हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन: Youtuber ज्योति मल्होत्रा, हीरा बतूल और जासूसी केस की पूरी कहानी
May 20, 2025
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हरियाणा के हिसार की चर्चित ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा एक ऐसे मामले में फंस गई हैं, जिसने सोशल मीडिया से लेकर खुफिया एजेंसियों तक सबको चौंका दिया है।
हरियाणा के हिसार की चर्चित ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा एक ऐसे मामले में फंस गई हैं, जिसने सोशल मीडिया से लेकर खुफिया एजेंसियों तक सबको चौंका दिया है। उनके एक पुराने वायरल वीडियो में दिख रही पाकिस्तानी युवती हीरा बतूल अब चर्चा के केंद्र में है। वीडियो में ज्योति ने उसे अपनी बहन बताया और कहा, “हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन”। यह वीडियो एक मासूम बातचीत जैसा लगता है, लेकिन जब इसे एक बड़े जासूसी केस से जोड़ा गया, तो कई सवाल खड़े हो गए।
कौन हैं ज्योति मल्होत्रा?
ज्योति मल्होत्रा ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से एक ट्रैवल यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसके 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वह भारत के साथ-साथ विदेशों में घूमकर वीडियो बनाती थीं, जिनमें पाकिस्तान की उनकी यात्राएं भी शामिल हैं। उनकी शैली में अपनापन और बॉर्डर के पार से जुड़ाव दिखता था, जो अब खुफिया एंगल के तहत जांच का विषय बन गया है।
वायरल वीडियो में कौन है हीरा बतूल?
हीरा बतूल एक पाकिस्तानी युवती हैं, जो पेशे से पत्रकार बताई जाती हैं। इंस्टाग्राम पर ज्योति ने उन्हें टैग भी किया था। दोनों का वीडियो लगभग 10 हफ्ते पुराना है, जिसमें वे एक-दूसरे को बहन बता रही हैं और कहती हैं, “ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम अलग-अलग देश से हैं। यही इस साल का कोड वर्ड होना चाहिए।”
वीडियो के सामान्य लगने के बावजूद, ज्योति की गिरफ्तारी के बाद यह संदिग्ध हो गया। यह सवाल उठने लगे कि क्या ये केवल दोस्ती थी, या इसके पीछे कुछ और था?
कैसे शुरू हुआ संदेह?
हिसार पुलिस ने ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि ज्योति के संबंध 2023 में नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से बने। वह उसके संपर्क में आई और फिर उसे पाकिस्तानी खुफिया गुर्गों से मिलवाया गया।
इस पूरे नेटवर्क को एन्क्रिप्टेड ऐप्स और नाम बदलकर सेव किए गए नंबरों के माध्यम से चलाया गया। यहीं से जांच एजेंसियों को शक हुआ कि एक ट्रैवल यूट्यूबर के वीडियो के पीछे जासूसी का मकसद भी हो सकता है।
पाकिस्तान और बाली की संदिग्ध यात्राएं
2023 में ज्योति ने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की, जहां उसकी मुलाकात अली एहवान, शाकिर और राणा शाहबाज जैसे लोगों से हुई, जिन्हें खुफिया एजेंसियों के ‘गुर्गे’ कहा जा रहा है। इन लोगों से वह ‘जट्ट रंधावा’ जैसे फर्जी नामों से नंबर सेव करके संपर्क में रही। इतना ही नहीं, वह एक संदिग्ध एजेंट के साथ इंडोनेशिया के बाली भी गई थी, जिससे उसकी गहरी संलिप्तता सामने आई।
पुलिस जांच और कबूलनामा
हिसार पुलिस ने ज्योति को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड पर लिया। इस दौरान ज्योति ने कुछ अहम जानकारियां कबूल की हैं। अब केस को आगे की गहन जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा गया है।
पुलिस का कहना है कि ये कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि उत्तर भारत में सक्रिय एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। ज्योति के कबूलनामे से कई और लिंक खुलने की आशंका जताई जा रही है।
कोड वर्ड ‘बहन-बहन’ या सिर्फ इत्तेफाक?
“हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन” जैसे शब्द क्या एक दोस्ती और अमन का संदेश थे, या एक कोड वर्ड? इस पर बहस छिड़ चुकी है। हालांकि कोई स्पष्ट प्रमाण अभी सामने नहीं आया है कि इस वाक्य को वाकई कोड वर्ड की तरह इस्तेमाल किया गया, लेकिन जांच एजेंसियां हर पहलू की पड़ताल कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
ज्योति का केस सामने आने के बाद सोशल मीडिया दो भागों में बंट गया है। कुछ लोग इसे एक बेगुनाह लड़की की साजिश में फंसाने की बात कह रहे हैं, तो कुछ इसे जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश मान रहे हैं। ट्रैवल व्लॉगिंग और पाकिस्तानी लोगों से जुड़ाव रखने वाली ज्योति के हजारों फैन्स अब हैरान हैं।
निष्कर्ष:
ज्योति मल्होत्रा का केस हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि डिजिटल युग में ट्रैवल, दोस्ती, और सोशल मीडिया कितनी तेजी से नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दों में तब्दील हो सकते हैं। यह मामला अब सिर्फ एक वायरल वीडियो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जासूसी के एक बड़े जाल का हिस्सा बन चुका है।