UNSC बैठक से पहले ही भारत को मिले सकारात्मक संकेत, पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी
- May 5, 2025
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में निर्दोष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में निर्दोष
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से चरम पर पहुंच गया है। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। भारत ने इस घटना के बाद जहां सख्त तेवर अपनाए हैं, वहीं पाकिस्तान डरा-सहमा नजर आ रहा है। पाकिस्तान को डर है कि भारत किसी भी समय जवाबी कार्रवाई कर सकता है। यही वजह है कि उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का दरवाजा खटखटाया और एक आपातकालीन बैठक की मांग की।
आज, यानी 5 मई को, यह महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। लेकिन इस बैठक से पहले ही भारत के लिए अच्छे संकेत मिलने लगे हैं, जिससे साफ हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की रणनीति कमजोर पड़ रही है और भारत की स्थिति मजबूत होती जा रही है।
पाकिस्तान ने UNSC से गुहार लगाई कि भारत द्वारा संभावित सैन्य कार्रवाई से क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ सकती है, इसलिए तुरंत आपातकालीन सत्र बुलाया जाए। इस मांग के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ग्रीस की अध्यक्षता में इस सत्र को निर्धारित किया है।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कई निर्णायक कदम उठाए हैं:
इन कदमों ने पाकिस्तान की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान को डर है कि भारत किसी भी समय सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य सैन्य कदम उठा सकता है।
UNSC की अध्यक्षता इस महीने ग्रीस के पास है और बैठक से पहले ही ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने भारत के पक्ष में सकारात्मक संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा,
“भारत पाकिस्तान से कई गुना बड़ा है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए उसका दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं।”
इस बयान ने पाकिस्तान की उस कोशिश को झटका दिया है, जिसमें वह भारत को एक आक्रामक राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करना चाहता था। ग्रीस के प्रतिनिधि का यह स्पष्ट रुख भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच और भी मजबूत बना रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि दुनिया अब आतंकवाद के मसले पर दोहरे मापदंडों को धीरे-धीरे छोड़ रही है। भारत लंबे समय से इस बात को उजागर करता रहा है कि पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को समर्थन मिलता है और यह वैश्विक शांति के लिए खतरा है।
UNSC के वर्तमान माहौल में यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी बात मजबूती से रखने का मौका मिलेगा। यह भी संभव है कि परिषद के सदस्य राष्ट्र पाकिस्तान को इस दिशा में कठोर चेतावनी दें।
विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान की रणनीति हमेशा से “पीड़ित बनने” की रही है। वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार यह कहता आया है कि भारत से उसे खतरा है, लेकिन वह यह बताने में असफल रहता है कि उसके देश से आतंकवादी गतिविधियां क्यों चल रही हैं।
भारत ने पिछले वर्षों में उरी, पुलवामा और अब पहलगाम जैसे हमलों के बाद यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अब सिर्फ बयानबाजी नहीं करेगा, बल्कि हर स्तर पर जवाब देगा – चाहे वह कूटनीतिक हो या सैन्य।
UNSC की बैठक से पहले ग्रीस के बयान और पाकिस्तान की बौखलाहट यह स्पष्ट कर रही है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेने लगा है। भारत को मिल रहे समर्थन और पाकिस्तान के डर से यह भी संकेत मिलता है कि आने वाले समय में वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका और मजबूत होगी।
जहां पाकिस्तान “बैठक-बैठक” खेलकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत ठोस कार्रवाई और कूटनीतिक दबाव के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। यह बदलाव भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और पाकिस्तान की घटती साख का स्पष्ट संकेत है।