भारत से अमेरिका के हवाई किराये में भारी गिरावट: ट्रंप की नीतियों और वीजा संकट का असर
- May 17, 2025
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भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों के लिए हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पिछले तीन सप्ताह में अमेरिका के लिए फ्लाइट टिकट के
भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों के लिए हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पिछले तीन सप्ताह में अमेरिका के लिए फ्लाइट टिकट के
भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों के लिए हाल ही में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पिछले तीन सप्ताह में अमेरिका के लिए फ्लाइट टिकट के दामों में 30 से 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। आम तौर पर अमेरिका जैसे लंबी दूरी वाले डेस्टिनेशन के लिए हवाई किराया कम नहीं होता, लेकिन अचानक आई इस गिरावट ने ट्रैवल इंडस्ट्री और यात्रियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर एयर फेयर में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई है? क्या यह यात्रियों के लिए किसी तरह का मौका है, या इसके पीछे कोई गंभीर वैश्विक या राजनीतिक कारण छुपा हुआ है? आइए इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
इस किराया गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका की बदलती वीजा नीतियां मानी जा रही हैं। अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त प्रवासी नीति और उनके द्वारा फिर से सक्रिय राजनीति में लौटने के संकेतों ने अमेरिका में इमिग्रेशन को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है।
H1B वीजा, स्टूडेंट वीजा और टूरिस्ट वीजा जैसे प्रमुख वीजा कैटेगरी में देरी और रिजेक्शन के मामलों में इजाफा देखा गया है। इसका सीधा असर भारत से अमेरिका जाने वाले यात्रियों पर पड़ा है।
ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार, वीजा प्रक्रिया में देरी के चलते बड़ी संख्या में लोग अपनी अमेरिका यात्रा को टाल रहे हैं या रद्द कर रहे हैं। जिससे फ्लाइट की डिमांड में गिरावट आई है, और एयरलाइंस को किराया घटाना पड़ रहा है।
एक और बड़ा कारण है भारतीय रुपये की डॉलर के मुकाबले कमजोरी। जब डॉलर महंगा होता है, तो विदेश यात्रा महंगी हो जाती है। टिकट के साथ-साथ होटल, लोकल ट्रांसपोर्ट, फूड और अन्य खर्च भी बढ़ जाते हैं। इसका असर सीधे यात्रियों के निर्णय पर पड़ता है।
रुपये में कमजोरी के चलते कई मध्यमवर्गीय और उच्च-मध्यमवर्गीय परिवारों ने अमेरिका की अपनी यात्रा योजनाएं फिलहाल के लिए स्थगित कर दी हैं। इससे अमेरिका रूट की डिमांड और कम हो गई है।
भारतीय ट्रैवल कंपनियों द्वारा आयोजित ग्रुप टूर पिछले कुछ वर्षों में काफी लोकप्रिय हुए हैं, खासकर अमेरिका जैसे देशों के लिए। लेकिन हाल के महीनों में अमेरिका ग्रुप टूर की बुकिंग में तेज गिरावट देखी गई है।
एयर फेयर में गिरावट का सीधा संबंध डिमांड और सप्लाई से है। जब किसी रूट पर डिमांड कम हो जाती है, तो एयरलाइंस अपनी सीटें भरने के लिए किराये कम कर देती हैं। अमेरिका रूट पर ठीक यही हो रहा है।
इसके अलावा, कुछ प्रमुख एयरलाइंस ने हाल ही में अपनी इंटरनेशनल उड़ानों की संख्या बढ़ाई है। जिससे सीटें तो ज्यादा हुईं, लेकिन डिमांड उस गति से नहीं बढ़ी। इससे भी किराए कम करने का दबाव बना।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति तब तक बनी रह सकती है जब तक वीजा प्रक्रिया सामान्य नहीं होती और अमेरिका की राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित नहीं हो जाती।
अगर ट्रंप की वापसी की संभावना और बढ़ती है, तो यह असमंजस और बढ़ सकता है। ऐसे में:
अगर आप अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं और आपके पास पहले से वीजा है, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। सस्ती उड़ानों का लाभ उठाया जा सकता है। लेकिन यदि आपके पास वीजा नहीं है, तो वीजा मिलने में समय लग सकता है, और उस स्थिति में किराया भले सस्ता हो, यात्रा संभव नहीं होगी।
भारत से अमेरिका का हवाई किराया भले ही कम हो गया हो, लेकिन इसके पीछे छिपे कारण गंभीर हैं। वीजा संकट, डॉलर की महंगाई और ट्रंप की नीतियों ने अमेरिका यात्रा को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ट्रैवल इंडस्ट्री उम्मीद कर रही है कि हालात जल्दी सुधरेंगे, लेकिन जब तक स्थितियां स्पष्ट नहीं होतीं, यात्रियों को सतर्क और योजना बनाकर ही यात्रा करनी चाहिए।