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पित्त की थैली में पथरी: कारण, लक्षण और बचाव के प्रभावी उपाय

  • May 26, 2025
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आज के समय में पित्त की थैली में पथरी (Gallbladder Stone) एक आम समस्या बनती जा रही है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जो यदि समय

पित्त की थैली में पथरी: कारण, लक्षण और बचाव के प्रभावी उपाय

आज के समय में पित्त की थैली में पथरी (Gallbladder Stone) एक आम समस्या बनती जा रही है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जो यदि समय पर इलाज न हो तो लिवर और पाचन प्रणाली पर बुरा असर डाल सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि पित्त की थैली में पथरी क्यों बनती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के लिए कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं।

पित्त की थैली क्या है और इसका कार्य

पित्त की थैली (Gallbladder) एक छोटा अंग है जो यकृत (liver) के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त (bile) संग्रहित करना होता है, जो भोजन के पाचन में सहायता करता है, विशेषकर वसा के पाचन में। जब भी हम भोजन करते हैं, गॉल ब्लैडर संकुचित होकर पित्त को छोटी आंत में छोड़ता है।

Gallstones

लेकिन जब पित्त में मौजूद तत्वों जैसे कि कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त लवण का संतुलन बिगड़ जाता है, तो यह जमकर क्रिस्टल और फिर पत्थर (स्टोन) का रूप ले लेते हैं।

पित्त की थैली में पथरी बनने के मुख्य कारण

  1. अस्वस्थ जीवनशैली – अनियमित दिनचर्या, जंक फूड का अधिक सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी इस समस्या का मुख्य कारण है।
  2. मोटापा – अधिक वजन होने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गॉल ब्लैडर में स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  3. कोलेस्ट्रॉल असंतुलन – पित्त में कोलेस्ट्रॉल का अत्यधिक मात्रा में होना क्रिस्टल बनने का कारण बनता है।
  4. बिलीरुबिन का असंतुलन – लिवर की कुछ बीमारियों के कारण बिलीरुबिन का स्तर असामान्य हो सकता है, जो स्टोन बनने का कारण बन सकता है।
  5. पित्ताशय का पूरी तरह से खाली न होना – यदि गॉल ब्लैडर भोजन के बाद पूरी तरह से खाली नहीं होता, तो पित्त गाढ़ा हो जाता है और पथरी बनने लगती है।
  6. तेजी से वजन घटाना – अत्यधिक तेजी से वजन कम करने पर भी पित्त में असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण

पथरी छोटी हो या बड़ी, इसके कुछ स्पष्ट लक्षण होते हैं:

  • पेट के ऊपरी हिस्से या दाईं ओर दर्द
  • छाती में जलन या भारीपन
  • जी मिचलाना या उल्टी आना
  • सांस लेने में परेशानी
  • भोजन पचने में कठिनाई
  • खांसी के साथ दर्द या घबराहट
  • लंबे समय तक अपच और गैस की समस्या

कई बार पथरी मौन (Silent Stone) होती है, यानी इसके कोई लक्षण नहीं दिखते और यह किसी अन्य जांच में पता चलती है।

Gallstones

पथरी से होने वाले खतरे

  • लिवर पर नकारात्मक प्रभाव
  • पाचन तंत्र की गड़बड़ी
  • पित्त नली में रुकावट
  • पित्ताशय में संक्रमण (Cholecystitis)
  • पित्ताशय फटने का खतरा

पित्त की पथरी से बचने के उपाय

  1. संतुलित आहार लें
    • फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
    • अधिक वसा, तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
    • कोलेस्ट्रॉल और ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थ सीमित करें।
  2. वजन नियंत्रित रखें
    • मोटापा गॉल ब्लैडर स्टोन का प्रमुख कारण है। नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।
  3. पर्याप्त पानी पिएं
    • दिनभर में 8–10 गिलास पानी पिएं ताकि पित्त गाढ़ा न हो और क्रिस्टल बनने से रोका जा सके।
  4. खाना स्किप न करें
    • भोजन न करना या अनियमित भोजन करने से गॉल ब्लैडर खाली नहीं होता, जिससे स्टोन बन सकता है।
  5. धीरे-धीरे वजन कम करें
    • बहुत तेजी से वजन घटाना भी स्टोन की संभावना को बढ़ाता है। वजन कम करने के लिए संतुलित और धीमी प्रक्रिया अपनाएं।

इलाज क्या है?

यदि पथरी बहुत छोटी है और लक्षण गंभीर नहीं हैं, तो डॉक्टर कुछ समय तक दवाओं के माध्यम से इलाज करने की सलाह दे सकते हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में सर्जरी (Cholecystectomy) ही एकमात्र विकल्प होती है, जिसमें गॉल ब्लैडर को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।

निष्कर्ष

पित्त की थैली में पथरी एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो हमारी जीवनशैली और खानपान की आदतों से गहराई से जुड़ी हुई है। हालांकि इसका इलाज संभव है, लेकिन इससे बचाव करना ज्यादा बेहतर है। सही खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त जल सेवन जैसी आदतों को अपनाकर हम इस समस्या से आसानी से बच सकते हैं।

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