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पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारत का खौफ, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद महज एक दिन में 820000000000 रुपये का नुकसान

  • May 10, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने दोनों देशों के शेयर बाजारों पर गहरा असर डाला है। खासतौर पर पाकिस्तान के शेयर बाजार

पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारत का खौफ, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद महज एक दिन में 820000000000 रुपये का नुकसान

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने दोनों देशों के शेयर बाजारों पर गहरा असर डाला है। खासतौर पर पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, भारत में भी निवेशकों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में हड़कंप

भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई जवाबी कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान के आर्थिक हालातों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (Pakistan Stock Exchange – PSX) में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते तीन कारोबारी सत्रों में पाकिस्तान के बाजार में निवेशकों को कुल 1.3 ट्रिलियन रुपये का नुकसान हुआ है। इस तरह की गिरावट ने न सिर्फ निवेशकों को झटका दिया, बल्कि बाजार की स्थिरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

820 अरब रुपये का नुकसान सिर्फ एक दिन में

गुरुवार को जब पाकिस्तान के शेयर बाजार में कारोबार शुरू हुआ, तब से ही बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का माहौल था। दिन के कारोबार के दौरान KSE-100 इंडेक्स (Karachi Stock Exchange 100 Index) में अचानक भारी गिरावट आई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दिन इंडेक्स में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखने को मिली, जो एक गंभीर संकेत था। इसके चलते बाजार को एक घंटे के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी, ताकि निवेशक घबराकर पूरी तरह से शेयर न बेच दें और गिरावट पर थोड़ा नियंत्रण पाया जा सके।

इस एक दिन में ही पाकिस्तानी बाजार की मार्केट कैप में 820 अरब रुपये की गिरावट दर्ज की गई, जो कि हाल के वर्षों में एक सबसे बड़ा एकदिनी नुकसान है। इंडेक्स 6,400 से अधिक अंक गिरकर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इस गिरावट ने स्पष्ट कर दिया कि बाजार में निवेशकों का विश्वास डगमगा चुका है और भू-राजनीतिक घटनाएं सीधे शेयर बाजार को प्रभावित कर रही हैं।

तीन दिन में 1.3 ट्रिलियन रुपये की मार्केट कैप साफ

अगर पिछले तीन कारोबारी सत्रों की बात करें, तो पाकिस्तान के शेयर बाजार को 1.3 ट्रिलियन रुपये की भारी भरकम क्षति हुई है। यह नुकसान केवल शेयरों की गिरावट के कारण नहीं बल्कि निवेशकों के मन में घर कर गई अस्थिरता और डर का परिणाम है।

गुरुवार को KSE-100 इंडेक्स में करीब 10,000 अंकों का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन के एक समय यह इंडेक्स 1,872 अंक ऊपर गया, लेकिन जल्द ही यह 8,410 अंक गिरकर नीचे आ गया। ऐसा इंट्राडे उतार-चढ़ाव पहले कभी बहुत कम देखा गया है। इससे बाजार की अस्थिरता और निवेशकों की घबराहट का अंदाजा लगाया जा सकता है।

निवेशकों में डर और अनिश्चितता का माहौल

इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह भू-राजनीतिक तनाव और भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस समय किसी भी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं। जैसे ही भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ा, निवेशकों ने शेयरों से पैसा निकालना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ गई और इंडेक्स लुढ़क गया।

विशेष रूप से विदेशी निवेशक इस स्थिति में अधिक सतर्क हो जाते हैं क्योंकि वे ऐसे अस्थिर माहौल में पूंजी निवेश को जोखिमपूर्ण मानते हैं। इसी कारण पाकिस्तान के बाजार से बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी निकलती दिख रही है, जिससे लिक्विडिटी की समस्या और बढ़ी है।

भारतीय बाजारों पर भी पड़ा तनाव का असर

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव का असर सिर्फ वहां तक सीमित नहीं रहा। इसका प्रभाव भारत के शेयर बाजारों पर भी पड़ा है। भारत में दो दिनों के भीतर निवेशकों को करीब 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह गिरावट व्यापक पैमाने पर शेयरों में बिकवाली के कारण हुई है।

बीएसई (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 7,09,783.32 करोड़ रुपये घटकर 4,16,40,850.46 करोड़ रुपये रह गया है। इस तरह बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल वैल्यू 4.86 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से कम हो गई है।

विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक इस समय सतर्कता बरत रहे हैं और बाजार में आने वाले हर नकारात्मक संकेत पर तेजी से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ऐसे माहौल में केवल रक्षात्मक शेयर (जैसे फार्मा, एफएमसीजी आदि) ही थोड़ी स्थिरता दिखा रहे हैं, जबकि बैंकिंग, मेटल्स और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

क्या आगे और गिरावट संभव है?

विशेषज्ञों की राय है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और गहराता है, तो दोनों देशों के शेयर बाजारों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। खासतौर पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जो पहले से ही आर्थिक संकट, विदेशी ऋण और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही है, उसके लिए इस तरह के बाजार झटके और भी अधिक खतरनाक साबित हो सकते हैं।

दूसरी ओर, भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत मजबूत है, लेकिन लंबे समय तक जारी रहने वाला तनाव भारत में भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार बिकवाली से भारतीय बाजारों में भी अस्थिरता बनी रह सकती है।

निष्कर्ष: निवेशकों के लिए सतर्क रहने का समय

भारत-पाकिस्तान के बीच इस भू-राजनीतिक संघर्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध या सैन्य टकराव न केवल सीमाओं पर जान-माल की क्षति करता है, बल्कि उसका असर सीधे-सीधे अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों पर भी पड़ता है।

जहाँ पाकिस्तान को तीन दिनों में 1.3 ट्रिलियन रुपये का नुकसान झेलना पड़ा, वहीं भारत में भी निवेशकों को भारी वित्तीय क्षति उठानी पड़ी है। ऐसे में निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय लंबी अवधि की रणनीति अपनाएं, जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें और केवल मजबूत और स्थिर कंपनियों में निवेश बनाए रखें।

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