आंतों में कैंसर के कारण और खतरे: जानिए कोलन कैंसर के शुरुआती संकेत
- April 29, 2025
- 0
आंतों में कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में कोलन कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। अक्सर इस कैंसर की शुरुआत में कोई खास लक्षण नजर
आंतों में कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में कोलन कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। अक्सर इस कैंसर की शुरुआत में कोई खास लक्षण नजर
आंतों में कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में कोलन कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। अक्सर इस कैंसर की शुरुआत में कोई खास लक्षण नजर नहीं आते, जिस कारण इसका समय पर पता लगाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि कुछ लोगों में शुरुआती स्तर पर इसके कुछ संकेत उभर सकते हैं, जिन्हें पहचान कर समय रहते इलाज संभव हो सकता है।
कोलन यानी बड़ी आंत का पहला और सबसे लंबा हिस्सा होता है। जब इसमें मौजूद कोशिकाओं की असामान्य तरीके से वृद्धि होने लगती है, तो कैंसर का खतरा पैदा होता है। प्रारंभिक अवस्था में ये कोशिकाएं छोटे-छोटे समूह के रूप में विकसित होती हैं, जिन्हें पॉलीप्स कहा जाता है। पॉलीप्स शुरुआत में हानिरहित हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ ये कैंसर का रूप ले सकते हैं।
आंतों के कैंसर का खतरा मुख्य रूप से बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में इसका खतरा ज्यादा होता है। हालांकि, हाल के वर्षों में बदलती जीवनशैली के कारण युवा वर्ग में भी कोलन कैंसर के मामले बढ़ते देखे गए हैं। खासकर खराब खानपान, असंतुलित जीवनशैली और प्रदूषण जैसे कारक इसे और भी खतरनाक बना रहे हैं।
आंतों में कैंसर विकसित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
अगर किसी व्यक्ति के कोलन में पॉलीप्स पाए जाते हैं, तो डॉक्टर अक्सर नियमित कोलोनोस्कोपी जांच कराने की सलाह देते हैं। इससे पॉलीप्स के कैंसर में बदलने से पहले ही उनका पता लगाया जा सकता है और सही समय पर इलाज किया जा सकता है।
आंतों के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जीवनशैली में सुधार करना भी बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी, और समय-समय पर चिकित्सकीय सलाह लेना इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
ये भी पढ़ें – बिना जरूरत डोलो लेना पड़ सकता है भारी, जानिए इसके साइड इफेक्ट्स