Demand Raised to Change the Name of Agra’s Shahjahan Garden – यूपी की महिला मंत्री ने दिया अहिल्याबाई होल्कर का सुझाव
April 7, 2025
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उत्तर प्रदेश की एक महिला मंत्री ने हाल ही में आगरा स्थित ऐतिहासिक शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर अहिल्याबाई होल्कर उद्यान रखने की मांग की है। यह बयान
उत्तर प्रदेश की एक महिला मंत्री ने हाल ही में आगरा स्थित ऐतिहासिक शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर अहिल्याबाई होल्कर उद्यान रखने की मांग की है। यह बयान जहां एक ओर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, वहीं इस नाम परिवर्तन के पीछे की सोच ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
आगरा की बेटी और महिलाओं की प्रेरणा
इस मांग को लेकर जब मंत्री जी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मैं आगरा की बेटी हूं और हमेशा से महान अहिल्याबाई होल्कर से प्रेरणा लेती रही हूं। उन्होंने ना सिर्फ न्यायप्रिय और प्रजावत्सल शासिका के रूप में पहचान बनाई, बल्कि महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में भी अहम योगदान दिया।”
उनका मानना है कि शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखने से महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी, खासकर युवा लड़कियों को, जो किसी आदर्श की तलाश में रहती हैं।
कौन थीं अहिल्याबाई होल्कर?
अहिल्याबाई होल्कर 18वीं सदी की एक महान मराठा रानी थीं जिन्होंने नर्मदा घाटी क्षेत्र में होल्कर साम्राज्य का सफलतापूर्वक संचालन किया। वे अपनी न्यायप्रियता, धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सुधारों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कई मंदिरों का निर्माण करवाया, धर्मस्थलों का पुनर्निर्माण कराया और महिला शिक्षा तथा कल्याण की दिशा में सराहनीय प्रयास किए।
नाम बदलने को लेकर विवाद और समर्थन
ऐतिहासिक स्थलों के नाम बदलने की प्रक्रिया अक्सर विवादों से घिरी रहती है। कुछ लोग इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, उनका मानना है कि ऐसे स्थलों का नाम उन लोगों के नाम पर होना चाहिए जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले रहे हों। वहीं कुछ इतिहासकार और नागरिक इस बदलाव के विरोध में हैं। उनका तर्क है कि शाहजहां गार्डन का ऐतिहासिक महत्व है और इसका नाम सम्राट शाहजहां की याद में है, जिन्होंने आगरा को वास्तुकला और संस्कृति के क्षेत्र में नई पहचान दी।
प्रेरणा बन सकती है यह पहल
मंत्री की यह पहल भले ही राजनीति से जुड़ी हो, लेकिन इसके पीछे सामाजिक दृष्टिकोण भी नजर आता है। महिला सशक्तीकरण के लिए जब कोई ऐतिहासिक महिला शासिका को सामने लाया जाता है, तो इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है।
यह देखा जाना बाकी है कि यह प्रस्ताव केवल एक विचार भर रहेगा या इसे सरकार की मंजूरी भी मिलेगी। लेकिन इतना तय है कि अहिल्याबाई होल्कर का नाम एक बार फिर चर्चा में है, और वह भी एक ऐसी बहस के केंद्र में जो महिलाओं की पहचान और प्रेरणा से जुड़ी है।