की भूमिका कहीं अधिक बढ़ चुकी है। एनोनिमस जैसे हैकिंग ग्रुप्स अब ऐसे मुद्दों को उजागर करने लगे हैं जो पहले पर्दों के पीछे छिपे होते थे।

रूस पर यह हमला केवल एक तकनीकी घटना नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है। और अगर ट्रंप की फाइल में कुछ बड़ा सामने आता है, तो यह मामला केवल रूस तक सीमित नहीं रहेगा।

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