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गोवा में श्री लैराई जात्रा के दौरान मची अफरातफरी, 7 श्रद्धालुओं की मौत, 30 से अधिक घायल

  • May 3, 2025
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2 मई 2025 की रात गो2 मई 2025 की रात गोवा के शिरगांव में स्थित प्रसिद्ध श्री लैराई मंदिर में उस समय भारी अफरा-तफरी मच गई. जब वहां

गोवा में श्री लैराई जात्रा के दौरान मची अफरातफरी, 7 श्रद्धालुओं की मौत, 30 से अधिक घायल

2 मई 2025 की रात गो2 मई 2025 की रात गोवा के शिरगांव में स्थित प्रसिद्ध श्री लैराई मंदिर में उस समय भारी अफरा-तफरी मच गई. जब वहां ‘श्री लैराई जात्रा’ के अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए थे. यह धार्मिक आयोजन हर वर्ष पारंपरिक रूप से बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन इस बार यह पावन अवसर एक दर्दनाक हादसे में बदल गया। भीड़ के कारण मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।वा के शिरगांव में स्थित प्रसिद्ध श्री लैराई मंदिर में उस समय भारी अफरा-तफरी मच गई, जब वहां ‘श्री लैराई जात्रा’ के अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए थे। यह धार्मिक आयोजन हर वर्ष पारंपरिक रूप से बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। लेकिन इस बार यह पावन अवसर एक दर्दनाक हादसे में बदल गया। भीड़ के कारण मची भगदड़ में 7 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

कैसे हुआ हादसा: भीड़ में मची अचानक अफरातफरी

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर में रात के समय श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी. इसी दौरान किसी कारणवश अचानक भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. अफरातफरी में कई लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और बेकाबू भीड़ के नीचे दब गए। यह दृश्य बेहद डरावना था, लोगों की चीख-पुकार और भागमभाग ने माहौल को और भयावह बना दिया।

चश्मदीदों का कहना है कि भगदड़ के दौरान चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था, लोग कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है। घबराहट में लोगों ने बाहर निकलने की कोशिश की, जिससे और ज्यादा अफरातफरी फैल गई। यह हादसा महज कुछ मिनटों में कई जिंदगियों को लील गया।

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया: राहत और बचाव कार्य शुरू

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और आपातकालीन सेवाओं की टीमें मौके पर पहुंचीं। तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद पास के सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को भी तैनात किया गया।

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता मिले।

भगदड़ के कारणों की जांच जारी, शुरुआती रिपोर्टों में अव्यवस्था की आशंका

अधिकारियों ने अभी तक भगदड़ के पीछे की सटीक वजह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार यह घटना भीड़ के अत्यधिक दबाव और पर्याप्त प्रबंधों की कमी के कारण हुई। हालाँकि प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि कार्यक्रम के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, लेकिन घटनास्थल की तस्वीरें और वीडियो यह बताने के लिए काफी हैं कि भीड़ को नियंत्रित करना संभव नहीं हो पाया।

इस धार्मिक आयोजन में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में यदि पर्याप्त मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश न हों, तो ऐसी घटनाएं होना संभावित हो जाती हैं।

1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और ड्रोन निगरानी व्यवस्था

इस वर्ष की लैराई जात्रा को देखते हुए गोवा पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। लगभग 1000 पुलिसकर्मियों को मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में तैनात किया गया था। इसके अतिरिक्त भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, उनकी पत्नी सुलक्षणा सावंत, राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनावड़े, विधायक प्रेमेंद्र शेट और कार्लोस फरेरा जैसे वरिष्ठ नेता यात्रा की शुरुआत में उपस्थित थे। उनके द्वारा यात्रा स्थल का दौरा भी किया गया था। प्रशासन की तैयारियों को लेकर उस समय संतोष व्यक्त किया गया था, लेकिन हादसे ने व्यवस्थाओं की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया।

पीएम मोदी और सीएम सावंत ने जताया शोक

घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया,
“गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से गहरा दुख हुआ है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी घटना पर शोक जताया और तुरंत अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,
“श्री लैराई जात्रा के दौरान हुई इस दुखद घटना से बेहद व्यथित हूं। मैंने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। मैं स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।”

सीएम सावंत ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क किया और स्थिति की जानकारी ली। पीएम ने राज्य सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता देने की बात कही है।

स्थानीय समुदाय में शोक और नाराज़गी

इस दुर्घटना ने न केवल शिरगांव या गोवा बल्कि पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। स्थानीय समुदाय इस हादसे से बेहद आहत है। साथ ही कई लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि जब पहले से इस आयोजन में हजारों की भीड़ जुटने की आशंका थी, तो ऐसे में प्रशासन को और सख्त इंतजाम करने चाहिए थे।

मंदिर ट्रस्ट और आयोजन समिति से भी जवाबदेही तय करने की मांग उठ रही है। हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही है।

निष्कर्ष: भीड़ प्रबंधन बन रहा है बड़ी चुनौती

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि भारत में बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन प्रबंधन की व्यवस्था में अभी भी काफी सुधार की जरूरत है। प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम पर्याप्त नहीं थे या फिर सही तरीके से लागू नहीं किए गए — यह बात जांच के बाद स्पष्ट होगी।

हालांकि सरकार और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय रही, लेकिन इस घटना से सीखा जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी धार्मिक या सार्वजनिक आयोजन के दौरान ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।

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