अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: नौकासन से करें ब्लड शुगर कंट्रोल और मांसपेशियों को बनाएं मजबूत
- June 20, 2025
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आज के समय में हमारी जीवनशैली तेज़ रफ्तार, तनावपूर्ण और अनियमित हो गई है। अधिकतर लोग काम के बोझ, भागदौड़ और डिजिटल दुनिया में उलझ कर अपने शरीर
आज के समय में हमारी जीवनशैली तेज़ रफ्तार, तनावपूर्ण और अनियमित हो गई है। अधिकतर लोग काम के बोझ, भागदौड़ और डिजिटल दुनिया में उलझ कर अपने शरीर
आज के समय में हमारी जीवनशैली तेज़ रफ्तार, तनावपूर्ण और अनियमित हो गई है। अधिकतर लोग काम के बोझ, भागदौड़ और डिजिटल दुनिया में उलझ कर अपने शरीर और सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। अनहेल्दी खानपान, देर रात तक जागना, व्यायाम की कमी और तनावभरा माहौल धीरे-धीरे हमारी सेहत को प्रभावित करता है और अनेक बीमारियों को जन्म देता है। ऐसे में योग एक ऐसा प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय है, जो न केवल शरीर को संतुलित करता है, बल्कि मानसिक सुकून भी प्रदान करता है।
नौकासन, जिसे अंग्रेज़ी में Boat Pose कहा जाता है, एक विशेष योगासन है जो आपके शरीर की मजबूती, संतुलन और एकाग्रता को बेहतर बनाने में सहायक होता है। इस योगासन का नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है – ‘नौका’ अर्थात ‘नाव’ और ‘आसन’ अर्थात ‘मुद्रा’। जब आप इस आसन को करते हैं, तो आपका शरीर नाव की आकृति जैसा प्रतीत होता है। इस मुद्रा में रहकर कुछ मिनटों का अभ्यास करने से न केवल शरीर में लचीलापन आता है, बल्कि यह मांसपेशियों को मजबूत करने और कई बीमारियों से बचाव करने में भी सहायक होता है।नौकासन के लाभ – आयुष मंत्रालय की मान्यता
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, नौकासन एक अत्यंत प्रभावशाली योग मुद्रा है जो शरीर को संतुलन, शक्ति और स्थिरता प्रदान करती है। यह आसन विशेष रूप से पेट, जांघ और पीठ की मांसपेशियों पर असर डालता है। इस योग के नियमित अभ्यास से शरीर की अनावश्यक चर्बी कम होती है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसके अलावा यह मानसिक एकाग्रता और आत्मसंयम बढ़ाने में भी मदद करता है।
नौकासन का अभ्यास करते समय शरीर के मुख्य भागों जैसे पेट की मांसपेशियां, जांघें, निचला पेट, पीठ और कंधों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह आसन शरीर की शक्ति को जागृत करता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है। इससे शरीर में नई ऊर्जा उत्पन्न होती है और थकान दूर होती है।
नौकासन न केवल शरीर की बाहरी ताकत को बढ़ाता है, बल्कि आंतरिक अंगों को भी सक्रिय करता है। जब आप इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे पाचन अंगों में हल्का दबाव पड़ता है। यह दबाव पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और उसे बेहतर तरीके से कार्य करने में सहायता करता है। इसका सीधा प्रभाव गैस, अपच, कब्ज जैसी समस्याओं पर पड़ता है, जो धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। बेहतर पाचन के कारण शरीर में पोषण का अवशोषण अच्छे से होता है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
नौकासन का अभ्यास केवल शारीरिक लाभ तक सीमित नहीं है, यह मानसिक रूप से भी अत्यंत प्रभावी है। जब व्यक्ति इस आसन को करता है, तो उसे अपने शरीर को एक विशेष स्थिति में संतुलित करके कुछ देर तक स्थिर रखना होता है। यह प्रक्रिया मन को एकाग्र बनाने में मदद करती है और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाती है। रोज़ाना इसका अभ्यास करने से आत्मविश्वास, मनोबल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार आता है। यह योगासन विशेष रूप से विद्यार्थियों, कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स और उन सभी के लिए लाभकारी है जो मानसिक तनाव और अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
नौकासन निचले शरीर की मांसपेशियों जैसे जांघों, पिंडलियों और पेट के निचले हिस्से की मजबूती के लिए बहुत लाभदायक है। इस आसन के दौरान जब आप पैरों को हवा में ऊपर उठाते हैं, तो निचले अंगों पर खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे इन मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ती है। इसका नियमित अभ्यास धीरे-धीरे इन हिस्सों को मजबूत और लचीला बनाता है। जो लोग पैरों की कमजोरी, थकान या नसों में खिंचाव की समस्या से परेशान हैं, उनके लिए यह योगासन बेहद लाभकारी है।
नौकासन एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक शक्ति और संतुलन के साथ-साथ गंभीर बीमारियों से बचाव और नियंत्रण में भी मदद करता है। विशेष रूप से डायबिटीज के मरीजों के लिए यह योगासन अत्यंत उपयोगी माना गया है। इस आसन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और अग्न्याशय (Pancreas) सक्रिय होता है, जिससे इंसुलिन का प्रवाह बेहतर होता है। यह प्रक्रिया शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके अलावा यह योगासन रक्त प्रवाह को भी सुधरता है, जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा और ताजगी बनी रहती है।
योग दिवस 2025 पर नौकासन को अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाकर न केवल आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। यह योगासन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है और आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं से लड़ने की ताकत देता है।
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नौकासन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पेट की चर्बी, कमजोर पाचन, मांसपेशियों की कमजोरी या ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं। यह योगासन मानसिक एकाग्रता बढ़ाने और शरीर की संतुलन क्षमता सुधारने में भी मदद करता है।
हां, यह योगासन डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह अग्न्याशय को सक्रिय करता है और इंसुलिन के प्रवाह को बेहतर बनाता है। हालांकि किसी गंभीर स्थिति में डॉक्टर या योग प्रशिक्षक की सलाह लेना आवश्यक है।
दिल की बीमारी, अस्थमा, माइग्रेन, लो ब्लड प्रेशर, गंभीर सिरदर्द या गर्भावस्था के दौरान नौकासन से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को इस योगासन का अभ्यास करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
हां, नौकासन पेट की मांसपेशियों पर सीधा असर डालता है जिससे पेट की चर्बी धीरे-धीरे कम होती है। यह कोर स्ट्रेंथ को भी बेहतर बनाता है।
बिल्कुल, इस आसन के दौरान पेट पर हल्का दबाव पड़ता है जिससे पाचन तंत्र उत्तेजित होता है और कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।