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ईरान-इजरायल टकराव पर भारत की प्रतिक्रिया: दोनों हमारे मित्र, हम शांति के पक्ष में हैं

  • June 13, 2025
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मध्य-पूर्व में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है। इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हालिया हमले के बाद दोनों देशों के बीच हालात और भी

ईरान-इजरायल टकराव पर भारत की प्रतिक्रिया: दोनों हमारे मित्र, हम शांति के पक्ष में हैं

मध्य-पूर्व में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है। इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हालिया हमले के बाद दोनों देशों के बीच हालात और भी गंभीर हो गए हैं। इस घटनाक्रम पर भारत सरकार ने गहरी चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार, 13 जून 2025 को एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि भारत इस पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए है, विशेष रूप से उन रिपोर्ट्स पर जो ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों से संबंधित हैं।

भारत सरकार ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि ईरान और इजरायल दोनों ही भारत के पुराने मित्र हैं और उनके साथ भारत के सद्भावपूर्ण और बहुपक्षीय संबंध हैं। भारत का यह स्पष्ट मत है कि किसी भी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय विवाद को हल करने के लिए सैन्य कार्रवाई कोई स्थायी समाधान नहीं हो सकती। इसलिए भारत ने दोनों देशों से अपील की है कि वे तनाव को और न बढ़ाएं, कोई भी उकसाने वाला कदम न उठाएं और सभी मसलों को बातचीत और कूटनीति के ज़रिए हल करने की दिशा में कदम उठाएं।

विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है और हर आवश्यक कदम उठाने को तैयार है, ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस बयान में भारत की विदेश नीति की उस परंपरा की झलक मिलती है जिसमें शांति, संतुलन और वैश्विक स्थिरता को प्रमुख स्थान दिया गया है।

इजरायल में भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह

इजरायल

इस बीच, इजरायल में स्थित भारतीय दूतावास ने भी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है। दूतावास ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया, जिसमें कहा गया कि इजरायल में रह रहे भारतीयों को जब तक आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलें और इजरायली होम फ्रंट कमांड द्वारा जारी सभी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करें।

दूतावास ने यह भी आग्रह किया कि भारतीय नागरिक स्थिति की गंभीरता को समझें और किसी भी अफवाह या अपुष्ट जानकारी पर विश्वास न करें। यदि कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो वे सीधे भारतीय दूतावास से संपर्क करें, जिसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनलों पर उपलब्ध है।

ईरान में भी भारतीयों को चेतावनी

सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने भी भारतीय नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। शुक्रवार (13 जून) को जारी एक परामर्श में तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि ईरान में रहने वाले सभी भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के लोग मौजूदा स्थिति को देखते हुए अनावश्यक गतिविधियों से बचें, सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज करें और सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें।

दूतावास ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय नागरिक दूतावास के सोशल मीडिया हैंडल्स को फॉलो करें ताकि उन्हें समय-समय पर आधिकारिक सूचनाएं प्राप्त होती रहें। साथ ही, स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना भी अनिवार्य बताया गया है।

परामर्श में स्पष्ट किया गया कि ईरान की राजधानी तेहरान पर हुए इजरायली हमले का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। इस हमले ने पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिसके प्रभाव विश्व राजनीति और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी पड़ सकते हैं।

नेतन्याहू का बड़ा बयान

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को एक आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उनके देश ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को एक रणनीतिक कदम के तहत निशाना बनाया है। नेतन्याहू का कहना है कि यह कार्रवाई ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने और क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है।

हालांकि, इस कार्रवाई के बाद ईरान की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है और आशंका जताई जा रही है कि स्थिति और भी अधिक बिगड़ सकती है। इसी संभावना को देखते हुए भारत सहित दुनिया के कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और युद्ध की दिशा में न बढ़ने की अपील की है।

भारत की संतुलित भूमिका

भारत की विदेश नीति हमेशा से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सिद्धांत पर आधारित रही है, जिसमें दुनिया को एक परिवार की तरह देखा जाता है। ईरान और इजरायल दोनों ही भारत के अहम रणनीतिक साझेदार हैं — चाहे वह ऊर्जा सहयोग हो, रक्षा संबंध हों या व्यापारिक हित। ऐसे में भारत की यह भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह संतुलन बनाए रखे और मध्य-पूर्व में शांति स्थापना के लिए अपने कूटनीतिक प्रभाव का उपयोग करे।

भारत की यह अपील कि “तनाव कम करें, बातचीत करें और कूटनीति अपनाएं” — एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति की सोच को दर्शाती है।

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