ईरान-इजराइल युद्ध के चलते जॉर्जिया में फंसे 61 भारतीय, PM मोदी से लगाई सुरक्षित वापसी की गुहार
- June 14, 2025
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ईरान और इजराइल के बीच जारी भीषण संघर्ष का असर अब भारत के नागरिकों पर भी देखने को मिल रहा है। इस युद्ध की वजह से राजस्थान से
ईरान और इजराइल के बीच जारी भीषण संघर्ष का असर अब भारत के नागरिकों पर भी देखने को मिल रहा है। इस युद्ध की वजह से राजस्थान से
ईरान और इजराइल के बीच जारी भीषण संघर्ष का असर अब भारत के नागरिकों पर भी देखने को मिल रहा है। इस युद्ध की वजह से राजस्थान से जॉर्जिया गए 61 भारतीय नागरिक वहां फंस गए हैं। इन लोगों में ज्यादातर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और उनके परिवारजन शामिल हैं, जो एक कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए जॉर्जिया के त्बिलिसी शहर पहुंचे थे।
राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट एसोसिएशन के बैनर तले 61 लोगों का एक दल 8 जून को जयपुर से जॉर्जिया रवाना हुआ था। वे सभी जॉर्जिया के त्बिलिसी में आयोजित रेजिडेंशियल रिफ्रेशर कोर्स (RRC) में भाग लेने के लिए वहां पहुंचे थे। इस ग्रुप में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। योजना के अनुसार, उन्हें 13 जून को भारत लौटना था, लेकिन उसी दौरान ईरान और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ गया और तमाम अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं।
हालांकि, यह समूह युद्धग्रस्त क्षेत्र में नहीं है और फिलहाल एक होटल में सुरक्षित है। लेकिन लगातार बिगड़ते हालातों के चलते उनकी चिंता बढ़ गई है। भारत वापस आने का हर प्रयास उड़ानों की रद्दीकरण के कारण विफल हो रहा है।
इस ग्रुप में शामिल जैसलमेर के CA भाविक भाटिया ने जॉर्जिया से एक वीडियो भेजकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य संबंधित अधिकारियों को टैग करते हुए ट्वीट किए हैं और उन्हें तथा अन्य भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने की अपील की है।
जैसलमेर स्थित भाविक के पिता प्रमोद भाटिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे अपने बेटे, बहू और पोते की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द उनके परिवार सहित सभी फंसे हुए भारतीयों को भारत वापस लाया जाए।
इस समूह को 13 जून को शारजाह होते हुए भारत लौटना था। लेकिन जब तक वे एयरपोर्ट पहुंचे, तब तक युद्ध शुरू हो चुका था और फ्लाइट्स रद्द कर दी गई थीं। इसके बाद से वे लोग वहीं होटल में ठहरे हुए हैं और लगातार भारत सरकार से संपर्क कर रहे हैं।
समूह के सभी सदस्य भारत सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि जैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान ऑपरेशन गंगा चलाया गया था, वैसे ही कोई विशेष व्यवस्था कर उन्हें सुरक्षित भारत लाया जाए। हालांकि, जॉर्जिया में युद्ध के हालात नहीं हैं, फिर भी हालात के तनावपूर्ण होने की आशंका सभी में डर का कारण बन रही है।
यह पहली घटना नहीं है जब अंतरराष्ट्रीय संघर्ष के चलते भारतीय नागरिक विदेशी धरती पर फंसे हों। इससे पहले यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान हजारों छात्रों को सरकार ने विशेष विमानों के जरिए निकाला था। इसी तरह इस बार भी सरकार से राहत की उम्मीद की जा रही है।
A1. ये सभी राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट एसोसिएशन से जुड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और उनके परिवारजन हैं, जो कॉन्फ्रेंस के लिए जॉर्जिया गए थे।
A2. 61 लोगों का यह दल 8 जून को जयपुर से जॉर्जिया गया था और 13 जून को वापस लौटना था।
A3. जैसलमेर के CA भाविक भाटिया ने वीडियो और ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मदद की अपील की है।
A4. नहीं, जॉर्जिया में युद्ध जैसी स्थिति नहीं है लेकिन क्षेत्रीय तनाव और उड़ानों की रद्दीकरण ने उन्हें वहां रोक दिया है।
A5. अब तक आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भारत सरकार ऐसी स्थितियों में आमतौर पर त्वरित राहत अभियान चलाती है।