Bengaluru Suicide Case: सुसाइड नोट में कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, जानें पूरी घटना
- April 5, 2025
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कर्नाटक के कोडागु जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। बेंगलुरु में रहने वाले विनय,
कर्नाटक के कोडागु जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। बेंगलुरु में रहने वाले विनय,
कर्नाटक के कोडागु जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। बेंगलुरु में रहने वाले विनय, जो मूल रूप से कोडागु जिले के सोमवारपेट के निवासी थे, ने हाल ही में आत्महत्या कर ली। लेकिन यह मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि विनय ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए कांग्रेस पार्टी और कुछ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
विनय एक व्हाट्सएप ग्रुप “कोडागिना समासयेगलु” के एडमिन थे। इस ग्रुप पर हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कानूनी सलाहकार और कांग्रेस विधायक एएस पोन्नन्ना के खिलाफ एक विवादास्पद पोस्ट साझा की गई थी। इस पोस्ट में एडिट की गई एक तस्वीर दिखाई गई थी, जिसमें पोन्नन्ना पारंपरिक कोडवा पोशाक में टॉयलेट के पास खड़े नजर आ रहे थे। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, जिसके बाद मामला राजनीतिक रंग लेने लगा।
इस पोस्ट के बाद कांग्रेस समर्थकों और नेताओं ने नाराजगी जताई। बताया जा रहा है कि विनय पर इस तस्वीर को फैलाने और ग्रुप एडमिन होने के नाते कार्रवाई की धमकी दी गई थी। कांग्रेस विधायक एएस पोन्नन्ना की ओर से इस मामले में कानूनी नोटिस भेजे गए और पुलिस कार्रवाई की बात भी सामने आई।
विनय ने अपने सुसाइड नोट में साफ तौर पर लिखा कि वह मानसिक दबाव में हैं और उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और कुछ नेताओं को अपनी मानसिक स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। सुसाइड नोट में यह भी कहा गया कि वह बेगुनाह हैं और सिर्फ एक ग्रुप एडमिन के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें राजनीतिक बदले का शिकार बनाया जा रहा है।
विनय के परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि विनय एक शांत और जिम्मेदार व्यक्ति थे, लेकिन राजनीतिक दबाव और धमकियों के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि क्या अब अभिव्यक्ति की आज़ादी भी खतरे में है?
विनय की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या राजनीतिक दबाव किसी की जान ले सकता है? क्या एक व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन होना अब कानूनी खतरे का कारण बन सकता है? इस मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही, राजनीतिक दलों को भी चाहिए कि वे अपनी ताकत का इस्तेमाल लोगों की सेवा में करें, न कि उन्हें डराने और दबाने में।