Gaza conflict moves toward ceasefire: हमास का शांति प्रस्ताव और बंधकों की रिहाई की पेशकश
April 18, 2025
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पश्चिम एशिया में दशकों से जारी इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा किए गए लगातार और तीव्र हमलों
पश्चिम एशिया में दशकों से जारी इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा किए गए लगातार और तीव्र हमलों के बाद अब हमास ने युद्ध खत्म करने की इच्छा जताई है। हाल ही में हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान दिया कि वे सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार हैं—बशर्ते युद्ध रोका जाए और इजरायल की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हो।
इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है और शांति के एक नए द्वार की उम्मीद जगा दी है। यह लेख गाजा में हो रहे घटनाक्रम, हमास के बदलते रुख और इजरायल की प्रतिक्रिया पर रोशनी डालता है।
हमास की ओर से आया बड़ा बयान
हमास के वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, “हम युद्ध नहीं चाहते। गाजा पट्टी में हो रही तबाही और लोगों की मौतों को अब रोका जाना चाहिए। हम सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार हैं, यदि इजरायल भी सकारात्मक रुख अपनाए और कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करे।” इस बयान ने एक ओर जहां अंतरराष्ट्रीय समुदाय को राहत की सांस लेने का मौका दिया, वहीं दूसरी ओर यह इजरायल के लिए एक कूटनीतिक जीत भी मानी जा रही है, क्योंकि कई महीनों से उसकी सैन्य कार्रवाई के बाद हमास इस प्रकार की बात करने को मजबूर हुआ है।
इजरायल की कार्रवाई का दबाव
इजरायल की सेना ने पिछले कई हफ्तों में गाजा में ज़बरदस्त बमबारी और ज़मीनी हमले किए। इन हमलों में हमास के कई टॉप कमांडर मारे गए और उनकी सैन्य क्षमताएं बुरी तरह कमजोर हुईं। इन हमलों का असर इतना व्यापक रहा कि गाजा में बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गईं। हजारों लोग बेघर हो गए और नागरिकों की जान पर बन आई।
ऐसे में हमास का शांति प्रस्ताव देना यह दर्शाता है कि इजरायली सैन्य दबाव अब उस बिंदु पर पहुंच गया है जहां हमास के पास लड़ाई छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
बंधकों की रिहाई की पेशकश
हमास ने एक बड़ा प्रस्ताव यह भी रखा है कि वे उन सभी इजरायली बंधकों को रिहा कर देंगे जो 7 अक्टूबर को हमास द्वारा शुरू किए गए हमलों के दौरान बंदी बना लिए गए थे। हालांकि उन्होंने यह भी शर्त रखी है कि इजरायल को उनकी जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा, जिनमें महिलाएं, बच्चे और उम्रदराज लोग शामिल हैं।
यह कदम एक बड़ी मानवीय राहत ला सकता है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनके प्रियजन बंधक बनाए गए हैं। वहीं, यह शांति वार्ता के दरवाजे खोलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमास के इस शांति प्रस्ताव पर दुनिया के कई देशों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह इस पहल का स्वागत करता है और तुरंत युद्धविराम की अपील करता है।
अमेरिका ने भी दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के रास्ते को अपनाने का आग्रह किया है।
यूरोपीय यूनियन ने कहा कि यह प्रस्ताव क्षेत्र में स्थाई शांति के लिए एक ‘मौका’ है जिसे गंवाना नहीं चाहिए।
इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट है कि विश्व समुदाय इस भीषण संघर्ष को समाप्त करने के लिए इच्छुक है, और हमास की यह पहल एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
इजरायल की प्रतिक्रिया
अब बड़ा सवाल यह है कि इजरायल हमास की इस पेशकश पर क्या प्रतिक्रिया देगा। इजरायल सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मुद्दे पर आंतरिक मतभेद हो सकते हैं।
एक ओर जहां सरकार का एक धड़ा मानता है कि अब समय है कूटनीतिक समाधान का,
वहीं कट्टरपंथी नेतन्याहू समर्थक गुट इस प्रस्ताव को हमास की “चालाकी” मानकर खारिज करने के मूड में हैं।
इजरायल का रुख आने वाले दिनों में इस क्षेत्र की राजनीति और मानवता की दिशा तय करेगा।
जनता पर प्रभाव
गाजा और इजरायल दोनों ही ओर आम जनता सबसे अधिक पीड़ित रही है। जहां गाजा में हजारों नागरिक मारे गए, वहीं इजरायल में भी कई बंधकों की खबरों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब जबकि हमास ने युद्धविराम और बंधक रिहाई की बात कही है, आम लोग एक राहत की सांस लेना चाहते हैं। गाजा में रहने वाले एक नागरिक ने समाचार एजेंसी से कहा, “हमें अब शांति चाहिए। बहुत कुछ खो चुके हैं हम।”
भविष्य की राह
यदि इजरायल हमास की इस शांति पहल को स्वीकार कर लेता है, तो यह एक बड़ी ऐतिहासिक घटना होगी।
इससे न सिर्फ गाजा पट्टी में शांति बहाल हो सकती है,
बल्कि लंबे समय से बंद पड़े शांति वार्ता के दरवाजे भी खुल सकते हैं।
इस संघर्ष की जड़ में मौजूद मुद्दों—जैसे ज़मीन, सीमाएं, और धार्मिक स्थलों के अधिकार—पर भी शायद बातचीत हो सके।
हालांकि यह रास्ता आसान नहीं है, लेकिन एक सकारात्मक शुरुआत के लिए यही वक्त सबसे सही है।
निष्कर्ष: हमास द्वारा दिए गए शांति प्रस्ताव और बंधकों की रिहाई की पेशकश एक बड़ी कूटनीतिक हलचल मानी जा रही है। इजरायल के जवाब पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो यह न केवल हजारों जिंदगियों को बचा सकता है, बल्कि पश्चिम एशिया में स्थाई शांति की ओर पहला कदम हो सकता है।