पाकिस्तानी को लेकर भारत के पोर्ट पर आया इराकी जहाज, भारत ने लिया सख्त एक्शन
- May 16, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंध एक बार फिर उबाल पर हैं। जहां एक ओर दोनों देशों के बीच कुछ मसलों पर
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंध एक बार फिर उबाल पर हैं। जहां एक ओर दोनों देशों के बीच कुछ मसलों पर
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंध एक बार फिर उबाल पर हैं। जहां एक ओर दोनों देशों के बीच कुछ मसलों पर बातचीत और सहमति बनने की खबरें आती हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ की लगातार कोशिशें इस बात का साफ संकेत हैं कि पाकिस्तान दोहरे खेल में माहिर है – एक ओर शांति की बात करता है, और दूसरी ओर आतंकियों को भारत भेजने में जुटा रहता है।
पिछले कुछ दिनों में भारतीय सेना ने सीमा पर पाकिस्तान से आए कई आतंकियों को मार गिराया है। सिर्फ तीन दिनों के भीतर कई आतंकी मारे गए, जो कि घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना की सतर्कता और बहादुरी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत अपनी जमीन पर किसी भी प्रकार की नापाक हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
जहां देश की सीमा पर आतंकी गतिविधियां चल रही हैं, वहीं अब समुद्री मार्गों के जरिए भी सुरक्षा जांच को लेकर भारत ने अपनी सतर्कता और सख्ती बढ़ा दी है।
भारत की समुद्री सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया, जो कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख को दर्शाता है। दरअसल, कर्नाटक के कारवार पोर्ट पर एक इराकी कार्गो जहाज पहुंचा। यह जहाज ईराक के अल जुबैर बंदरगाह से चला था और इसमें कुल 18 सदस्यीय स्टाफ सवार था। इनमें से 15 भारतीय, 2 सीरियाई और 1 पाकिस्तानी नागरिक शामिल था।
जैसे ही यह जहाज भारत के तटीय क्षेत्र में पहुंचा, सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी पूरी तरह से जांच की। हालात को देखते हुए और वर्तमान भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तानी और सीरियाई स्टाफ को भारत की जमीन पर उतरने की अनुमति नहीं दी। जहाज से माल तो उतरवा लिया गया, लेकिन पाकिस्तानी नागरिक समेत सभी विदेशी स्टाफ को दो दिनों तक जहाज पर ही रहने का आदेश दिया गया।
यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया, बल्कि इसके पीछे ठोस राष्ट्रीय सुरक्षा कारण थे। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य अभियान शुरू किया था। इस ऑपरेशन के अंतर्गत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
इस ऑपरेशन के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए:
इन्हीं सख्त नीतियों के तहत, भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिक को अपने पोर्ट पर उतरने की अनुमति नहीं दी, चाहे वह एक अंतरराष्ट्रीय जहाज का कर्मचारी ही क्यों न हो।
भारत की ओर से किया गया एक जवाबी सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर था, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया। इस हमले में निर्दोष नागरिक और सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे, जिसका सीधा संबंध पाकिस्तान से था। भारत ने इस हमले को बहुत गंभीरता से लिया और बिना देर किए एक सैन्य रणनीति तैयार कर पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने POK और पाकिस्तान के भीतर मौजूद 9 बड़े आतंकी शिविरों को पूरी तरह तबाह कर दिया। ये ठिकाने लंबे समय से आतंकवाद की नर्सरी बने हुए थे, जहां से आतंकी प्रशिक्षण लेकर भारत में घुसपैठ करते थे। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया। भारत के इस साहसिक कदम के बाद पाकिस्तान ने बौखलाकर कई बार परमाणु हमले की धमकी दी, लेकिन भारत ने हर बार संयमित लेकिन स्पष्ट जवाब दिया।
भारत जानता है कि पाकिस्तान एक दोहरे चेहरे वाला पड़ोसी देश है। एक तरफ वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति और बातचीत की बात करता है, वहीं दूसरी ओर आतंकियों को समर्थन और घुसपैठ जारी रखता है। इसलिए भारत ने अब न केवल सीमा पर, बल्कि समुद्री और हवाई क्षेत्रों में भी सुरक्षा के नए मानक तय किए हैं।
पाकिस्तान ने जब परमाणु बम की धमकी दी, तब भी भारत डरा नहीं, बल्कि उसने यह साफ कर दिया कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान से समझौता नहीं किया जाएगा। भारत की खुफिया एजेंसियां अब सीमापार गतिविधियों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, चाहे वह समुद्री कार्गो जहाज हो, या सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहें।
भारत की यह कार्रवाई यह बताती है कि अब देश सुरक्षा मामलों में कोई ढील नहीं देने वाला है। पाकिस्तानी नागरिकों पर लगे वीजा प्रतिबंध और कार्गो जहाज की घटना यह साबित करती है कि भारत की नीति अब स्पष्ट और सख्त है – जो भी देश या व्यक्ति भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा, उसे भारत की धरती पर कदम रखने नहीं दिया जाएगा।
सुरक्षा एजेंसियां अब न केवल सीमाओं की रक्षा कर रही हैं, बल्कि व्यापारिक, कूटनीतिक और तकनीकी मोर्चों पर भी सशक्त निगरानी कर रही हैं। आने वाले समय में पाकिस्तान जैसे देशों को भारत से व्यापार, यात्रा या किसी भी तरह का सहयोग पाने के लिए पहले आतंकवाद पर अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी।
कारवार पोर्ट पर पाकिस्तानी नागरिक को उतरने की अनुमति न देना कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा है। यह निर्णय सिर्फ एक व्यक्ति से नहीं, बल्कि पूरे देश के सम्मान, संप्रभुता और सुरक्षा से जुड़ा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने जिस तरह पाकिस्तान को सैन्य, कूटनीतिक और सामरिक रूप से जवाब दिया है, उसने पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा।
अब भारत की नीति साफ है – बात तभी होगी जब आतंक की बात बंद होगी। और जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक भारत की ओर से कोई नरमी की उम्मीद करना व्यर्थ है।
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