ब्रॉड की प्लेइंग XI में नहीं मिली जगह: Gill and Jadeja की अनदेखी पर उठे सवाल
- August 6, 2025
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भारत-इंग्लैंड के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज ने क्रिकेट प्रेमियों को कई रोमांचक क्षण दिए। इस सीरीज में भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल और
भारत-इंग्लैंड के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज ने क्रिकेट प्रेमियों को कई रोमांचक क्षण दिए। इस सीरीज में भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल और
भारत-इंग्लैंड के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज ने क्रिकेट प्रेमियों को कई रोमांचक क्षण दिए। इस सीरीज में भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल और अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने शानदार प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया। गिल ने बल्ले से रनों की बारिश की, वहीं जडेजा ने बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन संतुलन दिखाया। लेकिन जब इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने सीरीज के बाद दोनों टीमों की संयुक्त प्लेइंग XI (Combined XI) का चयन किया, तो सबसे बड़ा झटका यही था कि इसमें न तो गिल थे और न ही जडेजा।
शुभमन गिल ने इस टेस्ट सीरीज में 5 मैचों की 10 पारियों में 754 रन बनाए, जिसमें 4 शतक शामिल थे। उनका औसत 75 से अधिक रहा, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए गौरव की बात है। उन्होंने इंग्लैंड की गेंदबाजी आक्रमण को बखूबी खेला और कई बार भारत को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। इस प्रदर्शन के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि वह किसी भी कंबाइंड टीम में शीर्ष क्रम में पहली पसंद होंगे।
रवींद्र जडेजा ने 5 टेस्ट मैचों में 516 रन बनाए, जिसमें 1 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। गेंदबाजी में भी उन्होंने 7 विकेट झटके और कई बार इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाला। उनकी फील्डिंग हमेशा की तरह शानदार रही और उन्होंने कई अहम कैच भी लपके। इतने जबरदस्त प्रदर्शन के बावजूद जडेजा को टीम से बाहर रखा जाना क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर गया।

स्टुअर्ट ब्रॉड ने अपनी टीम में इन खिलाड़ियों को शामिल किया:
इस टीम में भारत से कुल 7 खिलाड़ी और इंग्लैंड से 4 खिलाड़ी शामिल हैं।
अगर इस टीम का विश्लेषण किया जाए तो Gill and Jadeja की अनदेखी समझ से परे है। बल्लेबाजी क्रम में यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल को ओपनर चुना गया है, जबकि ओली पोप, जो रूट, और हैरी ब्रूक को मिडिल ऑर्डर में रखा गया है। सवाल यह है कि क्या इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन गिल से बेहतर था? शायद नहीं।
रही बात ऑलराउंडर की, तो ब्रॉड ने जडेजा की जगह वॉशिंगटन सुंदर को टीम में रखा, जिनका सीरीज में प्रदर्शन ठीक रहा, लेकिन जडेजा की तुलना में कमजोर कहा जा सकता है।
ब्रॉड की टीम में संतुलन तो है, लेकिन प्रदर्शन आधारित चयन नहीं दिखता। यह भी संभव है कि उन्होंने खिलाड़ियों को विशिष्ट भूमिका और बैलेंस के आधार पर चुना हो, लेकिन फिर भी दो सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों की अनदेखी सवाल खड़े करती है।
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां आंकड़े और प्रदर्शन बहुत मायने रखते हैं। शुभमन गिल और रवींद्र जडेजा ने इस सीरीज में जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह उन्हें किसी भी संयुक्त टीम का हिस्सा बनाने के लिए पर्याप्त था। ब्रॉड की टीम ने फैंस को हैरान कर दिया और इस बात की चर्चा लंबे समय तक चलती रहेगी कि क्या गिल और जडेजा के साथ नाइंसाफी हुई?