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Delhi Fire: रोहिणी में भीषण आग से दो मासूम बच्चों की मौत, 800 झुग्गियां जलकर खाक

  • April 28, 2025
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दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 17 में शुक्रवार को एक भयंकर आग लगने से हड़कंप मच गया। इस घटना में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई और पांच

Delhi Fire: रोहिणी में भीषण आग से दो मासूम बच्चों की मौत, 800 झुग्गियां जलकर खाक

दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 17 में शुक्रवार को एक भयंकर आग लगने से हड़कंप मच गया। इस घटना में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। आग ने 800 से ज्यादा झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे हज़ारों लोग बेघर हो गए। दमकलकर्मियों ने तीन घंटे की अथक मेहनत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली की झुग्गी-बस्ती क्षेत्र में आग से होने वाली घटनाओं के प्रति गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भीषण आग की शुरुआत

रोहिणी के सेक्टर 17 में स्थित एक झुग्गी बस्ती में शुक्रवार सुबह आग लगने की घटना सामने आई। आग का कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। एक झुग्गी से आग शुरू हुई और देखते ही देखते यह आसपास की अन्य झुग्गियों तक फैल गई। आग इतनी तेज थी कि आसपास के लोग और स्थानीय प्रशासन इसे बुझाने के लिए तत्काल एकजुट हो गए।

घटनास्थल पर राहत कार्य

दमकल विभाग को सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर तत्काल राहत कार्य शुरू किया गया। दमकलकर्मियों ने तीन घंटे तक लगातार काम किया और किसी तरह आग पर काबू पाया। अधिकारियों ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि उसमें लगभग 800 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, आग की चपेट में आने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जो बेहद दिल दहलाने वाली घटना थी। पांच अन्य लोग भी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।

Delhi Fire

बच्चों की मौत ने गहरा दुख छेड़ा

इस घटना में सबसे दुखद पहलू यह रहा कि आग की चपेट में दो मासूम बच्चे आ गए, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना स्थानीय निवासियों के लिए एक गहरा आघात बन गई है। बच्चों की मौत से ना सिर्फ उनके परिवारों का दिल टूटा है, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। हादसे के समय बच्चे अपने घरों में थे और आग की वजह से वे भागकर बाहर नहीं निकल सके।

आग के कारण और सुरक्षा की कमी

झुग्गी-बस्ती क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। गर्मियों में बढ़ती गर्मी, बिजली के शॉर्ट सर्किट और सीमित सुरक्षा उपायों के कारण आग लगने के मामलों में वृद्धि होती है। रोहिणी की घटना भी इसी तरह की सुरक्षा खामियों को उजागर करती है। कई झुग्गियों में बिजली का कनेक्शन अवैध रूप से जुड़ा हुआ होता है, जिससे शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में फायर फाइटिंग के लिए कोई सुसज्जित और तत्काल व्यवस्था नहीं होती है, जिससे आग पर काबू पाने में ज्यादा समय लगता है।

झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में जीवन की कठिनाइयाँ

झुग्गी बस्तियों में रहने वालों के लिए हर दिन एक संघर्ष होता है। इन लोगों को न सिर्फ अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीने में मुश्किलें आती हैं, बल्कि इनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जाते। ज्यादातर झुग्गियों में बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी रहती है। इसके बावजूद, लोग यहां अपनी ज़िंदगी बिताने को मजबूर हैं। आग लगने जैसी घटनाएं इन लोगों के लिए और भी भयावह हो जाती हैं क्योंकि इनके पास न तो सुरक्षित आवास है और न ही आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए उचित संसाधन।

दमकल विभाग की तत्परता

दमकल विभाग ने घटनास्थल पर तुरंत पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। विभाग ने तीन घंटे तक लगातार प्रयास किए और अंततः आग पर काबू पाया। दमकलकर्मियों की त्वरित कार्रवाई से कई लोगों की जान बचाई जा सकी, हालांकि दो मासूमों की जान का नुकसान हुआ। अधिकारियों ने कहा कि वे आग के कारणों की जांच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएंगे।

सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी

इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि प्रशासन और सरकार इन झुग्गी-बस्तियों में सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठा रही है। अगर इन क्षेत्रों में उचित सुरक्षा और जागरूकता अभियान चलाए जाते, तो शायद इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता था। सरकार को चाहिए कि वह इन इलाकों में रह रहे लोगों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और बचाव उपायों को सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

निष्कर्ष

दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में हुई यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को कितनी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आग ने न केवल दो मासूम बच्चों की जान ली, बल्कि सैकड़ों परिवारों का आशियाना भी नष्ट कर दिया। इसके बावजूद, प्रशासन और सरकार को इस घटना से सीख लेते हुए झुग्गी-बस्तियों में रहने वालों की सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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