Operation Sindoor: पाकिस्तान से तनाव के बीच 32 एयरपोर्ट सील, 15 मई तक फ्लाइट सेवाएं ठप
- May 10, 2025
- 0
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने एक बड़ा और रणनीतिक सुरक्षा कदम उठाया है। भारत सरकार ने उत्तर और पश्चिम
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने एक बड़ा और रणनीतिक सुरक्षा कदम उठाया है। भारत सरकार ने उत्तर और पश्चिम
DGCA द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन हवाई अड्डों से सभी प्रकार की नागरिक उड़ान सेवाएं 9 मई से 14 मई 2025 तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। भारतीय समयानुसार यह प्रतिबंध 15 मई की सुबह 5:29 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस अवधि में कोई भी नागरिक विमान ग्राउंड लेवल (زمین से) लेकर अनलिमिटेड ऊंचाई तक उड़ान नहीं भर सकेगा। यानी पूरा हवाई क्षेत्र इन इलाकों में पूरी तरह सिविल विमानों के लिए बंद रहेगा।
सरकार ने यह कदम पूरी तरह सुरक्षा और ऑपरेशनल दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उठाया है। सूत्रों के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा पर हाल के दिनों में ड्रोन गतिविधियों में अचानक तेज़ी देखी गई है। पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों और नियंत्रण रेखा (LoC) के पास करीब 26 जगहों पर संदिग्ध ड्रोन मूवमेंट देखा गया है। इनमें से कुछ ड्रोन में हथियार या विस्फोटक होने की आशंका जताई गई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इन ड्रोन का उद्देश्य भारत के सैन्य ठिकानों या रणनीतिक नागरिक स्थानों को नुकसान पहुंचाना हो सकता है। इसलिए, नागरिक उड़ानों को पूरी तरह से बंद कर देना एक एहतियाती कदम है जिससे देश के नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचों को किसी भी संभावित हमले से बचाया जा सके।
इस निर्णय की पुष्टि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह निर्णय विशेष रूप से ड्रोन जैसे आधुनिक हवाई खतरों से निपटने के लिए लिया है। सीमा के पास स्थित एयरपोर्ट्स से उड़ने वाले या वहां उतरने वाले विमान संभावित रूप से खतरे में आ सकते थे। इसलिए नागरिक विमानों के लिए इन हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करना जरूरी हो गया था।
सरकार द्वारा बंद किए गए एयरपोर्ट्स में वे सभी हवाई अड्डे शामिल हैं जो सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और पाकिस्तान की सीमा या नियंत्रण रेखा के पास स्थित हैं। इनमें प्रमुख रूप से श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, अवंतीपोरा, अंबाला, पठानकोट, चंडीगढ़, हिंडन, जोधपुर, जैसलमेर, भुज, बीकानेर, लेह, शिमला, कुल्लू आदि शामिल हैं। इन स्थानों पर ड्रोन गतिविधि की आशंका सबसे अधिक बताई जा रही है।
इसके अलावा, दिल्ली और मुंबई की फ्लाइट इनफॉर्मेशन रीजन (FIR) में आने वाले लगभग 25 प्रमुख एयर ट्रैफिक सर्विस रूट्स को भी बंद कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपातकालीन या सैन्य स्थिति में वायुसेना को पूरे हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण मिले और नागरिक विमानों की उपस्थिति से कोई बाधा न उत्पन्न हो। यह फैसला भारतीय वायुसेना के ऑपरेशनल कार्यों को निर्बाध रूप से पूरा करने में भी मदद करेगा।
जिन स्थानों पर ड्रोन गतिविधियां देखी गई हैं उनमें बारामुला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फाजिल्का, फिरोजपुर, पठानकोट, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, लालगढ़ जट्टा और कुवारबेट जैसे सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों में ड्रोन की गतिविधियों के बाद भारतीय सेना और वायुसेना ने अपनी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत कर दिया है। एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव मोड में डाल दिया गया है और सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
इस निर्णय से हजारों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उड़ानें प्रभावित होंगी। अमृतसर, श्रीनगर और जम्मू जैसे एयरपोर्ट्स से उड़ान भरने वाले यात्रियों को अचानक उड़ानें रद्द होने या शिफ्ट होने की सूचनाएं मिल रही हैं। हालांकि, सभी एयरलाइनों और चार्टर फ्लाइट ऑपरेटर्स को पहले से सूचित कर दिया गया है कि वे वैकल्पिक हवाई अड्डों और मार्गों के अनुसार अपनी उड़ानों की योजना बनाएं और यात्रियों को समय पर सूचना दें।
भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अगर कोई आतंकी, ड्रोन या सीमा पार से खतरे की आशंका होती है, तो भारत उस पर तुरंत और कठोर प्रतिक्रिया देगा। यह बंदी एक अस्थायी और एहतियाती कदम है, जिसे हालात की समीक्षा के आधार पर आगे बढ़ाया या समय से पहले भी समाप्त किया जा सकता है।
भारत-पाक तनाव के मौजूदा हालात में सरकार द्वारा लिया गया यह कदम भले ही आम लोगों की यात्रा योजनाओं को प्रभावित कर रहा हो, लेकिन यह फैसला पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वर्तमान परिदृश्य में, देश की सीमाओं की सुरक्षा और लोगों की जान की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जो कदम उठाए गए हैं, वे दर्शाते हैं कि भारत किसी भी खतरे के प्रति सजग और तत्पर है।
ये भी पढ़ें – IMF की मदद पर टिकी पाकिस्तान की किस्मत – लोन नहीं मिला तो कंगाल