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ऑपरेशन सिंदूर में भारत का ‘आकाशतीर’ सिस्टम बना गेमचेंजर, दुनियाभर से आ रही मांग

  • May 26, 2025
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भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता केवल सपना नहीं, बल्कि एक मजबूत सच्चाई बन चुकी है। हाल ही में हुए

ऑपरेशन सिंदूर में भारत का ‘आकाशतीर’ सिस्टम बना गेमचेंजर, दुनियाभर से आ रही मांग

भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता केवल सपना नहीं, बल्कि एक मजबूत सच्चाई बन चुकी है। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारत का स्वदेशी ‘आकाशतीर’ एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम जिस तरह से उभरा है, उसने न सिर्फ देश की ताकत बढ़ाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की तकनीकी क्षमता का डंका बजाया है।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक गुप्त सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें अत्याधुनिक और स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें ‘आकाशतीर’ एयर डिफेंस सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई।

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‘आकाशतीर’ सिस्टम की ताकत

आकाशतीर’ DRDO द्वारा विकसित किया गया एक पूरी तरह से स्वचालित एयर डिफेंस कंट्रोल और रिपोर्टिंग सिस्टम है। इसकी खासियतें इसे अन्य पारंपरिक सिस्टम्स से अलग बनाती हैं:

  • यह सिस्टम दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों का तुरंत पता लगाकर उन्हें ट्रैक करता है और आवश्यक जवाबी कार्रवाई को संचालित करता है।
  • इसमें मल्टी-सेंसर फ्यूजन तकनीक है, जो रडार, कैमरे और संचार प्रणाली को एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर जोड़ती है।
  • यह सिस्टम युद्ध के जटिल और चुनौतीपूर्ण माहौल में भी प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है।

DRDO प्रमुख समीर वी कामत ने ऑपरेशन सिंदूर में इस सिस्टम की भूमिका को “प्रशंसनीय” बताते हुए कहा कि “यह सिस्टम अब अंतरराष्ट्रीय मांग का केंद्र बन सकता है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

नागपुर में रक्षा निर्माण सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए DRDO प्रमुख ने भारत के आत्मनिर्भर रक्षा मिशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,

“हमने रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा।”

इस आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा प्रमाण ‘आकाशतीर’ जैसा सिस्टम है, जिसे बिना किसी विदेशी मदद के तैयार किया गया है।

भविष्य के युद्ध और तकनीक

समीर कामत ने यह भी बताया कि आने वाले समय में युद्ध सिर्फ पारंपरिक हथियारों पर निर्भर नहीं रहेंगे। ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध प्रणाली युद्ध के तरीके को बदल देंगे।
उन्होंने कहा:

“हमें पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के युद्धों के लिए तैयार रहना होगा।”

हालांकि उन्होंने इस बात से इंकार किया कि निकट भविष्य में “रोबोट सैनिकों” की कोई बड़ी भूमिका होगी।

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5.5 जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट: AMCA प्रोजेक्ट

DRDO के प्रमुख ने स्वदेशी 5.5 जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट, यानी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को लेकर भी जानकारी साझा की।

  • इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2024 में हुई थी।
  • यह प्रोजेक्ट 2034 तक पूरा होने की उम्मीद है।
  • 2035 तक इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
  • फरवरी 2025 में बेंगलुरु में हुए एयरो इंडिया शो में इसका मॉडल प्रदर्शित किया गया।

AMCA एक क्रांतिकारी कदम है जिसमें AI-आधारित पायलट, नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली, आंतरिक हथियार, और इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

वैश्विक मान्यता की ओर बढ़ता भारत

‘आकाशतीर’ और AMCA जैसे प्रोजेक्ट न केवल भारत की सुरक्षा को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि यह देश को रक्षा निर्यात के मामले में भी वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहे हैं। समीर कामत ने इस बात का भरोसा जताया कि आने वाले समय में भारत के इन रक्षा सिस्टम्स की विदेशी बाजारों में भारी मांग होगी।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ‘आकाशतीर’ सिस्टम की सफलता ने साबित कर दिया कि भारत अब न केवल रक्षा उपकरणों का उपभोक्ता है, बल्कि एक प्रमुख निर्माता और निर्यातक भी बन रहा है। DRDO की निरंतर कोशिशें और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम देश को न केवल सुरक्षा में, बल्कि तकनीक में भी वैश्विक शक्ति बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं।

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