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भारत में पाकिस्तानी झंडे का अपमान करना पड़ेगा भारी, जानें कानून क्या कहता है

  • May 2, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते शुरुआत से ही तनावपूर्ण रहे हैं। कई बार सीमा पर हुई झड़पें, आतंकी घटनाएं और राजनीतिक बयानबाज़ी इस तनाव को और गहरा

भारत में पाकिस्तानी झंडे का अपमान करना पड़ेगा भारी, जानें कानून क्या कहता है

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते शुरुआत से ही तनावपूर्ण रहे हैं। कई बार सीमा पर हुई झड़पें, आतंकी घटनाएं और राजनीतिक बयानबाज़ी इस तनाव को और गहरा करते हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से की लहर देखने को मिली। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पाकिस्तान के झंडे जलाए गए, उन पर लात मारी गई और उन्हें अपमानजनक तरीके से दिखाया गया।

इस परिस्थिति में एक सवाल लोगों के मन में उठता है कि क्या भारत में किसी विदेशी (विशेष रूप से पाकिस्तान के) झंडे का अपमान करना कानूनन अपराध है? अगर हां, तो इसके लिए क्या सजा तय की गई है? आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि इस तरह की हरकतें भारतीय कानून के तहत कैसे देखी जाती हैं और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।

क्या पाकिस्तानी झंडे के अपमान पर कोई सीधा कानून है?

भारत में राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे कि भारतीय झंडा, राष्ट्रगान, संविधान आदि के संरक्षण के लिए स्पष्ट कानून बनाए गए हैं। लेकिन विदेशी झंडों के अपमान को लेकर कोई विशिष्ट या सीधा कानून मौजूद नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति किसी विदेशी झंडे का अपमान करे और उसे कोई सजा न हो।

भारतीय कानून के कई सेक्शन ऐसे मामलों में लागू हो सकते हैं, खासकर तब जब ऐसी गतिविधियों का उद्देश्य सार्वजनिक अशांति फैलाना, धार्मिक भावनाएं भड़काना या सामाजिक वैमनस्य उत्पन्न करना हो।

पाकिस्तानी झंडे के अपमान से कैसे जुड़ता है भारतीय कानून?

हालांकि पाकिस्तान भारत का दुश्मन राष्ट्र माना जाता है, फिर भी भारत का संविधान सभी धर्मों, समुदायों और देशों के प्रतीकों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार की अपेक्षा करता है। अगर कोई व्यक्ति किसी विदेशी झंडे का अपमान करता है और वह कार्य सार्वजनिक स्थान पर या सामाजिक तनाव के वातावरण में किया गया हो, तो वह निम्नलिखित कानूनी धाराओं के अंतर्गत अपराध माना जा सकता है:

1. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 198 (धार्मिक भावनाएं आहत करना)

यदि झंडे का अपमान इस उद्देश्य से किया गया हो कि इससे किसी विशेष धर्म, समुदाय या देश के प्रति नफरत फैलाई जाए या उनकी भावनाएं आहत की जाएं, तो यह कृत्य इस धारा के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।

सजा क्या है?

  • 3 साल तक की कैद
  • जुर्माना
  • या दोनों

2. भारतीय न्याय संहिता की धारा 195 (सार्वजनिक शांति भंग करना)

यदि झंडे का अपमान सार्वजनिक स्थान पर किया गया हो और इसका उद्देश्य भीड़ को भड़काना या हिंसा को बढ़ावा देना हो, तो इसे सार्वजनिक शांति भंग करने का प्रयास माना जाता है।

सजा क्या है?

  • 3 से 5 साल तक की सजा
  • जुर्माना
  • या दोनों

सुप्रीम कोर्ट और संविधान का दृष्टिकोण

भारत के संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19) सभी नागरिकों को प्राप्त है, लेकिन यह अधिकार पूर्ण नहीं है। यह “युक्तियुक्त प्रतिबंधों” के अधीन है। किसी अन्य देश के प्रतीक या झंडे का अपमान अगर सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करता है, तो सरकार को पूरा अधिकार है कि वह उस पर कानूनी कार्रवाई करे।

सुप्रीम कोर्ट ने भी कई मामलों में कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि आप दूसरों की भावनाएं आहत करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

क्या विरोध जताना अपराध है?

लोकतंत्र में विरोध करना एक मौलिक अधिकार है, लेकिन उसका तरीका संविधान और कानून के दायरे में होना चाहिए। अगर कोई शांतिपूर्ण तरीके से अपने विचार या विरोध प्रकट करता है, तो वह स्वीकार्य है। लेकिन अगर विरोध के दौरान किसी देश के प्रतीक का अपमान किया जाए और वह अशांति फैलाने का माध्यम बन जाए, तो वह कानून के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।

क्या सोशल मीडिया पर भी झंडे का अपमान करने पर कार्रवाई हो सकती है?

जी हां। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अगर कोई व्यक्ति किसी देश के झंडे का अपमान करता है, जैसे कि जलाने का वीडियो अपलोड करता है, या नफरत फैलाने वाले मैसेज पोस्ट करता है, तो आईटी एक्ट 2000 और भारतीय न्याय संहिता के तहत उस पर भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।

विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अगर यह साबित हो जाए कि सोशल मीडिया पर डाली गई सामग्री से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं या दंगा भड़काने की कोशिश की गई, तो यह गंभीर अपराध बन जाता है।

निष्कर्ष

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अपनी बात कहने का हक है। लेकिन इस अधिकार के साथ ज़िम्मेदारी भी जुड़ी है। किसी देश, धर्म या समुदाय के प्रतीकों का अपमान करके विरोध जताना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह सामाजिक अशांति का कारण भी बन सकता है।

पाकिस्तानी झंडे का अपमान करना भारत में किसी विशेष कानून के तहत नहीं आता, लेकिन इसके प्रभाव और उद्देश्य को देखकर भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराएं लगाई जा सकती हैं, जो 3 से 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान करती हैं।

इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे किसी भी तरह का विरोध शांतिपूर्ण और संवैधानिक ढंग से करें और ऐसा कोई कार्य न करें जिससे समाज में नफरत, वैमनस्य या हिंसा फैलने की आशंका हो।

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