भारत रूस की तगड़ी दोस्ती: मोदी-पुतिन मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
- September 2, 2025
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भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है, लेकिन हाल ही में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति
भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है, लेकिन हाल ही में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति
भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है, लेकिन हाल ही में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दोनों देश कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी एक-दूसरे के साथ खड़े रहेंगे। इस मीटिंग की खास बात सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता नहीं थी, बल्कि इसका पूरा संदेश वैश्विक राजनीति पर भी गहरा असर डाल रहा है।
चीन की धरती पर जब पीएम मोदी और पुतिन एक साथ नजर आए तो यह नजारा पूरी दुनिया के मीडिया की सुर्खियां बन गया। SCO समिट का दूसरा दिन पूरी तरह से मोदी-पुतिन मीटिंग के नाम रहा। दोनों नेताओं के बीच एक घंटे से ज्यादा की द्विपक्षीय वार्ता हुई जिसमें वैश्विक शांति, आपसी सहयोग और व्यापार से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
पुतिन ने पीएम मोदी को “प्रिय प्रधानमंत्री” और “प्रिय मित्र” कहकर संबोधित किया, जो इस रिश्ते की गहराई को दर्शाता है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत और रूस की विशेष साझेदारी को 15 साल पूरे हो गए हैं और यह साझेदारी अब और भी मजबूत हो रही है।
इस मुलाकात का एक बड़ा संदेश अमेरिका और खासकर व्हाइट हाउस की ओर भी गया। भारत ने साफ कर दिया कि वह किसी भी टैरिफ दबाव या बाहरी हस्तक्षेप के आगे झुकने वाला नहीं है। मोदी और पुतिन की यह बॉन्डिंग दरअसल एक ग्लोबल मैसेज है कि भारत अपनी विदेश नीति स्वतंत्र रूप से चलाता है और किसी बाहरी दबाव को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इस मुलाकात की इनसाइड स्टोरी और भी खास रही। पुतिन ने पीएम मोदी को अपनी प्रेजिडेंशियल कार “Aurus” में साथ चलने का न्योता दिया। यह वही कार है जो बम, रॉकेट और मिसाइल तक का असर झेल सकती है। पुतिन ने 10 मिनट तक इंतजार किया ताकि मोदी उनके साथ सफर कर सकें।
करीब 45 मिनट तक दोनों नेता इस बुलेटप्रूफ कार में अकेले यात्रा करते रहे और आपसी मुद्दों पर चर्चा करते रहे। होटल पहुंचने के बाद भी बातचीत जारी रही। इन तस्वीरों ने यह साबित कर दिया कि भारत-रूस की दोस्ती सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है बल्कि यह रिश्ते दिल से जुड़े हुए हैं।
पुतिन की ऑरस कार को “Russian Rolls Royce” भी कहा जाता है। यह कार किसी चलते-फिरते किले से कम नहीं है।
फरवरी 2024 में पुतिन ने यही कार उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को भी गिफ्ट की थी। यही वजह है कि पुतिन जब भी विदेश जाते हैं तो अपनी कार साथ लेकर ही जाते हैं।
मोदी पुतिन मुलाकात ने साफ कर दिया कि भारत और रूस के रिश्ते किसी दबाव में नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे UN, ब्रिक्स और SCO में दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। आने वाले समय में ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग और भी गहरा होने की संभावना है।
यह मुलाकात सिर्फ दो नेताओं की नहीं थी बल्कि दुनिया को यह दिखाने का मौका भी थी कि भारत और रूस हर परिस्थिति में एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।