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Pregnancy Myths: क्या नारियल खाने से सच में गोरे बच्चे होते हैं? जानिए सच्चाई

  • April 18, 2025
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लगभग हर गर्भवती महिला की ख्वाहिश होती है कि उसका होने वाला बच्चा गोरा और सुंदर हो। गर्भ में पल रहे शिशु को भरपूर पोषण मिले और वह

Pregnancy Myths: क्या नारियल खाने से सच में गोरे बच्चे होते हैं? जानिए सच्चाई

लगभग हर गर्भवती महिला की ख्वाहिश होती है कि उसका होने वाला बच्चा गोरा और सुंदर हो। गर्भ में पल रहे शिशु को भरपूर पोषण मिले और वह पूरी तरह से स्वस्थ रहे, इसके लिए कपल्स तरह-तरह के उपाय करते हैं। लेकिन इन कोशिशों के बीच एक बात जो कई लोगों को परेशान करती है, वो है बच्चे की त्वचा का रंग। बहुत से लोग ये मानते हैं कि कुछ खास चीजें खाने से बच्चा गोरा पैदा होता है, लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है।

दरअसल, बच्चे की स्किन टोन इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी त्वचा में मेलेनिन की मात्रा कितनी है। जिनकी त्वचा में मेलेनिन ज्यादा होता है, उनका रंग थोड़ा सांवला या गहरा हो सकता है, जबकि कम मेलेनिन वाले लोगों की त्वचा अपेक्षाकृत गोरी होती है। लेकिन जानकारी की कमी के चलते कई महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसी चीजें खाने लगती हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इनसे गोरा बच्चा पैदा होता है। इन्हीं में से एक है नारियल।

मिथक: नारियल खाने से बच्चा गोरा होता है?


सच्चाई:
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं खाने-पीने की सलाह को बहुत गंभीरता से लेती हैं और कई बार बिना जांचे-परखे किसी की भी बातों पर यकीन कर लेती हैं, जो आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकता है। नारियल या नारियल पानी को भी इसी सोच के साथ लिया जाता है कि इससे बच्चा गोरा पैदा होगा। लेकिन क्या वाकई ऐसा है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चे की त्वचा का रंग पूरी तरह से माता-पिता की जेनेटिक्स यानी जींस पर निर्भर करता है। गर्भावस्था के दौरान खाई जाने वाली किसी भी चीज से बच्चे की त्वचा की रंगत पर कोई असर नहीं पड़ता। त्वचा में मौजूद मेलेनिन की मात्रा ही यह तय करती है कि बच्चा गोरा होगा या सांवला। इस लिहाज से देखा जाए तो नारियल या नारियल पानी पीने और बच्चे के रंग के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

स्वस्थ बच्चे के लिए संतुलित और पोषण से भरपूर डाइट लेना ज़रूरी है, लेकिन इसका रंग से कोई लेना-देना नहीं होता। डॉक्टरों के अनुसार, नारियल पानी में कैल्शियम और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखने और एनर्जी देने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका सेवन भी डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद पोटेशियम और शुगर की मात्रा, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रही महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।

निष्कर्ष:


बच्चे की त्वचा का रंग किसी खाने-पीने की चीज से नहीं, बल्कि जेनेटिक कारणों और मेलेनिन की मात्रा से तय होता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में सिर्फ हेल्दी और डॉक्टर द्वारा सलाह दिए गए खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें, अफवाहों पर नहीं।

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