Infosys hits layoffs again: 195 ट्रेनीज बाहर, जानिए क्या है वजह और अब आगे के विकल्प
- April 30, 2025
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भारत की आईटी इंडस्ट्री में एक और बड़ा झटका सामने आया है। देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने अपने 195 और ट्रेनीज को बाहर का रास्ता
भारत की आईटी इंडस्ट्री में एक और बड़ा झटका सामने आया है। देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने अपने 195 और ट्रेनीज को बाहर का रास्ता
भारत की आईटी इंडस्ट्री में एक और बड़ा झटका सामने आया है। देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने अपने 195 और ट्रेनीज को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये सभी ट्रेनीज 680 के एक बैच से थे और उन्हें इंटरनल असेसमेंट में फेल होने के कारण हटाया गया है। यह छंटनी 29 अप्रैल को एक ईमेल के ज़रिए की गई, जिसकी जानकारी मनीकंट्रोल की रिपोर्ट से सामने आई है।
इस घटना के बाद न केवल प्रभावित युवाओं में चिंता है, बल्कि आईटी सेक्टर में आने की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के मन में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। आइए समझते हैं इस छंटनी के पीछे की वजह, इसका प्रभाव और भविष्य के लिए संभावित रास्ते।
Infosys ने फरवरी से अब तक चार बार ट्रेनीज की छंटनी की है। इस बार जिन 195 युवाओं को निकाला गया है, वे सभी हाल ही में जॉइन हुए फ्रेशर्स थे, जिन्हें कंपनी ने प्रशिक्षण के लिए नियुक्त किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक:
इस बार की छंटनी से यह स्पष्ट होता है कि कंपनियां अब कौशल और प्रदर्शन के आधार पर ही युवाओं को बनाए रख रही हैं।
इंफोसिस जैसे आईटी कंपनियां नए ट्रेनीज को ऑनबोर्ड करने के बाद कुछ हफ्तों या महीनों तक प्रशिक्षण देती हैं। इस दौरान:
जो ट्रेनीज इन टेस्ट में लगातार फेल होते हैं, उन्हें ‘नॉट फिट फॉर रोल’ मानते हुए निकाला जा सकता है।
छंटनी का शिकार हुए युवाओं के सामने निराश होने की बजाय नए रास्तों की तलाश जरूरी है। कुछ विकल्प इस प्रकार हैं:
जो भी छात्र इस छंटनी का सामना कर रहे हैं, उन्हें अब अपने स्किल्स को अपग्रेड करना चाहिए। डेटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी जैसे डोमेन में कोर्सेज करके खुद को मार्केट के लिए फिर से तैयार किया जा सकता है।
बड़े कॉर्पोरेट जॉब के अलावा कई स्टार्टअप्स और फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे Upwork, Freelancer आदि पर काम मिल सकता है।
सरकारी क्षेत्र में भी कई तकनीकी नौकरियों की वैकेंसी निकलती है। SSC, RRB, और PSU जैसे संस्थानों में ट्राई किया जा सकता है।
इंफोसिस, टीसीएस जैसी कंपनियों की तुलना में मिड-साइज़ आईटी कंपनियां नई प्रतिभा को बेहतर अवसर देती हैं, जहां काम का अनुभव भी जल्दी मिलता है।
आईटी सेक्टर में छंटनी अब केवल सैलरी कटौती या लागत कम करने तक सीमित नहीं रही। अब यह प्रदर्शन-आधारित मूल्यांकन का हिस्सा बन गई है। आने वाले समय में कंपनियां और ज्यादा सख्त हो सकती हैं।
इसलिए छात्रों और फ्रेशर्स को कॉलेज में रहते ही प्रैक्टिकल स्किल्स और कोडिंग नॉलेज को मज़बूत करना होगा। सिर्फ डिग्री या GPA के भरोसे नौकरी पाना अब मुश्किल हो चला है।
इंफोसिस द्वारा 195 ट्रेनीज की छंटनी एक चेतावनी है — न केवल उन युवाओं के लिए जो सिर्फ नौकरी की उम्मीद में हैं, बल्कि उन शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी जो छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाने में पीछे रह जाते हैं।
अब समय आ गया है कि युवा अपने स्किल्स को गंभीरता से लें, लगातार सीखते रहें और बदलते दौर के साथ खुद को ढालें। क्योंकि आईटी इंडस्ट्री में अब जॉब नहीं, परफॉर्मेंस मायने रखता है।