Dheerendra Shastri’s Emphasis On Historical Facts : “औरंगजेब महान नहीं, राणा सांगा का सम्मान हो”
March 28, 2025
0
मेरठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र और सनातन संस्कृति के पक्ष में मजबूत बयान दिया। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब
मेरठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र और सनातन संस्कृति के पक्ष में मजबूत बयान दिया। उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वालों और राजपूत शासक राणा सांगा पर सवाल उठाने वालों को कड़ी फटकार लगाई।
“इतिहास पढ़ें, बुद्धि शुद्ध करें”
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “औरंगजेब महान हो ही नहीं सकता। जो लोग राणा सांगा पर आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं, उन्हें फिर से इतिहास पढ़ना चाहिए। अपनी बुद्धि का शुद्धिकरण करें। जिसने इस देश के मंदिर तोड़े, वह महान कैसे हो सकता है?”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा स्पष्ट मत है कि जितने भी विधर्मी और विदेशी आक्रांता इस देश को तोड़ने आए, उनके नामोनिशान मिटा देना चाहिए।”
शास्त्री ने अपने संबोधन में अयोध्या राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, “अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। अब हम कहेंगे कि संभल, काशी और मथुरा तीनों बाकी हैं।” उन्होंने देश में एकता का आह्वान करते हुए कहा, “शांति की जगह क्रांति का पाठ होना चाहिए। देश को तोड़ने की बजाय जोड़ने का काम हो। जाति-पाति से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की बात हो। एक हाथ में संविधान हो, दूसरे में गीता और कुरान।”
क्या बोले थे सपा नेता रामजी लाल सुमन?
इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “बाबर को हिंदुस्तान लाने वाला कौन था, यह जानना चाहिए।” हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह किसी की भावनाएं आहत करना नहीं चाहते थे, बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक तथ्य बता रहे थे।
निष्कर्ष
धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश है, जो भारत के इतिहास को विकृत करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने राणा सांगा जैसे वीर योद्धाओं के सम्मान की बात करते हुए देश में राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक एकता का आह्वान किया है। अब देखना होगा कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर इस बहस का क्या असर होता है।