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एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी में क्या है फर्क? जानें कब होती है स्टंट की जरूरत

  • April 19, 2025
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जब किसी व्यक्ति को हार्ट से जुड़ी समस्या होती है या हार्ट अटैक आता है, तो अस्पताल में डॉक्टर आमतौर पर तीन चीजों का ज़िक्र करते हैं –

एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी में क्या है फर्क? जानें कब होती है स्टंट की जरूरत

जब किसी व्यक्ति को हार्ट से जुड़ी समस्या होती है या हार्ट अटैक आता है, तो अस्पताल में डॉक्टर आमतौर पर तीन चीजों का ज़िक्र करते हैं – एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी। ये तीनों मेडिकल शब्द सुनने में भले ही जटिल लगें, लेकिन इनका मतलब समझना हर किसी के लिए जरूरी है, क्योंकि ये दिल की सेहत से सीधे जुड़े होते हैं।

क्या है एंजियोग्राफी?

एंजियोग्राफी एक जांच प्रक्रिया है, इलाज नहीं। इसका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि हार्ट की नसों में ब्लॉकेज कहां और कितना है। अगर किसी को बार-बार सांस फूलने की शिकायत हो, छाती में दर्द रहता हो या ईसीजी रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी दिखे, तो डॉक्टर एंजियोग्राफी की सलाह देते हैं। इस जांच में शरीर की नसों में डाई डालकर एक्स-रे के ज़रिए आर्टरीज़ को देखा जाता है।

एंजियोप्लास्टी क्या होती है?

राजीव गांधी अस्पताल, दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजीत जैन के अनुसार, एंजियोप्लास्टी एक तरह की मिनिमली इनवेसिव सर्जरी है। इसमें ब्लॉकेज हटाने के लिए एक पतली ट्यूब (कैथेटर) के जरिए छोटी गुब्बारे जैसी डिवाइस को नसों में डाला जाता है। यह आमतौर पर कलाई या जांघ से किया जाता है। जहां ब्लॉकेज होता है, वहां गुब्बारे को फुलाया जाता है ताकि रुकावट साफ हो जाए। इसके साथ एक स्टेंट (धातु की जाली) भी डाली जाती है ताकि नसें फिर से न सिकुड़े। एक से ज्यादा स्टेंट भी लगाए जा सकते हैं, यह ब्लॉकेज की गंभीरता पर निर्भर करता है।

बाईपास सर्जरी कब करनी पड़ती है?

अगर हार्ट की कई नसें ब्लॉक हैं या स्टेंट से कोई फायदा नहीं हो रहा, तो डॉक्टर बाईपास सर्जरी की सलाह देते हैं। अपोलो अस्पताल के डॉ. चिन्मय गुप्ता के अनुसार, यह प्रक्रिया आमतौर पर तब की जाती है जब हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो। इस सर्जरी में शरीर के किसी दूसरे हिस्से से ली गई स्वस्थ नस को ब्लॉकेज वाली नस के चारों ओर जोड़ दिया जाता है ताकि ब्लड फ्लो का नया रास्ता बनाया जा सके। यह ऑपरेशन हार्ट-लंग मशीन की सहायता से किया जाता है ताकि मरीज को कोई खतरा न हो।

कितने ब्लॉकेज में कौन सा इलाज?

  • 20-30% ब्लॉकेज: दवा से इलाज संभव है, खासकर अगर ये मेन आर्टरी में नहीं है।
  • 40-50% ब्लॉकेज (2 जगह तक): स्टेंट डाला जा सकता है।
  • 70-80% से ज्यादा ब्लॉकेज और कई नसों में रुकावट: बाईपास सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

हालांकि, ये निर्णय मरीज की उम्र, उसकी हेल्थ हिस्ट्री और ब्लॉकेज की जगह के अनुसार लिए जाते हैं। कई बार कम ब्लॉकेज में भी स्टेंट डाला जा सकता है, अगर डॉक्टरों को ऐसा जरूरी लगे।

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