News

केदारनाथ धाम के कपाट खुले, भक्तों की उमड़ी भीड़ ने गूंजाया भोलेनाथ का दरबार

  • May 2, 2025
  • 0

सर्दियों की लंबी अवधि के बाद उत्तराखंड स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। यह पावन

केदारनाथ धाम के कपाट खुले, भक्तों की उमड़ी भीड़ ने गूंजाया भोलेनाथ का दरबार

सर्दियों की लंबी अवधि के बाद उत्तराखंड स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। यह पावन अवसर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिमालय की ऊंची चोटियों पर बसे बाबा केदारनाथ के दरबार में अपार आस्था और भक्ति के साथ मनाया गया। केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर साल की तरह इस बार भी मंदिर के कपाट शीतकाल के छह महीनों तक बंद रहने के बाद वैशाख मास में दोबारा खोले गए हैं।

हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में खुला पवित्र धाम

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में मौजूद रहे। ‘बम-बम भोले’ और ‘जय बाबा केदार’ के गगनभेदी नारों से पूरा वातावरण शिवमय हो उठा। भक्तों के चेहरों पर अपार श्रद्धा और आस्था देखने को मिली। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर में उपस्थित होकर बाबा केदार के दर्शन किए और पूजा-अर्चना में भाग लिया।

केदारनाथ धाम की भव्य फूलों से सजावट

इस बार केदारनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया गया है। देश-विदेश से मंगाए गए विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से मंदिर परिसर को सजाया गया। कुल 108 क्विंटल फूलों का उपयोग इस सजावट में किया गया, जिससे पूरा मंदिर परिसर एक अनुपम सौंदर्य की अनुभूति करा रहा था। यह सजावट न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव बनी, बल्कि सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में भी खूब सराही गई।

बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को खुलेंगे

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई है। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर 30 अप्रैल को पहले ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जा चुके हैं। अब चारधाम यात्रा का अंतिम चरण, बदरीनाथ धाम के कपाट, रविवार को खोले जाएंगे। बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पूरी तरह से आरंभ हो जाएगी।

चारधाम यात्रा की विशेषता

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा हिन्दू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है। यह यात्रा चार प्रमुख धामों – केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री – के दर्शन से पूरी होती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं। ये धाम हिमालय की ऊँचाई पर स्थित हैं, जहाँ सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है। इसी कारणवश हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर में इन धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और अगले वर्ष अप्रैल-मई में फिर से खोले जाते हैं।

सीएम धामी ने की पीएम मोदी के नाम की पूजा

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान शिव के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि देश में आतंकवाद और अलगाववाद जैसी समस्याएं हमारे सामने हैं, और बाबा केदार की कृपा से हमारे प्रधानमंत्री को ऐसी शक्तियां प्राप्त हों जिससे वे इन समस्याओं से मजबूती से निपट सकें। मुख्यमंत्री ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना की भी निंदा की और विश्वास जताया कि बाबा के आशीर्वाद से ऐसे राक्षसी ताकतों का जल्द अंत होगा।

श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति का संगम

ठंड का मौसम अभी भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी श्रद्धालुओं में उत्साह की कोई कमी नहीं दिखी। मंदिर तक पहुँचने के लिए लोग लम्बी पदयात्रा करते हैं, फिर भी हर उम्र के भक्तों ने कठिनाइयों की परवाह किए बिना बाबा के दर्शन के लिए इस यात्रा को पूरा किया। भक्ति की इस भावना ने यह साबित कर दिया कि आस्था पर्वतों से भी ऊँची होती है।

पिछले साल पहुंचे थे 48 लाख श्रद्धालु

हर साल की तरह इस वर्ष भी चारधाम यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में लगभग 48 लाख तीर्थयात्रियों ने भाग लिया था। प्रशासन इस बार भी सुरक्षा, चिकित्सा सहायता और यात्रा मार्गों की सुगमता को सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा, स्वास्थ्य शिविर, मोबाइल टॉयलेट और रुकने की उचित व्यवस्था की है।

पर्यावरण और सुरक्षा के विशेष प्रबंध

चारधाम यात्रा के दौरान न केवल सुरक्षा बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी विशेष सावधानियां बरती जाती हैं। सरकार और प्रशासन पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक मुक्त यात्रा मार्ग, कूड़ा प्रबंधन और जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही है। इसके अलावा यात्रा के दौरान मौसम की स्थिति पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

निष्कर्ष:

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र एक बार फिर जीवंत हो गया है। बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए दूर-दराज से आए भक्तों की भक्ति और ऊर्जा इस बात का प्रमाण है कि भारत में अध्यात्म और आस्था की जड़ें कितनी गहरी हैं। अब रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से आरंभ हो जाएगी, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

यह भी पढ़ें : जातिगत जनगणना 2025 | मुस्लिम जातियों की गिनती और OBC में शामिल होने की प्रक्रिया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *