India US Trade Talks: हार्ले बाइक और बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ घटाने की तैयारी
March 28, 2025
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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से टैरिफ में कटौती को लेकर गहन बातचीत जारी है। खासकर, हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल, बॉर्बन
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से टैरिफ में कटौती को लेकर गहन बातचीत जारी है। खासकर, हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल, बॉर्बन व्हिस्की और कैलिफोर्निया वाइन पर आयात शुल्क घटाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान टैरिफ वॉर की चेतावनी दी थी, जिसका असर अब भी देखने को मिल रहा है।
हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल पर आयात शुल्क में संभावित कटौती
भारत में हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने पहले ही इनके इंपोर्ट ड्यूटी को 50% से घटाकर 40% कर दिया था। अब इसे और कम करने पर विचार किया जा रहा है ताकि इस प्रीमियम बाइक को भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। अमेरिका की लंबे समय से यह मांग रही है कि भारत इन पर आयात शुल्क को और घटाए, जिससे अमेरिकी कंपनियों को लाभ हो सके और भारतीय उपभोक्ताओं को कम कीमत पर ये उत्पाद मिल सकें।
बॉर्बन व्हिस्की और वाइन पर भी घटेगा टैरिफ?
अमेरिकी व्हिस्की, खासकर बॉर्बन व्हिस्की पर पहले 150% आयात शुल्क लगाया जाता था, जिसे हाल ही में घटाकर 100% कर दिया गया। अब सरकार इसे और कम करने पर विचार कर रही है ताकि अमेरिकी शराब ब्रांड भारतीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकें। इसी तरह, कैलिफोर्नियाई वाइन भी इस बातचीत का हिस्सा है और भारत सरकार इस पर आयात शुल्क में कटौती करने की संभावनाओं को देख रही है।
फार्मास्युटिकल और रसायन क्षेत्र में भी बातचीत
यह व्यापार वार्ता केवल बाइक और शराब तक सीमित नहीं है। अमेरिका भारत को अपने दवा उत्पादों और रसायनों के निर्यात में वृद्धि के लिए उत्सुक है। हाल के वर्षों में भारत ने अमेरिकी दवा उत्पादों के आयात में महत्वपूर्ण बदलाव देखा है।
2020-21: 2,26,728.33 लाख रुपये
2021-22: 78.8% की वृद्धि के साथ 4,05,317.35 लाख रुपये
2022-23: 27.5% की गिरावट के साथ 2,93,642.57 लाख रुपये
2023: 10.8% की वृद्धि के साथ 3,25,500.17 लाख रुपये
भारत अपनी फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए अमेरिका में निर्यात के अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि दोनों देशों के व्यापार संतुलन को बेहतर किया जा सके।
भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर
टैरिफ में कटौती से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में सुधार होगा। भारत को अमेरिकी बाजारों में अधिक अवसर मिलेंगे, जबकि अमेरिकी कंपनियां भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगी। इसके अलावा, इस कदम से उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा क्योंकि उन्हें अधिक किफायती दामों पर अंतरराष्ट्रीय उत्पाद उपलब्ध होंगे।
निष्कर्ष
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता कई महत्वपूर्ण उत्पादों पर केंद्रित है, जिसमें हार्ले-डेविडसन बाइक, बॉर्बन व्हिस्की और कैलिफोर्निया वाइन प्रमुख हैं। साथ ही, फार्मास्युटिकल और केमिकल उत्पादों के आयात-निर्यात पर भी चर्चा हो रही है। यदि टैरिफ में और कटौती होती है, तो इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन वार्ताओं का अंतिम परिणाम क्या निकलता है और भारत-अमेरिका व्यापार संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।