अयोध्या में गंगा दशहरा पर भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा: द्वापर युग के शुभ मुहूर्त में होगा आयोजन
May 28, 2025
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अयोध्या, भगवान श्रीराम की नगरी, एक बार फिर से इतिहास रचने जा रही है। 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में
अयोध्या, भगवान श्रीराम की नगरी, एक बार फिर से इतिहास रचने जा रही है। 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यही नहीं, इस विशेष दिन पर मंदिर परिसर में बने सात अन्य मंदिरों की भी प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक संपन्न होगी।
द्वापर युग के शुभ मुहूर्त में होगा अनुष्ठान
यह आयोजन सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक के अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होगा। मान्यता है कि यही वह मुहूर्त है, जब द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। इस शुभ समय को चुनकर मंदिर प्रबंधन ने इसे एक विशेष ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे मुख्य अतिथि
इस अनुष्ठान के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। उनका हमेशा से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में विशेष योगदान और समर्थन रहा है। इस पवित्र कार्यक्रम में देशभर के संत-महात्मा, वेदाचार्य, और श्रद्धालु शामिल होंगे।
मंदिर परिसर में विराजेंगे राम दरबार और अन्य देवी-देवता
राम मंदिर के पहले तल पर भव्य राम दरबार स्थित है, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी और भक्त हनुमान की मूर्तियां प्रतिष्ठित की जाएंगी। इसके साथ-साथ, मंदिर के परकोटे में बने छह अन्य मंदिरों में भी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
2 जून से प्रारंभ होंगे धार्मिक अनुष्ठान
इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए तैयारियां 2 जून 2025 से शुरू हो जाएंगी। धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत कलश यात्रा से होगी, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालु भाग लेंगे।
धार्मिक कार्यक्रम की रूपरेखा:
2 जून: कलश यात्रा का आयोजन।
3 जून: यज्ञ मंडप का पूजन और अग्निदेव की स्थापना।
4 जून: पालकाएं और अधिवचन वैदिक विधि-विधान से निकाले जाएंगे।
5 जून: प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य आयोजन अभिजीत मुहूर्त में।
देशभर के संत-महात्मा होंगे शामिल
इस धार्मिक कार्यक्रम में काशी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, आचार्य विद्या रामानुजाचार्य, सौभाग्य नारायणाचार्य स्वामी सहित अनेक प्रमुख संतों की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा दक्षिण भारत के पीठाधीश्वर और अन्य प्रमुख वैदिक आचार्य भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।
यजमानों और आचार्यों की सूची तैयार
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए पंडित इंद्रेश मिश्र और आचार्य प्रवीण शर्मा को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले यजमानों की सूची भी तैयार कर ली गई है और उन्हें आमंत्रण भेजे जा रहे हैं। इन आमंत्रणों की जिम्मेदारी मंदिर प्रशासन ने पंडित इंद्रेश मिश्र और आचार्य प्रवीण शर्मा को सौंपी है।
इसके अतिरिक्त, पूरे अनुष्ठान को सम्पन्न कराने वाले वैदिक आचार्यों की एक विस्तृत सूची भी तैयार की गई है, ताकि हर अनुष्ठान शास्त्रोक्त विधियों से सम्पन्न हो सके।
ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संगम
अयोध्या में यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी है। त्रेता युग में राम दरबार की जो कल्पना हर भारतीय के मानस में बसी है, वह अब भौतिक रूप में मूर्त हो रही है। यह आयोजन एक ऐसे युग की ओर संकेत करता है, जहाँ सनातन संस्कृति को नया गौरव प्राप्त हो रहा है।
निष्कर्ष
5 जून 2025 का दिन अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रहा है। राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा, द्वापर युग के शुभ मुहूर्त में, न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए भावनात्मक क्षण होगा, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए एक सांस्कृतिक उत्सव भी होगा। यह आयोजन न केवल राम भक्तों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव और आस्था का प्रतीक बनेगा।