E-Vehicle Policy 2.0: कांग्रेस के देवेंद्र यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
- April 10, 2025
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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने 9 अप्रैल को दिल्ली सरकार की ई-वाहन नीति 2.0 का कड़ा विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने 9 अप्रैल को दिल्ली सरकार की ई-वाहन नीति 2.0 का कड़ा विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने 9 अप्रैल को दिल्ली सरकार की ई-वाहन नीति 2.0 का कड़ा विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति लाखों ऑटो चालकों की रोजी-रोटी छीनने वाली और गरीब विरोधी है। यादव ने कहा कि सरकार का काम लोगों को रोजगार देना है, लेकिन बीजेपी सरकार ऐसी नीतियां ला रही है, जो लोगों का रोजगार छीन रही हैं।
देवेंद्र यादव ने कहा कि नई नीति के तहत 15 अगस्त, 2025 से दिल्ली में किसी भी नए CNG ऑटो रिक्शा का पंजीकरण और पुराने CNG ऑटो परमिट का नवीनीकरण बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पहले CNG वाहनों को बढ़ावा देती है और अब उन्हीं को खत्म करने पर आमादा है, जिससे लगभग 6 लाख ऑटो चालक प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले से ही महंगाई चरम पर है और ओला-उबर जैसी निजी कंपनियों के कारण ऑटो चालकों की स्थिति पहले ही संकटग्रस्त है। ऐसे में बीजेपी सरकार की यह नई नीति ऑटो चालकों को बेरोजगारी की ओर धकेल देगी। यादव ने सुझाव दिया कि सरकार को पहले DTC और अन्य सरकारी विभागों को ई-वाहन में बदलने की योजना बनानी चाहिए और फिर धीरे-धीरे CNG ऑटो को ई-ऑटो में बदलने की योजना बनानी चाहिए, ताकि ऑटो चालकों पर आर्थिक बोझ न बढ़े।
यादव ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने भी ऑटो चालकों की मांगों की अनदेखी की थी, जबकि इन्हीं चालकों ने आप को सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब बीजेपी सरकार भी वही गलती दोहरा रही है।
प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर लाई जा रही इस नीति पर सवाल उठाते हुए यादव ने पूछा कि क्या बीजेपी सरकार अब CNG को अशुद्ध ईंधन मान रही है? उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने एक झटके में पूरी DTC बस सेवा को CNG पर आधारित कर दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित किया था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई थी।
देवेंद्र यादव ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार ने ई-वाहन नीति लागू करने से पहले दिल्ली में बिजली की बढ़ती मांग, उसकी उपलब्धता और चार्जिंग स्टेशनों की जरूरतों पर कोई ठोस योजना बनाई है? उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले से ही चार्जिंग स्टेशन कम हैं और बिजली की खपत हर साल बढ़ रही है। ऐसे में बिना समुचित तैयारी के ई-वाहन नीति लागू करना जल्दबाजी और गरीब विरोधी कदम है।
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