Earthquake Devastates Thailand and Myanmar : 144 लोगों की मौत, 700 से अधिक घायल
- March 29, 2025
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नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 – भारत के पड़ोसी देशों म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भयंकर भूकंप आया, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही मची। भूकंप की
नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 – भारत के पड़ोसी देशों म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भयंकर भूकंप आया, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही मची। भूकंप की
नई दिल्ली, 29 मार्च 2025 – भारत के पड़ोसी देशों म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भयंकर भूकंप आया, जिससे दोनों देशों में भारी तबाही मची। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई और इसका केंद्र म्यांमार के मांडले से लगभग 17.2 किमी दूर था। इस विनाशकारी भूकंप ने अब तक 144 लोगों की जान ले ली है और 732 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, यह भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई में आया था।
म्यांमार में एक के बाद एक छह बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और सड़कें टूट गईं। भूकंप का प्रभाव इतना अधिक था कि इसके झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए।
भूकंप के कारण म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों ने आपातकाल घोषित कर दिया है। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं और सेना को तैनात किया गया है।
मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सेना, पुलिस और राहतकर्मी पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। भारत समेत कई देशों ने मदद की पेशकश की है।
भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, यह भूकंप टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने के कारण आया। दक्षिण-पूर्व एशिया में इस तरह के भूकंप आम हैं, लेकिन इस बार की तीव्रता बेहद अधिक थी, जिससे व्यापक तबाही मची।
संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने म्यांमार और थाईलैंड को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। भारत ने भी राहत सामग्री और बचाव दल भेजने की घोषणा की है।
सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। भूकंप के बाद के झटकों का खतरा अभी भी बना हुआ है, इसलिए लोगों को ऊंची इमारतों और अस्थिर ढांचों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
म्यांमार और थाईलैंड में आए इस भयानक भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सरकारें और राहत एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं ताकि जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य किया जा सके। यह आपदा एक बार फिर दिखाती है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और तैयारी कितनी जरूरी है।