India will become iPhone manufacturing hub: एप्पल ने बनाई बड़ी योजना, 2025 तक 4 करोड़ यूनिट्स बनाने का लक्ष्य
April 26, 2025
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भारत के टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, एप्पल अब भारत को अपना प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी
भारत के टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, एप्पल अब भारत को अपना प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी कर रही है। खबरों के अनुसार, भविष्य में अमेरिका में बिकने वाले iPhone भी भारत में बनाए जा सकते हैं। यह कदम भारत की बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं और वैश्विक व्यापार परिस्थितियों में आ रहे बदलावों के चलते उठाया जा रहा है।
भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार
एप्पल का यह फैसला कई प्रमुख कारकों पर आधारित है। सबसे पहला कारण है भारत में तेजी से विकसित हो रहा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम। बीते कुछ वर्षों में भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” जैसी पहल के तहत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक योजनाएं लागू की हैं।
सूत्रों के अनुसार, एप्पल का लक्ष्य 2025 तक भारत में 4 करोड़ यूनिट्स तक iPhone का उत्पादन करना है। यानी हर साल भारत में करोड़ों iPhone तैयार होंगे, जो घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार की भी आपूर्ति करेंगे।
चीन से उत्पादन शिफ्ट करने की रणनीति
एप्पल का यह निर्णय आंशिक रूप से अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध पर भी निर्भर करता है। यूएस-चीन ट्रेड डील की अनिश्चितता ने कई वैश्विक कंपनियों को वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन तलाशने पर मजबूर कर दिया है। भारत, अपनी विशाल युवा जनसंख्या, कम उत्पादन लागत और व्यापारिक अनुकूल माहौल के कारण एक आदर्श विकल्प बनकर उभरा है।
कंपनी अब भारत में अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स जैसे कि Foxconn, Pegatron और Wistron के जरिए बड़े स्तर पर उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
भारत में एप्पल का अब तक का सफर
पिछले कुछ वर्षों में एप्पल ने भारत में iPhone SE, iPhone 11, iPhone 12, iPhone 13 और कुछ iPhone 14 मॉडल का उत्पादन शुरू कर दिया था। शुरुआत में भारतीय बाजार के लिए उत्पादन किया गया था, लेकिन अब भारत में बने iPhone दुनिया के अन्य बाजारों में भी निर्यात किए जा रहे हैं।
एप्पल के इस कदम से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2024 में भारत से iPhone का निर्यात करीब 10 अरब डॉलर के पार पहुंचने की संभावना है, जो देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
भारत के लिए बड़े फायदे
रोजगार के नए अवसर: भारत में iPhone के बड़े पैमाने पर उत्पादन से लाखों नौकरियों के अवसर पैदा होंगे, विशेषकर इंजीनियरिंग, उत्पादन, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सेक्टर में।
तकनीकी कौशल में वृद्धि: उन्नत मैन्युफैक्चरिंग तकनीक के आने से भारतीय कर्मचारियों के स्किल सेट में सुधार होगा, जिससे भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में अपनी पकड़ और मजबूत कर पाएगा।
विदेशी निवेश में इजाफा: एप्पल जैसे वैश्विक ब्रांड का भरोसा भारत पर होना अन्य मल्टीनेशनल कंपनियों को भी यहां निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा।
निर्यात में बूम: भारत से बने iPhone का निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत होगा और देश का व्यापार घाटा कम होगा।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि संभावनाएं विशाल हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं जिन्हें एप्पल और उसके कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को ध्यान में रखना होगा:
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार: हाई-क्वालिटी उत्पादन के लिए बिजली, परिवहन और संचार जैसे बुनियादी ढांचे का और भी बेहतर होना जरूरी है।
नीतिगत स्थिरता: निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए सरकार को नीतिगत स्थिरता और तेजी से फैसले लेने पर जोर देना होगा।
स्किल्ड वर्कफोर्स: बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए कुशल वर्कफोर्स की आवश्यकता होगी, जिसके लिए ट्रेनिंग कार्यक्रमों की जरूरत है।
भविष्य की राह
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता है तो आने वाले कुछ वर्षों में भारत न केवल एप्पल का प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग बेस बनेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी अपनी पहचान मजबूत करेगा। भारत में मैन्युफैक्चरिंग का बढ़ता दबदबा उसे वैश्विक सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाएगा।
निष्कर्ष: भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है। एप्पल का भारत पर भरोसा न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की साख को भी मजबूत करेगा। अगर सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें, तो भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब में से एक बन सकता है।