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प्यार की मिसाल: कैंसर पीड़ित पत्नी को मौत के मुंह से वापस लाया पति, खर्च किए 2 करोड़ रुपये और नहीं छोड़ा साथ

  • May 28, 2025
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जब प्यार सच्चा होता है, तो वह किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानता। ऐसी ही एक दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है चीन से, जहां

प्यार की मिसाल: कैंसर पीड़ित पत्नी को मौत के मुंह से वापस लाया पति, खर्च किए 2 करोड़ रुपये और नहीं छोड़ा साथ

जब प्यार सच्चा होता है, तो वह किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानता। ऐसी ही एक दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है चीन से, जहां एक पति ने अपनी कैंसर पीड़ित पत्नी को मौत के मुंह से वापस लाने के लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिए। उसने न केवल अपनी नौकरी छोड़ी, बल्कि अपनी पत्नी का हर परिस्थिति में साथ निभाया—even जब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था।

पहली नजर में हुआ प्यार

यह कहानी है चीन के गुआंग्शी प्रांत में रहने वाले 30 वर्षीय डेंग यूकाई और ये मेइदी की। दोनों की पहली मुलाकात 2016 में एक दोस्त की शादी में हुई थी। डेंग, जो अपने माता-पिता के तलाक के बाद छोटी उम्र में स्कूल छोड़कर प्रवासी मजदूर बन गए थे, ये की खूबसूरती और पर्सनैलिटी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने शादी का प्रस्ताव रख दिया।

हालांकि, ये मेइदी उस समय ग्लिओमा नामक ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही थीं, जिसके कारण उन्हें यूनिवर्सिटी की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। ग्लिओमा एक गंभीर ब्रेन ट्यूमर है, जिसकी पुनरावृत्ति की संभावना 90% से अधिक होती है। ये को डर था कि उनकी बीमारी से डेंग का जीवन भी प्रभावित होगा, इसलिए उन्होंने प्रपोजल ठुकरा दिया। मगर डेंग का प्रेम और समर्पण इतना सच्चा था कि उन्होंने बार-बार ये को विश्वास दिलाया कि वह उनके साथ हर हाल में रहेंगे। अंततः ये ने भी शादी के लिए हां कर दी।

शादी, बच्ची और फिर दुखद मोड़

2019 में डेंग और ये ने शादी कर ली। डेंग ने वादा किया कि वह जीवन भर ये का साथ देंगे और कभी उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे। 2021 में दोनों की एक प्यारी बेटी हुई, जिसका नाम हानहान रखा गया। लेकिन खुशियों के इस संसार में एक बार फिर अंधेरा छा गया, जब 2022 में ये का ब्रेन ट्यूमर दोबारा उभर आया और वह कोमा में चली गईं।

cancer stricken wife from death

कोमा में जाने से पहले ये ने डेंग से कहा कि वह उनके इलाज में पैसे बर्बाद न करें, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे परिवार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ जाएगा। डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी और कह दिया कि अब कोई चमत्कार ही उन्हें बचा सकता है।

उम्मीद की लौ और सोशल मीडिया की ताकत

डेंग ने हार नहीं मानी। उन्होंने लगभग 2.80 लाख डॉलर (लगभग 2 करोड़ रुपये) अपनी पत्नी के इलाज पर खर्च किए। यहां तक कि उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी ताकि वो हर पल अपनी पत्नी के साथ रह सकें। दो सर्जरी के बाद भी जब ये को होश नहीं आया, तो डॉक्टरों की सलाह पर डेंग उन्हें घर ले आए। परिवार भी अंतिम विदाई देने पहुंचा।

उसी समय, उनकी बेटी हानहान ने अपनी मां के गाल को चूमा। डेंग ने इस भावुक पल को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। लाखों लोगों ने डेंग की हिम्मत की सराहना की और डोनेशन देकर मदद की। इससे डेंग को दोबारा ये को अस्पताल ले जाने में मदद मिली।

चमत्कार की वापसी

तीन महीने अस्पताल में बिताने के बाद एक चमत्कार हुआ—ये होश में आ गईं। दो महीने के अंदर उन्होंने बोलना भी शुरू कर दिया। होश में आते ही उन्होंने सबसे पहले अपने पति को “धन्यवाद” कहा। यह शब्द शायद डेंग के लिए सबसे बड़ा इनाम था।

डेंग ने बताया कि जब ये कोमा में थीं, तब वह रोज उनके सामने गाने गाते थे, नाचते थे, ताकि वह खुश रहें और हिम्मत न हारें। उन्होंने कहा कि उनका विश्वास था कि उनकी पत्नी जरूर वापस आएंगी।

नया जीवन और प्रेरणा

आज ये चल-फिर सकती हैं और एक छोटी दुकान भी चलाती हैं। डेंग और ये ने मिलकर सोशल मीडिया पर एक बड़ी फॉलोइंग बना ली है। उनके लगभग 20 लाख फॉलोअर्स हैं और वे लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से कमाई भी करते हैं।

उनकी यह कहानी न केवल प्रेम की गहराई को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि जब इंसान ठान ले, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है।

निष्कर्ष

डेंग और ये की कहानी उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में उम्मीद छोड़ देते हैं। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्यार न केवल साथ निभाता है, बल्कि जिंदगी की सबसे कठिन लड़ाइयों को भी जीत सकता है। डेंग ने अपनी पत्नी का साथ कभी नहीं छोड़ा, और इसी समर्पण ने उन्हें वो चमत्कारिक पल देखने का मौका दिया, जिसे दुनिया आज सलाम कर रही है।

“जब आप किसी को सच्चे दिल से चाहते हैं, तो आप उसके लिए हर सीमा पार कर सकते हैं। डेंग यूकाई की यह कहानी इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।”

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