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Kesari Veer Review (रीव्यू): सूरज पंचोली की दमदार वापसी, अच्छी कहानी लेकिन औसत पेशकश

  • May 23, 2025
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“अगर तुम्हारे जैसे कुछ शिव भक्त मेरी सेना में शामिल हो जाएं तो मैं हिन्दुस्तान का ही नहीं, पूरी दुनिया का सुल्तान बन जाऊंगा…” — इसी संवाद के

Kesari Veer Review (रीव्यू): सूरज पंचोली की दमदार वापसी, अच्छी कहानी लेकिन औसत पेशकश


“अगर तुम्हारे जैसे कुछ शिव भक्त मेरी सेना में शामिल हो जाएं तो मैं हिन्दुस्तान का ही नहीं, पूरी दुनिया का सुल्तान बन जाऊंगा…” — इसी संवाद के साथ फिल्म ‘केसरी वीर’ अपने इरादे साफ कर देती है। यह फिल्म उन शिव भक्तों की कहानी कहती है जिन्होंने धर्म और देश के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी। आज के हिंदी सिनेमा में जब दमदार कहानियों की कमी महसूस हो रही है, ऐसे में जब किसी अनसुने योद्धा की गाथा पर्दे पर लाई जाए, तो उम्मीद जागती है। Kesari Veer भी एक ऐसी ही उम्मीद है — लेकिन क्या ये फिल्म उस उम्मीद पर खरी उतरती है? यही जानने की कोशिश करते हैं इस रिव्यू में।

कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी गुजरात के वीर योद्धा हमीर जी गोहिल पर आधारित है। जब अलाउद्दीन खिलजी की सेना सोमनाथ मंदिर को लूटने आती है, तब मात्र 16 वर्षीय हमीर अपनी बहादुरी से उनका डटकर मुकाबला करता है। यह कहानी भारतीय इतिहास के एक ऐसे अध्याय को दिखाती है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। हमीर जी गोहिल की वीरता, त्याग और उनके शिवभक्ति की भावना इस फिल्म का मूल है। इस गाथा को जानने के लिए आपको थिएटर जाना पड़ेगा — क्योंकि यहीं से यह इतिहास फिर से जिंदा होता है।

फिल्म कैसी बनी है?

थीम वाकई दमदार है। देश और संस्कृति के लिए लड़ने वाले योद्धाओं की कहानियां सिनेमा में जरूर दिखाई जानी चाहिए। लेकिन Kesari Veer जैसी फिल्मों से हमारी अपेक्षाएं सिर्फ कहानी से नहीं, बल्कि उसके प्रस्तुतिकरण से भी होती हैं। इस लिहाज से फिल्म थोड़ी कमज़ोर पड़ती है।

  • स्क्रीनप्ले: कहानी अच्छी होने के बावजूद स्क्रीनप्ले धीमा और बिखरा हुआ लगता है। कई बार फिल्म जरूरत से ज़्यादा खिंचती है, जिससे दर्शकों की रूचि टूट सकती है।
  • VFX और एक्शन: ऐतिहासिक और युद्ध आधारित फिल्म होने के नाते VFX बेहद अहम होता है, लेकिन इसमें VFX साधारण और कभी-कभी कमजोर नज़र आता है। एक्शन सीन ठीक-ठाक हैं लेकिन वे उतना रोमांच नहीं पैदा कर पाते जितना अपेक्षित था।
  • रोमांस और स्लो मो शॉट्स: फिल्म में रोमांस का एंगल और स्लो मोशन सीन ज्यादा लगते हैं, जो कहानी की गंभीरता को हल्का करते हैं। यदि इन्हें थोड़ा कम किया जाता तो फिल्म और प्रभावशाली बन सकती थी।

एक्टिंग: किसने कितना किया असर?

  • सूरज पंचोली (हमीर गोहिल): इस फिल्म के साथ सूरज पंचोली ने बॉलीवुड में दमदार वापसी की है। उन्होंने सिर्फ भूमिका नहीं निभाई बल्कि उसमें पूरी तरह ढल गए हैं। लुक्स से लेकर बॉडी लैंग्वेज और आंखों की आग — सब कुछ प्रभावी है। ये उनकी अब तक की सबसे गंभीर परफॉर्मेंस मानी जा सकती है।
  • सुनील शेट्टी (वेगदाजी): उनके प्रवेश सीन से लेकर युद्धभूमि तक, हर जगह वे बेजोड़ नजर आए हैं। फिल्म को अपनी ओर से ऊंचाई देने की पूरी कोशिश करते हैं।
  • विवेक ओबेरॉय (जफर खान): बतौर विलेन विवेक ने जबरदस्त काम किया है। उनका खलनायक अवतार दमदार है, जो कहानी को संतुलन प्रदान करता है। जब विलेन प्रभावशाली होता है, तभी हीरो की ताकत दिखती है — और विवेक ने यही किया है।
  • आकांक्षा शर्मा: वह स्क्रीन पर बेहद सुंदर लगती हैं और उनकी परफॉर्मेंस में ईमानदारी झलकती है। उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में वे और बेहतर परफॉर्म करेंगी।

डायरेक्शन और राइटिंग:

फिल्म को प्रिंस धीमान और कनुभाई चौहान ने निर्देशित किया है। स्क्रिप्ट कनुभाई ने क्षितिज श्रीवास्तव के साथ मिलकर लिखी है। हालांकि फिल्म के विषय और कलाकारों की क्षमता को देखते हुए राइटिंग और डायरेक्शन में और मेहनत की गुंजाइश थी। कुछ सीन प्रभावशाली हैं, लेकिन बाकी हिस्से में निर्देशन औसत लगता है। वीएफएक्स की क्वालिटी भी बेहतर की जा सकती थी।

फाइनल वर्डिक्ट:

Kesari Veer उन ऐतिहासिक फिल्मों में से एक है, जिनका मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि जागरूकता भी है। फिल्म के जरिए हम एक ऐसे नायक की कहानी जानते हैं, जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। अगर आप ऐतिहासिक और देशभक्ति से भरी कहानियों के शौकीन हैं और कुछ नया देखना चाहते हैं, तो Kesari Veer को एक मौका दिया जा सकता है।

रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)
— अच्छी कोशिश, बढ़िया एक्टिंग लेकिन औसत निर्देशन।

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