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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर बड़ा खुलासा: इन ऐप्स के ज़रिए भेजी गोपनीय जानकारी

  • May 24, 2025
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भारत की एक चर्चित ट्रैवल व्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिन्हें लाखों लोग उनके यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ के ज़रिए जानते हैं, अब एक बेहद गंभीर और

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर बड़ा खुलासा: इन ऐप्स के ज़रिए भेजी गोपनीय जानकारी

भारत की एक चर्चित ट्रैवल व्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जिन्हें लाखों लोग उनके यूट्यूब चैनल ‘Travel with JO’ के ज़रिए जानते हैं, अब एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाले मामले को लेकर राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। जहां कभी लोग उनके पाकिस्तानी खानपान, सड़कों, और स्थानीय संस्कृति के अनुभवों को बेहद दिलचस्पी से देखते थे, वहीं अब उन्हीं वीडियो को संदेह की नजर से देखा जा रहा है। वजह? ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप लगे हैं।

हिसार पुलिस की कार्रवाई: गिरफ्तारी और जांच की शुरुआत

हरियाणा के हिसार से शुरू हुई इस जांच ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्योति व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर भारत की गोपनीय और सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान को भेजती थीं।

एन्क्रिप्टेड ऐप्स बना जासूसी का ज़रिया

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि ज्योति ने पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों के साथ बातचीत के लिए ऐसे चैटिंग प्लेटफॉर्म्स को चुना, जो सुरक्षित और ट्रेस करना मुश्किल माने जाते हैं। विशेष रूप से व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ऐप्स को इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया गया। उनकी चैटिंग हिस्ट्री और चैट्स में मिले “कोडवर्ड्स” इस बात का संकेत देते हैं कि संवाद बेहद सावधानीपूर्वक और सुनियोजित तरीके से किया जा रहा था।

यात्रा इतिहास की गहन जांच में सामने आया है कि ज्योति अक्सर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कर रही थीं, जिनमें पाकिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों की यात्राएं भी शामिल थीं। सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी इन यात्राओं और वहां हुई मुलाकातों को लेकर विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है।

‘दानिश’ उर्फ़ अहसन-उर-रहीम का कनेक्शन

जांच में एक और अहम नाम सामने आया है — अहसन-उर-रहीम उर्फ़ दानिश। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ज्योति की मुलाकात इस व्यक्ति से 2023 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान हुई थी। यह मुलाकात बाद में और भी गहराई में तब बदल गई जब दोनों इंडोनेशिया में एक साथ देखे गए। यह संदेह जताया जा रहा है कि दानिश ने ही ज्योति की पहचान ISI एजेंट्स से करवाई और उन्हें भारत की संवेदनशील जानकारी जुटाने और भेजने का जिम्मा सौंपा।

यूट्यूब चैनल बना प्रोपेगेंडा फैलाने का माध्यम?

सिर्फ जासूसी ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल “सॉफ्ट प्रोपेगेंडा” फैलाने के लिए किया गया — ऐसा शक भी अधिकारियों को है। ‘Travel with JO’ यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए कुछ वीडियो अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। इन वीडियो में पाकिस्तान की ‘बेमिसाल मेहमाननवाज़ी’, स्थानीय लोगों की ‘शालीनता’, और वहाँ के सिस्टम की ‘सकारात्मक छवि’ को ज़्यादा उभारा गया है।

इनमें से एक वीडियो का शीर्षक था — Indian Girl in Pakistan, जिसे लाखों लोगों ने देखा और पसंद किया। हालांकि अब यही वीडियो यह संदेह खड़ा कर रहे हैं कि क्या यह सब सिर्फ एक ट्रैवल व्लॉग था या इसके पीछे पाकिस्तान प्रायोजित एजेंडा छुपा हुआ था? सवाल गंभीर हैं और जांच एजेंसियां हर ऐंगल से पड़ताल कर रही हैं।

डिप्लोमैटिक संबंध और VIP इफ्तार पार्टी की भागीदारी

ज्योति के पाकिस्तानी हाई कमीशन के साथ संबंधों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा आयोजित एक VIP इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया था। इस पार्टी में कई डिप्लोमैट्स और पत्रकारों की मौजूदगी थी। अब यह जाँच की जा रही है कि क्या इस कार्यक्रम के बहाने किसी प्रकार की संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान हुआ था, या फिर यह सिर्फ सामाजिक मेलजोल था।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, जांच तेज

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। एक बार जब ज्योति ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान यात्रा के दौरान एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल करती थीं, तो मामले ने और भी गंभीर मोड़ ले लिया। उनके मोबाइल फोन्स, लैपटॉप्स, ईमेल आईडीज़, सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक ट्रांजैक्शंस की गहन फॉरेंसिक जांच की जा रही है।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह केस इस बात का सबूत है कि सोशल मीडिया के ज़रिए देशविरोधी ताकतें कितनी चालाकी से काम कर सकती हैं। व्लॉगिंग और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस का मुखौटा पहनकर किसी भी देश में प्रवेश करना, वहाँ लोगों का विश्वास जीतना और फिर जासूसी जैसे कृत्य को अंजाम देना — यह आधुनिक जासूसी के नए तरीकों को उजागर करता है।

डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स की निगरानी होगी सख्त

इस घटना के बाद अब सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स पर कड़ी नजर रखने की योजना बना रही हैं। खास तौर पर वे कंटेंट क्रिएटर्स जो अक्सर विदेशी यात्राएं करते हैं, या जिनके विदेशी नागरिकों से लगातार संपर्क रहते हैं — वे अब निगरानी के दायरे में आ सकते हैं।

सरकारी सूत्रों का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया की पहुंच जितनी तेज़ हो गई है, उसकी आड़ में देशविरोधी तत्व भी अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यह मामला बताता है कि सिर्फ हथियार या नक्शे ही नहीं, बल्कि सूचनाएं भी अब युद्ध का माध्यम बन चुकी हैं।

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