HDFC बैंक का बड़ा तोहफा: लोन पर ब्याज दरों में कटौती से EMI में राहत
- July 7, 2025
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देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स आधारित लेंडिंग रेट (MCLR)
देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स आधारित लेंडिंग रेट (MCLR)
देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स आधारित लेंडिंग रेट (MCLR) में 30 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.30% की कटौती की है। इस फैसले से उन ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा जिनके लोन MCLR से जुड़े हुए हैं।
यह नई दरें 7 जुलाई 2025 से लागू हो गई हैं, और इसके चलते विभिन्न अवधियों के लोन पर ब्याज दरों में कमी आ गई है। इससे EMI घटेगी और ग्राहकों का आर्थिक बोझ हल्का होगा।
एचडीएफसी बैंक की नई MCLR दरें पहले से काफी कम हैं। पहले जहां MCLR 8.90% से 9.10% के बीच थी, वहीं अब यह घटकर 8.60% से 8.80% के बीच आ गई है।
इस कटौती का मतलब है कि अगर आपने HDFC बैंक से लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो अब आपको कम ब्याज चुकाना पड़ेगा।
होम लोन की ब्याज दरें फिलहाल रेपो रेट से जुड़ी होती हैं। 7 जुलाई 2025 तक, सामान्य होम लोन की ब्याज दरें 8.50% से 9.40% के बीच हैं, जबकि विशेष ग्राहकों के लिए यह 7.90% से 9.00% तक हो सकती हैं। ये दरें मौजूदा रेपो रेट 5.50% पर आधारित हैं।
इस बदलाव से नए होम लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा लाभ होगा, साथ ही वे ग्राहक जिनका लोन फ्लोटिंग दरों पर है, उन्हें भी EMI में राहत मिलेगी।
MCLR यानी Marginal Cost of Funds Based Lending Rate वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। इसकी गणना बैंक की पूंजी लागत, डिपॉजिट पर ब्याज, संचालन लागत और CRR जैसे फैक्टर्स के आधार पर की जाती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने MCLR को इसलिए लागू किया ताकि बैंकों की फंडिंग लागत में हुए बदलाव का लाभ सीधे ग्राहकों को मिले और ब्याज दरें ज्यादा पारदर्शी बन सकें।