Bike Taxis Banned in Karnataka: ओला, उबर और रैपिडो की सेवाओं पर असर
- April 3, 2025
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार (2 अप्रैल) को एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में संचालित सभी बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार (2 अप्रैल) को एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में संचालित सभी बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस
कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार (2 अप्रैल) को एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में संचालित सभी बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत ओला (Ola), उबर (Uber) और रैपिडो (Rapido) को अपनी बाइक टैक्सी सेवाएं बंद करने के लिए छह हफ्तों का समय दिया गया है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन कंपनियों के बाइक टैक्सी एप्लिकेशन को भी रद्द करे।
कर्नाटक सरकार ने पहले भी बाइक टैक्सी सेवाओं पर रोक लगाने का प्रयास किया था, लेकिन इस बार हाई कोर्ट ने इस पर अंतिम मुहर लगा दी है। सरकार और परिवहन विभाग का कहना है कि बाइक टैक्सी सेवाएं बिना उचित परमिट और लाइसेंस के संचालित हो रही थीं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ था। इसके अलावा, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी यूनियन लंबे समय से बाइक टैक्सी सेवाओं के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, क्योंकि इससे उनकी आय पर असर पड़ रहा था।
इस फैसले से ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। ये कंपनियां अपनी ऐप-आधारित सेवाओं के जरिए यात्रियों को किफायती और सुविधाजनक परिवहन सेवा उपलब्ध करा रही थीं। बाइक टैक्सी सेवाओं की लोकप्रियता खासकर बेंगलुरु जैसे शहरों में बहुत अधिक थी, जहां ट्रैफिक की समस्या बड़ी है। लेकिन अब, इन सेवाओं के बंद होने से यात्रियों को फिर से महंगे ऑटो-रिक्शा या अन्य सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेना पड़ेगा।
इस बैन का सबसे बड़ा असर उन हजारों ड्राइवरों पर पड़ेगा जो ओला, उबर और रैपिडो के जरिए अपनी आजीविका कमा रहे थे। बाइक टैक्सी सेवाएं न केवल युवाओं के लिए एक अच्छी आय का जरिया थीं, बल्कि कम लागत में एक आसान ट्रांसपोर्ट विकल्प भी प्रदान कर रही थीं।
वहीं, यात्रियों के लिए भी यह एक असुविधाजनक स्थिति बन सकती है, क्योंकि अब उन्हें यात्रा के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। खासकर वे लोग जो रोजाना कम दूरी की यात्रा के लिए बाइक टैक्सी का उपयोग करते थे, उन्हें अब अधिक किराया चुकाना पड़ सकता है।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रतिबंध स्थायी होगा या अस्थायी। परिवहन विभाग और सरकार इस मुद्दे पर गहराई से विचार कर रही है। संभावना है कि सरकार कुछ नए नियम और शर्तों के साथ बाइक टैक्सी सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दे सकती है।
इसके अलावा, कई बाइक टैक्सी कंपनियां सरकार के इस फैसले के खिलाफ कानूनी कदम उठाने पर भी विचार कर रही हैं। अगर कोर्ट में यह मामला दोबारा जाता है, तो भविष्य में बाइक टैक्सी सेवाओं को फिर से शुरू करने की संभावना बनी रह सकती है।
कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवाओं पर बैन लगने से न केवल कंपनियों को नुकसान हुआ है, बल्कि यात्रियों और ड्राइवरों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस फैसले से सार्वजनिक परिवहन को मजबूती मिल सकती है, लेकिन यात्रियों की सुविधा और रोजगार के अवसरों में कमी आ सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और अदालत इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या कोई नया समाधान निकाला जाता है।