धीरे-धीरे पैर पसार रहा कोरोना वायरस: नोएडा में 9 नए केस, सभी मरीज होम आइसोलेशन में
- May 27, 2025
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देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में नोएडा में 9 नए कोविड-19 केस सामने आए हैं,
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में नोएडा में 9 नए कोविड-19 केस सामने आए हैं,
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में नोएडा में 9 नए कोविड-19 केस सामने आए हैं, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इन सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, और स्थिति को लेकर निगरानी रखी जा रही है।
जहां एक तरफ जनता ने कोविड को लगभग भुला दिया था, वहीं दूसरी ओर वायरस ने एक बार फिर चुपचाप अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यह एक चेतावनी है कि महामारी भले ही काबू में हो, लेकिन खत्म नहीं हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते एक सप्ताह में देशभर में 1000 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस दिल्ली, नोएडा, महाराष्ट्र और केरल जैसे शहरी इलाकों से आ रहे हैं। यह दर्शाता है कि संक्रमण का खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
नोएडा में सोमवार को पहला मामला सामने आया था, जिसमें 55 वर्षीय महिला की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। स्वास्थ्य विभाग ने तत्परता दिखाते हुए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई, जिसके बाद मंगलवार को 9 नए पॉजिटिव केस मिले। इस तरह कुल 10 सक्रिय मामले (Active Cases) हो चुके हैं।
इन सभी मरीजों को घर पर ही आइसोलेशन में रखा गया है। अभी तक किसी भी मरीज में गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं, जो राहत की बात है।
नोएडा प्रशासन का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी बेहद ज़रूरी है। सभी केसों की निगरानी की जा रही है और जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे:
दिल्ली में भी कोविड के मामलों में तेजी देखी जा रही है। NCR क्षेत्र में लोगों की आवाजाही अधिक होने की वजह से संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है। नोएडा और दिल्ली के बीच रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह संक्रमण का हल्का लेकिन सतत चक्र है। चूंकि अब अधिकांश लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, इसलिए संक्रमण के मामले तो आ सकते हैं लेकिन गंभीरता कम होने की संभावना है।
फिर भी, बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
बीते वर्षों की सीख यही बताती है कि थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती है। कोविड की पिछली लहरों ने पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था। अब जब हालात नियंत्रण में हैं, तो उन्हें संभालकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
नोएडा में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामले सामने आना इस बात का संकेत है कि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। हालांकि स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद आवश्यक है। व्यक्तिगत सुरक्षा, मास्क पहनना, भीड़ से दूरी और लक्षणों को नजरअंदाज न करना – यही वायरस से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है।