तुर्की ब्रांडों पर भारत की सख्ती: मिंत्रा और रिलायंस का बड़ा फैसला, अंबानी का ऐलान चर्चा में
- May 17, 2025
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हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान के समर्थन में आए बयानों और रुख ने भारतीय जनमानस में नाराज़गी
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान के समर्थन में आए बयानों और रुख ने भारतीय जनमानस में नाराज़गी
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान के समर्थन में आए बयानों और रुख ने भारतीय जनमानस में नाराज़गी पैदा कर दी। सोशल मीडिया पर “Boycott Turkey” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे और जनता के बीच तुर्की उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज़ हो गई। इस माहौल को देखते हुए अब भारत की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी बड़ा कदम उठाया है।
फैशन की दुनिया में मिंत्रा एक जाना-पहचाना नाम है और इस प्लेटफॉर्म पर कई इंटरनेशनल ब्रांड्स बेचे जाते हैं। लेकिन अब मिंत्रा ने इंटरनेट दिग्गज अलीबाबा के स्वामित्व वाली तुर्की की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Trendyol समेत सभी तुर्की ब्रांड्स की बिक्री अस्थायी रूप से रोक दी है। कंपनी के पास भारत में इन ब्रांड्स को एक्सक्लूसिव रूप से बेचने का अधिकार था, लेकिन अब इन सभी ब्रांड्स की विजिबिलिटी को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है।
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, मिंत्रा ने पिछले वीकेंड ही तुर्की ब्रांड्स की लिस्टिंग को हटाना शुरू कर दिया था। गुरुवार को इसे पूरी तरह से सस्पेंड कर दिया गया। यह कदम स्पष्ट रूप से भारत में उपभोक्ताओं की भावनाओं और देश की नीति के प्रति समर्थन को दर्शाता है।
मिंत्रा के अलावा भारत की एक और बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी रिलायंस ने भी अपने फैशन पोर्टल AJIO पर तुर्की ब्रांड्स को हटाने का फैसला किया है। रिलायंस के AJIO पर लोकप्रिय तुर्की फैशन ब्रांड्स जैसे Koton, LC Waikiki और Mavi की बिक्री अचानक से बंद हो गई है और ये सभी प्रोडक्ट्स “Out of Stock” दिखाए जा रहे हैं।
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए अपनी कंपनी की नीति में बदलाव किया है। जानकारों का कहना है कि अंबानी ने साफ निर्देश दिए हैं कि ऐसे किसी भी देश के उत्पादों को रिलायंस के प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं दी जाएगी, जो भारत विरोधी रुख अपनाते हैं या भारत के दुश्मनों का समर्थन करते हैं।
भारत एक बहुत बड़ा उपभोक्ता बाजार है, खासकर फैशन और परिधान के क्षेत्र में। मिंत्रा और AJIO जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लिस्टेड होना किसी भी इंटरनेशनल ब्रांड के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। Trendyol, जो कि तुर्की की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स फर्म है, मिंत्रा पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला और लोकप्रिय महिलाओं का वेस्टर्न वियर ब्रांड बन चुका था। लेकिन अब इस निर्णय से तुर्की ब्रांड्स की भारत में मौजूदगी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
तुर्की का पाकिस्तान के प्रति खुला समर्थन भारत के लिए एक चिंता का विषय रहा है। तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार पाकिस्तान का पक्ष लिया है, विशेष रूप से कश्मीर मुद्दे पर। इससे भारत-तुर्की संबंधों में खटास आई है। अब जब भारत की प्रमुख कंपनियां तुर्की उत्पादों को हटाने लगी हैं, तो यह संकेत देता है कि व्यापारिक जगत भी अब अपनी नीति में देशहित को प्राथमिकता दे रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम में भारतीय उपभोक्ताओं की भूमिका भी अहम रही है। सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर विरोध और बहिष्कार की मांग के चलते कंपनियों पर दबाव बना। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों लोगों ने तुर्की ब्रांड्स को बैन करने की मांग की, जिसका असर सीधा-सीधा कंपनियों के निर्णयों में दिखा।
फिलहाल मिंत्रा और रिलायंस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार अगर तुर्की की स्थिति में बदलाव नहीं आता है, तो यह प्रतिबंध स्थायी रूप ले सकता है। इससे भारत के फैशन उद्योग में कई नए अवसर भी खुल सकते हैं, क्योंकि इन ब्रांड्स की जगह अब भारतीय या अन्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को दी जाएगी।
मिंत्रा और रिलायंस जैसे दिग्गजों द्वारा तुर्की ब्रांड्स को हटाना केवल एक व्यापारिक निर्णय नहीं, बल्कि यह एक राजनीतिक और रणनीतिक संकेत भी है। यह दिखाता है कि जब बात देशहित की हो, तो कॉर्पोरेट भारत भी एकजुट होकर कदम उठाने में पीछे नहीं रहता। यह फैसला सिर्फ तुर्की ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक संदेश है कि भारत की संप्रभुता और हित सर्वोपरि हैं।