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Chandigarh DGP Transferred to The Post of DIG in BSF: नौकरशाही में क्यों मचा हड़कंप?

  • April 3, 2025
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भारत की नौकरशाही में एक ऐसा फैसला आया, जिसने पुलिस और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी। गृह मंत्रालय (MHA) ने हाल ही में एक आदेश जारी किया,

Chandigarh DGP Transferred to The Post of DIG in BSF: नौकरशाही में क्यों मचा हड़कंप?

भारत की नौकरशाही में एक ऐसा फैसला आया, जिसने पुलिस और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी। गृह मंत्रालय (MHA) ने हाल ही में एक आदेश जारी किया, जिसमें चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) सुरेंद्र सिंह यादव, IPS (AGMUT:1997) को सीमा सुरक्षा बल (BSF) में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजने का निर्देश दिया गया।

यह खबर सामने आते ही पूरे प्रशासनिक और पुलिस महकमे में चौंकाने वाली प्रतिक्रियाएँ आईं। इतना ही नहीं, कई IPS अधिकारियों ने इसे अप्रैल फूल का मजाक तक समझ लिया। इसकी वजह थी – एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उनके मूल पद से नीचे के पद पर भेजने का यह असामान्य फैसला। आइए, जानते हैं कि यह फैसला क्यों इतना चौंकाने वाला है और इसके पीछे की संभावित वजहें क्या हो सकती हैं।

 DGP Transferred to The Post of DIG in BSF

आखिर क्यों चौंकाने वाला था यह आदेश?

आमतौर पर किसी वरिष्ठ अधिकारी का प्रमोशन होने पर उन्हें ऊँचे पद पर भेजा जाता है, लेकिन इस मामले में स्थिति उल्टी हो गई। एक राज्य के DGP को DIG पद पर ट्रांसफर करना अपने आप में एक असामान्य घटना है। DIG, पुलिस महकमे में DGP से तीन रैंक नीचे का पद होता है।

  • DGP (Director General of Police) – सबसे उच्च पद
  • ADG (Additional Director General) – DGP से नीचे
  • IG (Inspector General) – ADG से नीचे
  • DIG (Deputy Inspector General) – IG से नीचे

यानी, सुरेंद्र सिंह यादव को उनके वर्तमान पद से तीन रैंक नीचे के पद पर भेजा गया। यह ऐसा ही है जैसे किसी मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी बना दिया जाए। यही कारण है कि यह ट्रांसफर ऑर्डर देखकर अधिकारियों को यकीन नहीं हुआ और इसे अप्रैल फूल का मजाक समझा गया।

क्या यह प्रशासनिक भूल है या सोची-समझी रणनीति?

इस फैसले को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग इसे प्रशासनिक गलती मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति हो सकती है।

  1. नए प्रशासनिक ढांचे की शुरुआत?
    हो सकता है कि सरकार पुलिस और सुरक्षाबलों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए नए नियम लागू कर रही हो, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को अर्धसैनिक बलों में काम करने का अनुभव दिया जा रहा हो।
  2. कोई सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई?
    कई बार अधिकारियों को उनकी परफॉर्मेंस या विवादों के कारण लोअर पोस्टिंग पर भेजा जाता है। हालांकि, यादव के खिलाफ ऐसी कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं है जो इस संभावना की पुष्टि कर सके।
  3. प्रतिनियुक्ति (Deputation) की नई व्यवस्था?
    प्रशासनिक सेवा में कई बार अधिकारियों को अनुभव बढ़ाने के लिए अन्य विभागों में भेजा जाता है। यह संभव है कि सुरेंद्र सिंह यादव को BSF में ऑपरेशनल अनुभव देने के लिए भेजा गया हो।

IPS अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस फैसले को लेकर ज्यादातर वरिष्ठ IPS अधिकारियों ने आश्चर्य जताया है। कई अधिकारियों ने इसे “अप्रत्याशित” और “हैरान करने वाला” बताया। उनका कहना है कि अगर सरकार को यादव का ट्रांसफर करना ही था, तो उन्हें किसी समान स्तर के पद पर भेजा जाना चाहिए था, न कि तीन रैंक नीचे।

निष्कर्ष: प्रशासनिक फैसलों का नया दौर?

DGP सुरेंद्र सिंह यादव का DIG के रूप में BSF में ट्रांसफर भारतीय नौकरशाही के लिए एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सिर्फ एक अपवाद है या भविष्य में ऐसे और फैसले देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल, इस ट्रांसफर से जुड़े असली कारणों पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन इतना तय है कि यह फैसला प्रशासनिक हलकों में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा।

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