JEE Main 2025 Topper Success Story: ओम प्रकाश बेहरा की मेहनत, समर्पण और सोशल मीडिया से दूरी ने दिलाया टॉप रैंक
April 19, 2025
0
हर साल लाखों छात्र जेईई मेन की परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कुछ ही होते हैं जो इस कठिन परीक्षा में टॉप रैंक हासिल कर पाते हैं। JEE
हर साल लाखों छात्र जेईई मेन की परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कुछ ही होते हैं जो इस कठिन परीक्षा में टॉप रैंक हासिल कर पाते हैं। JEE Main 2025 में भी एक ऐसे ही प्रतिभाशाली छात्र ने देशभर में नाम रोशन किया है—ओम प्रकाश बेहरा। भुवनेश्वर से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश ने कोटा में रहकर पढ़ाई की और ऑल इंडिया टॉप रैंक हासिल की। उन्होंने न केवल परफेक्ट स्कोर पाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत, फोकस और आत्म-नियंत्रण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
ओम प्रकाश बेहरा का परिचय
ओम प्रकाश मूल रूप से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के रहने वाले हैं। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले ओम ने बहुत ही विनम्र शुरुआत की। बचपन से ही पढ़ाई में रुचि रखने वाले ओम ने अपने माता-पिता और शिक्षकों से मिले मार्गदर्शन का भरपूर फायदा उठाया। उनकी सफलता की राह आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
कोटा की तैयारी और अनुशासन
ओम प्रकाश ने JEE की तैयारी के लिए कोटा का रुख किया, जो कि देश में इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए प्रसिद्ध है। कोटा के माहौल ने उन्हें प्रतिस्पर्धा, अनुशासन और निरंतर अभ्यास का पाठ पढ़ाया। वहां की दिनचर्या—सुबह जल्दी उठना, समय पर क्लास जाना, होमवर्क करना और हर दिन की प्रगति को मापना—उनके लिए सामान्य जीवन का हिस्सा बन गया।
उनके अनुसार, “कोटा में रहकर मैंने सीखा कि अगर आप खुद से ईमानदारी से जुड़ जाएं तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता।”
सोशल मीडिया से दूरी
ओम प्रकाश की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य था—डिजिटल डिटॉक्स। उन्होंने फोन, WhatsApp, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया ऐप्स से पूरी तरह दूरी बना ली थी। उन्होंने कहा, “मैंने खुद से एक वादा किया था कि जब तक मेरा JEE Main का रिजल्ट नहीं आता, तब तक मैं किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं जाऊंगा।”
यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राथमिकता दी। इस अनुशासन ने उन्हें ध्यान केंद्रित रखने में मदद की और समय की बर्बादी से भी बचाया।
स्टडी प्लान और टाइम टेबल
ओम का स्टडी शेड्यूल बहुत ही सटीक और संतुलित था। उन्होंने हर विषय को समय दिया और कभी भी किसी एक पर फोकस करके दूसरे को नजरअंदाज नहीं किया। उनका टाइम टेबल कुछ इस प्रकार था:
सुबह 6 बजे: उठना और रिवीजन
7 से 1 बजे तक: कोचिंग क्लास
2 से 5 बजे: होमवर्क और डाउट क्लियरिंग
6 से 9 बजे: सेल्फ स्टडी
9:30 बजे: सोना
हर दिन की शुरुआत और अंत उन्होंने रिवीजन और एनालिसिस से की, जिससे उन्हें अपनी कमियों का पता चलता रहा।
मॉक टेस्ट और एनालिसिस का महत्व
ओम ने बताया कि उन्होंने हर हफ्ते मॉक टेस्ट दिए और उन्हें गंभीरता से एनालाइज किया। गलतियों को दोहराने की बजाय उन्होंने उनके समाधान पर काम किया। उन्होंने बताया कि “मॉक टेस्ट सिर्फ स्कोर जानने के लिए नहीं, बल्कि अपनी रणनीति सुधारने के लिए होते हैं।”
यह आदत उनके लिए बहुत फायदेमंद रही और असली परीक्षा में आत्मविश्वास के साथ बैठने में मददगार बनी।
परिवार का समर्थन
ओम प्रकाश की सफलता में उनके माता-पिता का अहम योगदान रहा। जब उन्होंने सोशल मीडिया और अन्य मनोरंजन के साधनों से दूरी बनाई, तब उनके माता-पिता ने उनका मनोबल बढ़ाया और भावनात्मक समर्थन दिया। उनके पिता ने कहा, “हमने कभी उस पर पढ़ाई का दबाव नहीं डाला, बस उसका साथ दिया। उसने जो भी फैसला किया, हमने उस पर विश्वास रखा।”
शिक्षकों की भूमिका
कोटा में पढ़ाई के दौरान उनके शिक्षकों ने भी उनका मार्गदर्शन किया। ओम ने बताया कि, “मेरे टीचर्स सिर्फ पढ़ाते ही नहीं थे, वो मेरे मेंटर भी थे। जब भी मैं तनाव में होता या कुछ समझ नहीं आता, वो हमेशा मेरे साथ होते।”
यह मजबूत शिक्षक-छात्र संबंध उनकी सफलता की एक और महत्वपूर्ण कड़ी रही।
तनाव प्रबंधन और मानसिक संतुलन
जेईई जैसी परीक्षा की तैयारी के दौरान मानसिक दबाव बहुत अधिक होता है। लेकिन ओम ने इसे सकारात्मक तरीके से संभाला। उन्होंने रोजाना 15-20 मिनट का ध्यान और हल्की फिजिकल एक्टिविटी (जैसे टहलना) को अपनी दिनचर्या में शामिल किया।
उनके अनुसार, “एक शांत मन ही सबसे तेज दिमाग का साथी होता है। तनाव से निपटना जरूरी है, नहीं तो पढ़ाई पर असर पड़ता है।”
भविष्य की योजना
अब जबकि ओम प्रकाश ने JEE Main 2025 टॉप किया है, उनका अगला लक्ष्य JEE Advanced की परीक्षा को क्रैक करना है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना है।
उनका सपना है कि वह एक दिन देश के तकनीकी क्षेत्र में कुछ ऐसा करें जिससे भारत को विश्व पटल पर गौरव मिले।
ओम प्रकाश से प्रेरणा
ओम प्रकाश बेहरा की कहानी न केवल JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो संसाधनों की कमी भी आपको रोक नहीं सकती।
उनकी सफलता का मंत्र है—“डिस्ट्रैक्शन से दूरी, अनुशासन से दोस्ती और मेहनत से लगन”।
निष्कर्ष
JEE Main 2025 के टॉपर ओम प्रकाश बेहरा की सफलता हमें यह सिखाती है कि आज के डिजिटल युग में भी अगर हम ध्यान केंद्रित कर लें, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। उनका संघर्ष, समर्पण और सफलता हमें यह भरोसा देता है कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। आने वाले छात्रों को चाहिए कि वे ओम से प्रेरणा लें और अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए पूरी ताकत झोंक दें।